E-NAM Portal

ई-नाम की शुरुआत 14 अप्रैल, 2016 को की गई थी. इसके तहत रजिस्टर्ड होकर किसान अपनी उपज अच्छी कीमत पर कहीं भी बेच सकते हैं. किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्‍वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्‍यापारियों के साथ ऑन-लाइन के माध्‍यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर सकते हैं|

मोदी सरकार ने अपनी सरकार बनने से पहले यह शपथ लिया था कि वह आने वाले दिनों में किसानों की आय को दुगनी कर देंगे इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (E – Nam Portal) की स्थापना की है | ऑनलाइन की यह मंडी किसानों की हित के लिए ही है और अब तक देश के बहुत सारे किसान इसके तहत जुड़ चुके हैं | अब तक 1.70 करोड़ से अधिक किसान और 1.63 लाख व्‍यापारी ई-नाम प्‍लेटफार्म पर पंजीकृत हुए हैं. किसान ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए स्‍वतंत्र हैं और वे सभी ई-नाम मंडियों पर व्‍यापारियों के साथ ऑन-लाइन के माध्‍यम से बिक्री के लिए अपनी उपज को अपलोड कर रहे हैं |

सरकार ने अब तक देश की 585 मंडियों को ई-नाम के तहत जोड़ा है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत काम करने वाला ‘लघु कृषक कृषि व्यापार संघ’ (एसएफएसी) ई-नाम को लागू करने वाली सबसे बड़ी संस्था है. सरकार की योजना इस साल 200 एवं अगले साल 215 और मंडियों को इससे जोड़ने की है, देशभर में करीब 2,700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप-बाजार हैं. पहले कृषि उपज मंडी समितियों के भीतर या एक ही राज्य की दो मंडियो में कारोबार होता था| लेकिन अब ऐसा नहीं है अब आप देश की किसी भी मंडी में अपना अनाज बेच सकते हैं |

राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (ई-नाम मंडी / E-NAM Mandi ) / National Agriculture Market :

E-NAM Portal– राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को थी|

सरकार ने इसे कृषि उत्पादों के लिए “वन नेशन वन मार्केट” के निर्माण के उद्देश्य से किया था| कृषि बाजार को मजबूत बनाने के लिए इसकी शुरुआत हुई थी, इसके तहत किसान अपने नजदीकी बाजार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं. साथ ही व्यापारी कहीं से भी किसानों को पैसा भेज सकते हैं.

ई-नाम ने किसान और खरीदार के बीच से बिचौलियों को खत्म कर दिया है, इसका लाभ अब किसानों के साथ-साथ ग्राहकों को भी मिल रहा है. देशभर में करीब 2700 कृषि उपज मंडियां और 4,000 उप-बाजार हैं.

ई-नाम से पहले उपज मंडी समितियों के भीतर या एक ही राज्य की दो मंडियो में खरीद-बिक्री होती थी, मगर इस प्लेटफार्म के तहत आने वाली सभी मंडियों के बीच अब कारोबार आसान हो गया है, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, ई-नाम प्लेटफार्म कृषि व्यापार में एक अनोखी पहल है इसके माध्यम से किसानों की पहुंच कई बाजारों और खरीदारों तक होती है साथ ही लेन-देन की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लाता है.

ई-नाम प्लेटफार्म पर वर्तमान में खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार ई-नाम पर किया जाता है. वहीं, शुरू में 25 कृषि जिंसों के लिए मानक मापदंड विकसित किए गए थे|

ई-नाम ट्रेडिंग पोर्टल एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने हेतु मौजूदा एपीएमसी मंडियों को ऑनलाइन नेटवर्क से जोड़ता है. किसान ई-नाम पोर्टल पर enam.gov.in पर पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं|

ई-नाम पोर्टल के फायदे / Benefits Of E-NAM Portal :

यह एक इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल है और इसके तहत देश के 585 मंडियों को शामिल किया गया है । इसकी सहायता से देश के विभिन्न राज्यों में स्थित कृषि उपज के मंडी को इंटरनेट के जरिए जोड़ दिया गया है । यानी कि अगर कोई उत्तरप्रदेश का किसान अपने फसल को दिल्ली में बेचना चाहता है तो कृषि उपज को ले जाने और मार्केटिंग करना काफी ज्यादा आसान हो गया है ।

