Urja Saksharta Abhiyan-Usha: देश और दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु असंतुलन (जलवायु में बार बार परिवर्तन) और बिजली के अपव्यय से बचाने के लिये ऊर्जा साक्षरता अभियान (ऊषा) के रूप में लोगों को जागरूक करने की अनूठी पहल मध्यप्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग ने की है।
अभियान में प्रदेश के साढ़े 7 करोड़ नागरिकों को समयबद्ध कार्य-योजना बनाकर ऊर्जा साक्षर बनाने के प्रयास किये जायेंगे। पहले 6 महीनों में 50 लाख नागरिकों को ऊर्जा साक्षर बनाने का लक्ष्य है।
अभियान का उद्देश्य लोगों को ऊर्जा प्रयोग के प्रति संवेदनशील बनाते हुए आगामी वर्षों में पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु संतुलन के दुष्प्रभावों से बचाना है। इसके अंतर्गत ऊर्जा के व्यय एवं अपव्यय की समझ विकसित करना, ऊर्जा के पारम्परिक एवं वैकल्पिक साधनों की जानकारी देना, उनका पर्यावरण पर प्रभाव, ऊर्जा एवं ऊर्जा के उपयोग के बारे में सार्थक संवाद, ऊर्जा संरक्षण एवं प्रबंधन के बारे में जागरूकता, ऊर्जा उपयोग के प्रभावों, परिणामों की समझ के आधार पर इसके दक्ष उपयोग के लिये निर्णय लेने की दक्षता उत्पन्न करना, पर्यावरणीय जोखिम एवं जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव को कम करना और विभिन्न ऊर्जा तकनीकों के चयन के लिये लोगों को सक्षम बनाया जायेगा।
स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों सहित जन-साधारण को ऊर्जा की महत्ता, पारम्परिक ऊर्जा से होने वाला कार्बन उत्सर्जन, सौर, पवन, बॉयोमॉस आदि हरित ऊर्जा के लाभ और मितव्ययता आदि की विस्तृत जानकारी दी जायेगी। अभियान के जरिये लोगों को बताया जायेगा कि एक यूनिट बिजली बचाने से लगभग 2 यूनिट बिजली का उत्पादन बढ़ता है।
नई पीढ़ी द्वारा ऊर्जा निर्माण और सदुपयोग में जागरूकता कमी के कारण दूरगामी परिणाम होंगे। ऊर्जा उपयोग के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ की जानकारी सुलभ रूप में पहुँचाने और अपनाने का कार्य मिशन के रूप में किया जायेगा। श्रेणीगत प्रशिक्षण के माध्यम से चरण-बद्ध सर्टिफिकेशन का भी प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के सभी नागरिकों को समय-बद्ध कार्य-योजना के अनुसार ऊर्जा साक्षर बनाया जायेगा। पोस्टर, होर्डिंग, एनीमेशन, वीडियो, सोशल मीडिया, जिंगल्स, मोबाइल एप, स्वयं करके देखो आदि विधाओं द्वारा रोचक तरीके से लोगों को क्लीन ऊर्जा के संवर्धन और संरक्षण के लिये प्रेरित किया जायेगा।
अभियान के बारे में :
वर्तमान परिदृष्य में जलवायु परिवर्तन के पर्यावरणीय दुष्प्रभाव वैश्विक स्तर पर परिलक्षित हो रहे है। इस स्थिति से प्रत्येक व्यक्ति अवगत है तथा प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से भागीदार भी है।
अत: आवश्यक यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को ऊर्जा के व्यय/अपव्यय सम्बन्धित प्राथमिक जानकारी हो। इसी परिपेक्ष्य में, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा ”ऊर्जा साक्षरता अभियान” (UShA) प्रारम्भ किया जा रहा है –
- विश्व में इस अनूठे अभियान के माध्यम से स्कूलों-कॉलेजों के विद्यार्थियों एवं जन साधारण को ऊर्जा, सौर ऊर्जा और ऊर्जा की बचत के विषय में जानकारी दी जायेगी।
