NPR क्या है? एनपीआर की जानकारी
केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। एनपीआर अपडेशन के लिए कैबिनेट ने 8500 करोड़ रुपए के फंड आवंटन को भी स्वीकृति दी है।
(NPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी जिसका मकसद देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना है. इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी शामिल होगी. इसमें देश के नागरिकों का डेटा होगा। अगले साल अप्रैल से एनपीआर अपडेट करने का काम शुरु किया जाएगा।
NPR क्या है?
NPR क्या है– NPR का फुल फॉर्म है National population register (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) एनपीआर सभी भारतीय निवासियों की पहचान का एक डेटाबेस होता है. ये डेटाबेस भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा प्रबंधन किया जाता है.
भारत के सभी सामान्य निवासियों के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है. कोई भी व्यक्ति जो 6 महीने या उससे अधिक समय से किसी इलाके में रह रहा हो तो उसे नागरिक रजिस्टर में जरूरी रजिस्ट्रेशन कराना होता है.
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए अंतिम बार साल 2010 में आंकड़े जुटाए गए थे। जब 2011 के लिए जनगणना (Census 2011) की जा रही थी। इन आंकड़ों को फिर साल 2015 में अपडेट किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण हुए थे।
NPR की प्रक्रिया क्या है?
एनपीआर में हर नागरिक की जानकारी रखी जाएगी. एनपीआर में तीन प्रक्रियाएं होगी. पहले चरण में यानी एक अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जुटाएंगे. वहीं दूसरे चरण में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा. तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी.
इसे ‘नागरिकता कानून 1955’ और ‘नागरिकता पंजीयन व राष्ट्रीय पहचान पत्र आवंटन नियम, 2003’ के मुताबिक तैयार किया जाता है। देश के हर स्थानीय निवासी को एनपीआर में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
एनपीआर से जुडी जरुरी जानकारी
- एनपीआर की मदद से सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी अपने पास रख सकेगी।
- हर स्थानीय निवासी से नाम, माता-पिता, लिंग, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम, घर के मुखिया से संबंध, लिंग, जन्मतिथि, जन्मस्थान, राष्ट्रीयता, वर्तमान पता, निवास की अवधि, शैक्षणिक योग्यता, व्यवसाय की जानकारी देनी होगी.
- इसके तहत हर भारतीय नागरिक का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड लिया जाएगा और उनके पूरे परिवार की जानकारी भी दर्ज की जाएगी।
- एनपीआर विभिन्न सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों के तहत लाभ के वितरण तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करेगा.
- एनपीआर को सरकार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी।
- एनपीआर की प्रक्रिया तीन चरणों में शुरू होगी.
निवासियों को क्या जानकारियाँ देनी होंगी?
- व्यक्ति का नाम
- लिंग
- जन्मतिथि
- जन्मस्थान
- पिता का नाम
- माता का नाम
- घर के मुखिया का नाम और रिश्ता
- शादी हुई या नहीं
- पति / पत्नी का नाम
- शैक्षणिक योग्यता
- क्या काम करते है
- वर्तमान पता जहां रह रहे हों
- स्थायी आवासीय पता
एनपीआर का उद्देश्य क्या है? NPR क्या है
NPR का उद्देश्य देश के हर स्थानीय निवासी की पहचान का संपूर्ण डाटाबेस तैयार करना है। इसमें उसका परिचय और बायोमेट्रिक ब्यौरा शामिल रहेगा। सरल शब्दों में यह देश के हर नागरिक की जानकारी को एक जगह इकठ्ठा करने का काम है।
NRC और NPR में क्या अंतर है?
NRC में पीछे जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान करने का मकसद छुपा है, वहीं NPR इसमें छह महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को NPR में आवश्यक रूप से पंजीकरण करना होता है. अगर कोई बाहरी व्यक्ति देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा समय से रह रहा है, तो उसका ब्यौरा भी एनपीआर में दर्ज किया जाता है। एनपीआर में लोगों द्वारा दी गई सूचना को ही सही माना जाता है। यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होता।
एनपीआर का मूल उद्देश्य देश के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है। इसमें हर निवासी की जन-संख्या का अध्ययन और जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज करना होगा.