RTE MP Admisson 2025 Eligibility and Online Process : RTE (RIGHT TO EDUCATION) अनिवार्य शिक्षा के तहत मध्य प्रदेश के वंचित और कमजोर वर्ग (वंचित: वंचित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार और 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता वाले बच्चे शामिल। कमजोर वर्ग – कमजोर वर्ग में गरीबी रेखा के नीचे के परिवार शामिल।) को निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाती है |
वंचित समूह और कमज़ोर वर्ग के बच्चों का प्रायवेट स्कूलों की प्रथम कक्षा में निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था
- निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत बनाये गये नियम दिनांक- 26 मार्च 2009 से लागू। नियम अंतर्गत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए प्रायवेट स्कूलों तथा केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया निर्धारित।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में कक्षा 1 में अथवा प्री स्कूल की शिक्षा से प्रारंभ होने वाले प्रायवेट स्कूलों की प्रवेशित कक्षा में, न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश देना अनिवार्य। शासन द्वारा नियमानुसार फीस की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था।
- स्कूल की पड़़ोस की बसाहटों में निवासरत् इन वर्गों के परिवार के बच्चें उपरोक्त सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
- प्रवेश के बाद संबंधित स्कूल में कक्षा 8 तक निःशुल्क अध्ययन की सुविधा।
वंचित समूह और कमजोर वर्ग कौन हैं ?
- वंचित समूह – वंचित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार और 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता वाले बच्चे शामिल।
- कमजोर वर्ग – कमजोर वर्ग में गरीबी रेखा के नीचे के परिवार शामिल।
- HIV ग्रस्त बच्चे

वंचित समूह, कमजोर वर्ग तथा HIV ग्रस्त वर्ग का प्रमाण
- वंचित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति के लिए राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार के लिए संबंधित पट्टा या वन अधिकार अधिनियम के तहत जारी अधिकार पत्र, निःशक्तता वाले बच्चों के लिए 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता का चिकित्सीय प्रमाण पत्र या उपरोक्त सभी के लिए किसी अन्य शासकीय दस्तावेज में दर्ज जानकारी के आधार पर प्रवेश।
- कमजोर वर्ग के लिए बी.पी.एल. कार्ड मान्य।
- महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा पंजीकृत अनाथ बच्चे
- HIV ग्रस्त केटेगरी का है तो जिला मेडिकल वोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र:
- कोविड-19 से माता-पिता/अभिभावक की मृत्यु के कारण अनाथ बच्चे
पड़़ोस की बसाहट से तात्पर्य क्या है ?
- ग्रामीण क्षेत्र – स्कूल से संबंधित ग्राम तथा उसकी सीमा से लगे हुए ग्राम तथा शहरी क्षेत्र की सीमा से लगे वार्ड, यदि कोई हो, पड़ोस की सीमा होगी।
- नगरीय क्षेत्र– स्कूल से संबंधित वार्ड तथा उसकी सीमा से लगे हुए वार्ड तथा उसकी सीमा से लगे हुए ग्राम, यदि कोई हो, पड़ोस की सीमा होगी।
- पड़ोस की विस्तारित सीमा – यदि, पड़ोस की सीमा स्थित बसाहटों में प्रवेश के लिए न्यूनतम 25 प्रतिशत संबंधित वर्ग के बच्चे उपलब्ध नही होते हैं तो उससे लगी पड़ोस की बसाहट के बच्चों को प्रवेश के लिए विचार में लिया जाएगा।
- पड़ोस हेतु प्रमाण – पड़़ोस के बसाहट के निवासी प्रमाण के लिए बिजली, पानी का बिल, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, भू अधिकार पुस्तिका, बी.पी.एल./ए.पी.एल. कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, ग्रामीण क्षेत्र का रोजगार गांरटी योजना (म.न.रे.गा.) का जॉब कार्ड या अन्य शासकीय दस्तावेजों की प्रति मान्य। यदि आप उपरोक्तानुसार वंचित समूह या कमज़ोर वर्ग से हैं। तो अपने बच्चों को उन स्कूलों में जिनके पड़ोस की बसाहटों में आप रहते हैं, की कक्षा 01 अथवा नर्सरी में निःशुल्क प्रवेश दिला सकतें हैं। इस हेतु पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें|अधिक जानकारी के लिये आपके जि़ले के जि़ला शिक्षा अधिकारी कार्यालय या जि़ला शिक्षा केन्द्र, सर्व शिक्षा अभियान या BRC कार्यालय में संपर्क करें|
RTE ऑनलाइन आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- BPL CARD
- समग्र आईडी
- आधार कार्ड
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट फोटो
- जाती प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- आस-पड़ोस की स्कूल जिसमे प्रवेश चाहते हैं