- जनसाधारण तक ऊर्जा के उपयोग के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ की जानकारी सुलभ रूप में पहुँचाने एवं अपनाने का कार्य एक मिशन के रूप में क्रियान्वित करना।
- अभियान में श्रेणीगत प्रशिक्षण (Graded Learning) के माध्यम से चरणबद्ध सर्टिफिकेशन का प्रावधान किया गया है।
अभियान का उद्देश्य :
इस ऊर्जा साक्षरता अभियान के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:–
- प्रदेश के समस्त नागरिकों को समयबद्ध कार्य योजना अनुसार ऊर्जा साक्षर बनाने का महाअभियान।
- ऊर्जा के व्यय एवं अपव्यय की समझ विकसित करना।
- ऊर्जा के पारम्परिक एवं वैकल्पिक साधनों की जानकारी एवं इनका पर्यावरण पर प्रभाव की समझ पैदा करना।
- विभिन्न ऊर्जा तकनीकों के चयन हेतु सक्षम बनाना।
- ऊर्जा एवं ऊर्जा के उपयोग के बारे में सार्थक संवाद स्थापित करना।
- ऊर्जा संरक्षण एवं प्रबंधन के बारे में जागरूक करना।
- ऊर्जा उपयोग के प्रभावों, परिणामों की समझ के आधार पर इसके दक्ष उपयोग हेतु निर्णय लेने की दक्षता उत्पन्न करना।
- पर्यावरणीय जोखिम एवं जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव को कम करना।
ऊर्जा साक्षरता अभियान – क्रियान्वयन घटक (AID) : –
ऊर्जा साक्षरता अभियान को निम्न घटकों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा:-
(अ) जागरूकता (Awareness)
(ब) जानकारी (Information)
(स) प्रदर्शन (Demonstration)
अ. Awareness – जागरूकता :
(Awareness) घटक के तहत् जन साधारण हेतु निम्न प्रचार सामग्री के माध्यम से जागरूक करना –
- पोस्टर
- होर्डिंग
- एनीमेशन वीडियो
- सोशल मीडिया
- एफ.एम. रेडियो
- जिंगल्स
- वॉल पेन्टिंग
- अन्य
ब. Information जानकारी –
(Awareness) घटक के तहत् जन साधारण हेतु निम्न प्रचार सामग्री के माध्यम से जागरूक करना –
- अभियान को संचार के प्रभावी तरीके ”वेब पोर्टल” व मोबाईल एप्प आधारित ऑनलाईन प्रशिक्षण पद्धति से क्रियान्वित करना।
- पाठ्यक्रम मॉड्यूल की प्रस्तावित श्रेणियाँ – लेवल I से IV तक एवं मास्टर ट्रेनर एवं वॉलन्टियर्स के लिए।
- स्कूलों में ऊर्जा साक्षरता बाबत् ”स्वयं करके देखो” (Do it yourself) जैसे प्रयोग।
- ”ऊर्जा साक्षरता अभियान” योजना में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु वेबपोर्टल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाणीकरण हेतु प्रेरित करना।
- नागरिक द्वारा स्वयं का प्रमाणीकरण करना।
- परिवार के सदस्यों का प्रमाणीकरण कराना।
- पास-पड़ोस के लोगों को प्रमाणीकरण हेतु प्रोत्साहित करना।
- मोहल्ले / कॉलोनी के लोगों को प्रमाणीकरण हेतु प्रोत्साहित करना।
- अभियान को विस्तार देने के लिए स्कूलों, विद्यालयों, विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को Brand Ambassador बनाया जाएगा।
- किसान/गृहणी/व्यवसायिक/छात्र-छात्रा/नौकरी पेशा/सभी वर्ग के लोगों को उत्कर्ष सहभागिता होने पर पुरूस्कृत किया जाना प्रस्तावित है।
- समाज के समस्त वर्गो को अभियान से जोड़ने के विशेष रूप से कार्यक्रमों का रूपांकन किया जाएगा।
स. Demonstration प्रदर्शन –
- अक्षय ऊर्जा आधारित संयंत्रों की स्थापना का प्रदर्शन किया जायेगा ताकि जन साधारण में अक्षय ऊर्जा को अपनाने के लिये व्यापक चेतना का प्रचार-प्रसार हो सके।