ई-नाम पोर्टल के किसानो के लिए बहुत सारे फायदे हैं :

  • देश के अलग-अलग राज्य के किसानों को एक उचित मंडी मिलेगी जिसमें उनके फसल के एवज में एक उचित रकम मिलेगी ।
  • ई-नाम पोर्टल / E-NAM Portal की सहायता से किसान और खरीदार के बीच कोई बिचौलिया नहीं रहेगा यानी किसान अपनी फसल सीधे खरीदार को दे सकता है ।
  • किसानों और व्यापारियों के बीच इस कारोबार में स्थानीय कृषि उपज मंडी के हित को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि पूरा व्यापार इसी माध्यम से हो रहा है ।
  • किसानों को उनकी फसल के एवज में एक उचित मूल्य मिलेगा जिससे किसानों को प्रोत्साहन और आय में भी बढ़ोतरी होगी ।

किसानों की सबसे बड़ी समस्या :

ई-नाम पोर्टल/ E-NAM Portal आने से पहले किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह होती थी कि वह जो फसल उगा रहा है उस पर काफी मेहनत कर रहा है लेकिन जब बाजार में वह फसल लेकर जाता है तो वह उसको एक बिचौलियों को देता है और वह बिचौलिया उसको खरीदार के पास बेचता है ऐसे में किसानों को बिचौलियों के द्वारा कम पैसा देकर फसल खरीद लिया जाता था और किसानों को अपनी फसल की एवज में उचित मूल्य नहीं मिल पाती थी लेकिन इस पोर्टल के आने से यह समस्या खत्म हो गई है ।

विशेष नई सुविधाएं :

  • किसानों की सुविधा के लिए ई-नाम पर मंडी जानकारी पृष्ठ, ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ आईएमडी मौसम पूर्वानुमान सूचना का एकीकरण और सहकारी मॉड्यूल जैसे नए मॉड्यूल लांच किए गए हैं |
  • मंडी जानकारी पृष्ठ किसानों को एक ही वेब पेज में संबंधित राज्य की ई-नाम मंडियों में कारोबार की जाने वाली जिंसों के वास्तविक समय मूल्य प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है|
  • अब ई-नाम पर प्रदान किए गए सहकारी व्यापार मॉड्यूल का उद्देश्य सहकारी समितियों को अपने संग्रह केंद्र/ गोदामों से एपीएमसी में उपज लाए बिना सदस्यों के फार्मगेट के पास व्यापार करने की सुविधा प्रदान करना है |
  • भारतीय मौसम विज्ञान (आईएमडी), मौसम पूर्वानुमान सूचना समेत ई-नाम मंडियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए वर्षा और आंधी-तूफ़ान की सूचना के साथ अधिकतम-न्यूनतम तापमान की सूचना मिलेगी| मौसम सूचना से कटाई करने और विपणन निर्णय लेने में किसानों को अतिरिक्त मदद मिलेगी. उपयोगकर्ता अनुकूल ई-नाम निर्देशिका भी लांच की गई है, जो ई-नाम मंडियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करके हितधारकों की मदद करेगी|

ई-नाम पोर्टल में किसान कैसे रजिस्टर करें / How To Register Farmers On E-NAM Portal :

ई-नाम / E-NAM पर किसान खुद को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं जिसकी प्रक्रिया हम आपको नीचे बता रहे हैं|

STEP 1: सबसे पहले किसान को इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा|

E-NAM Portal

STEP 2: वेबसाइट पर जाने के बाद आपको रजिस्टर्ड का एक ऑप्शन दिखेगा जिसके अंतर्गत आपको सेलर ऑप्शन का चयन करना होगा|

E-NAM Portal

STEP 3: जैसे ही आप Seller का चयन करते हैं आपके सामने एक छोटा सा रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलकर आ जाती है जिसमें आपको अपनी निजी जानकारी के साथ मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी दर्ज करनी होती है ।

E-NAM Portal

STEP 4: दिए गए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर आपको इनाम पोर्टल की लॉगइन आईडी और पासवर्ड प्राप्त होती है जिसके बदौलत आप लॉगिन करके राष्ट्रीय कृषि मंडी का प्रयोग कर सकते हैं ।

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