पालनहार योजना 2019:-
पालनहार योजना का शुभारंभ 8 फरवरी 2005 में अनाथ बच्चों के लिए किया गया था | पालनहार योजना एक ऐसी योजना है जिसको राजस्थान के अलग-अलग जिलों में लागू किया गया है | पालनहार योजना के अंतर्गत उन बच्चों पर ध्यान दिया जाता है जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है या जो अनाथ हैं या जिन बच्चों को जेल हो गई है उन बच्चों को या एक मात्र विधवा के बच्चे को निर्धारित पेंशन 500 रूपये हर महीने अथवा स्कूल में दाखिले के बाद 675 प्रतिमाह प्रदान किये जाते है |
इस योजना के दौरान उन बच्चों को जूते, कपड़े आदि के लिए 2 हज़ार रूपये प्रदान किए जाते है | पालनहार योजना के तहत पालनहार परिवारों की वार्षिक आय 1 लाख 20 हज़ार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए | इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को 2 साल की उम्र में आंगनबाड़ी केंद्र में तथा 6 साल की उम्र में विद्यालय भेजना ज़रुरी है |
पालनहार योजना के लिए पात्रता मानदंड:-
- पालनहार योजना के तहत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है |
- पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए |
- ऐसे अनाथ बच्चों को 2 साल की उम्र में आंगनवाड़ी केंद्र और 6 साल की उम्र में स्कूल में भेजना अनिवार्य है |
8 फरवरी 2005 से लागू यह योजना (पालनहार योजना 2019) आरम्भ में अनुसूचित जाति के अनाथ बच्चों हेतु संचालित की गई थी, जिसमें समय-समय पर संशोधन कर निम्नांकित श्रेणियों को भी जोडा गया है :-
- अनाथ बच्चे
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
- पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
- एड्स पीडित माता/पिता की संतान
- कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
- विकलांग माता/पिता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान |
पालनहार योजना 2019 के तहत प्रदान की जाने वाली राशि:-
- प्रत्येक अनाथ बच्चे हेतु पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे हेतु 500 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रदान किए जाएंगे |
- स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है |
- इसके अतिरिक्त वस्त्र, जूते, स्वेटर एवं अन्य आवश्यक कार्य हेतु 2000 रूपये प्रति वर्ष (विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोडकर) प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है |
Also Read:-