आनलाइन प्रक्रिया
- आवेदक स्वयं पोर्टल पर जाकर निर्धारित फार्म में आनलाइन पंजीयन कर सकेगा। फार्म के साथ पात्रता सम्बंधित कोई भी एक दस्तावेज अपलोड किया जाना होगा। आवेदक द्वारा पोर्टल से जनरेट प्रति को अपने पास सुरक्शित रखा जाये।
- Online Application के पश्चात आवेदन में अंकित समस्त मूल दस्तावेज लेकर सत्यापन केन्द्र जो आपके ग्राम/वार्ड के निकटस्थ शासकीय जनशिक्षा केन्द्र है वहा जाकर सत्यापन कराना अनिवार्य है। सत्यापन में पात्र होने के उपरांत आनलाइन लाटरी प्रक्रिया में सम्मलित होने की पात्रता होगी। यदि सत्यापन के पश्चात अपात्र पाया जाता अथवा सत्यापन कराने नही जाते है तो प्रवेश पात्रता निरस्त हो जायेगी|
आनलाईन लाटरी
- पोर्टल पर दर्ज लाॅक किये गये आवेदनों को ही लाटरी प्रक्रिया में सम्मिलित किया जायेगा। केन्द्रीकृत सिस्टम से पारदर्शी तरीके से रेण्डमाइजेशन आधारित आॅनलाइन लाॅटरी के माध्यम से छात्रो को स्कूलों मंे सीट का आवंटन किया जायेगा। त्रुटिपूर्ण, अपूर्ण, एक से अधिक बार पंजीकृत आवेदनो को निरस्त कर लाॅटरी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जायेगा ।
- सीट आवंटन के लिये प्रथम प्राथमिकता ग्रामीण क्शेत्र होने पर उसी ग्राम तथा शहरी क्शेत्र में उसी वार्ड के बच्चों को होगी। इसी प्रकार उसी ग्राम/वार्ड के बच्चों के प्रवेश के उपरांत यदि सीटें रिक्त रह जाती है तो पड़ोस की सीमा (ग्रामीण क्शेत्र में ग्राम की सीमा से लगे हुए ग्राम तथा नगरीय क्शेत्र की सीमा से लगे वार्ड, यदि कोई हो तो, तथा नगरीय क्शेत्र में वार्ड की सीमा से लगे हुए वार्ड तथा उसकी सीमा से लगे हुए ग्राम, यदि कोई हो तो) में निवासरत बच्चों को प्रवेश की पात्रता होगी। यदि इसके उपरांत भी सीटें रिक्त रह जाती है तो विस्तारित पड़ोस की सीमा के आवेदक को प्रवेश की पात्रता होगी।
- ग्राम/वार्ड, पड़ोस, विस्तारित पड़ोस के अतिरिक्त निवासरत आवेदको के आवेदनो को लॉटरी प्रक्रिया में शामिल नही किया जायेगा।

आवेदक को स्कूल का आवंटन पत्र एवं सूचना
लाटरी प्रक्रिया के उपरांत आवंटित सीट की जानकारी की सूचना आवेदक को उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से प्रदान की जायेगी एवं यह सूची पोर्टल पर भी उपलब्ध रहेगी। आवेदको को स्कूल आवंटन की जानकारी अशासकीय स्कूल/बीआरसीसी कार्यालय द्वारा उनके सूचना पटल पर भी उपलब्ध करायी जायेगी।स्कूल में प्रवेश की प्रक्रिया
प्रत्येक गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूल के लिये कलेक्टर के अनुमोदन से नोडल अधिकारी नियुक्त किये जांयेगे, जिसकी पोर्टल पर स्कूल के साथ मेंपिंग की जायेगी, ताकि प्र्रवेशार्थी को भी नोडल अधिकारी की जानकारी प्राप्त हो सके। नोडल अधिकारी रेण्डम प्रक्रिया से आवंटन होने के पश्चात बच्चों को प्रवेश के लिये समस्त सुसंगत दस्तावेजों के साथ तक संबंधित आवंटित स्कूल में प्रवेश कराया जायेगा |