- प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल साँची शहर को ”सोलर सिटी” के रूप में विकसित किया जाएगा।
- चयनित शासकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जीकृत किया जायेगा। जिले के बड़े शासकीय भवनों में ”शून्य निवेश” आधारित ”रेस्को” मॉडल पर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना।
- आँगनवाड़ी भवनों को सौर ऊर्जीकृत किया जायेगा। आँगनवाड़ी भवनों में ”नो ग्रिड-नो बैटरी” आधारित सौर संयंत्र।
- तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 12 तकनीकी संस्थानों को “off-grid” किया जाकर सम्पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जा सके।
- चिन्हित चिकित्सा केन्द्रों का सौर ऊर्जीकरण किया जाएगा।
- प्रदर्शन स्थलों की Success Stories को विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जायेगा।
मोबाइल से होगा पंजीयन :
ऊर्जा साक्षरता अभियान से जुड़ना पूरी तरह नि:शुल्क है। वेब पोर्टल या मोबाइल एप से एप डाउनलोड कर मोबाइल ओटीपी के माध्यम से पंजीयन होगा। इसके बाद लोग अपनी इच्छानुसार निर्धारित पाठ्यक्रमों में से एक का चयन कर सकेंगे।
पाठ्यक्रम के चयन पर प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम (मॉड्यूल) डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। प्रतिभागी अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन पद्धति से बहु-विकल्पीय प्रश्नों के रूप में एक परीक्षा में भाग ले सकेगा। प्रश्न कम्प्यूटर द्वारा रेंडम आधार पर होंगे।
प्रतिभागी के उत्तरों के आधार पर ऑनलाइन ऊर्जा साक्षरता प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। प्रमाण-पत्र ओटीपी वेरीफिकेशन से डाउनलोड किया जा सकेगा। प्रतिभागियों को श्रेणी सुधार एवं अन्य उच्च स्तर पर परीक्षा में सम्मिलित होने की सुविधा भी होगी।
मिलेगी प्रत्यक्ष जानकारी :
जन-साधारण को अक्षय ऊर्जा उपयोग की ओर प्रेरित करने के लिये अक्षय ऊर्जा आधारित संयंत्रों की स्थापना का प्रदर्शन भी किया जायेगा। चुने हुए शासकीय कार्यालयों, आँगनवाड़ी भवनों, चिन्हित चिकित्सा केन्द्रों आदि को सौर ऊर्जीकृत किया जायेगा।
बड़े शासकीय भवनों में “शून्य निवेश” आधारित “रेस्को” मॉडल पर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। तकनीकी शिक्षा विभाग के 12 तकनीकी संस्थानों को ऑफग्रिड किया जाकर पूर्ण रूप से सौर ऊर्जीकृत किया जा रहा है। प्रदर्शन स्थलों की सफलता की कहानियों को विभिन्न माध्यमों से लोगों के बीच पहुँचाया जा रहा है।
विकास की अंधाधुंध दौड़ के परिणाम स्वरूप उपजी ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु असंतुलन को नियंत्रित करने में ऊर्जा साक्षरता अभियान एक महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट सिद्ध होगा। कहते हैं बूंद-बूंद से घट भरता है।
उम्मीद की जा रही है कि मध्यप्रदेश में हुई इस महत्वपूर्ण पहल का देश के अन्य राज्यों पर भी असर पड़ेगा। मध्यप्रदेश का यह नवाचार जब देश-दुनिया में फैलेगा, तो निश्चित ही अनियंत्रित होते हुए पर्यावरण में सुधार होगा, जो हमारे द्वारा आने वाली पीढ़ियों के लिये एक अनमोल सौगात होगी।