प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना
दुनिया में जितनी वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है उसका 4.1 प्रतिशत हमारा देश करता है | जो कि एक बहुत बड़ी समस्या है | इस समस्या के निवारण के लिए प्रधानमंत्री जी ने “ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना (Urja Ganga Gas Pipeline Project)” को शुरू करने का निर्णय लिया है | इस योजना के तहत, सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन को बढ़ावा दिया जाएगा | जिसका उपयोग मुख्य रूप से रसोई और वाहनों के लिए किया जाएगा |
इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य देश के पूर्वी हिस्से के निवासियों को वाहनों के लिए Piped Natural Gas (PNG) और Compressed Natural Gas (CNG) उपलब्ध कराना है | इस योजना के तहत IOCL, ONGC, GAIL, OIL और NRL इन सभी पांच कंपनियों द्वारा काम किया जाएगा |
2018 तक इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया को जोड़ने वाली लगभग 2500 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है | ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना पूर्वी भारत के सात शहरों (वाराणसी, रांची, कटक, पटना, जमशेदपुर, भुवनेश्वर और कोलकाता) के लिए एक गैस वितरण परियोजना है |
प्रधान मंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना 2020:-
सरकारी स्वामित्व वाली गैस उपक्रम गेल इंडिया (GAIL India) ने कहा कि उसने प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना के तहत बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 520 किमी के क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने का काम ठेके पर दिया है | जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन (JHBPL) के चरण- II के लिए प्रमुख अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया है |
एक विज्ञप्ति में गेल ने कहा कि उसने जमशेदपुर (झारखंड) में 120 किमी लाइन सहित दोभी (बिहार) से दुर्गापुर (प.बंगाल) के लिए 520 किमी की पाइपलाइन बिछाने के लिए ठेका दे दिया है | कंपनी की महत्वकांक्षी 2,655 किमी लंबी जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन (JHBPL) परियोजना को Urja Ganga Gas Pipeline Project के रूप में भी जाना जाता है | यह पाइपलाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा से होकर गुजरेगी |
प्रधान मंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना क्या है:-
ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना का शुभारंभ प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 अक्टूबर 2016 को वाराणसी से किया था | ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत, पूर्वी भारत के सात शहरों (वाराणसी, रांची, कटक, पटना, जमशेदपुर, भुवनेश्वर और कोलकाता) में PNG गैस वितरण किया जाएगा |
विभिन्न क्षेत्रों में गैस स्टेशनों के साथ योजना के तहत पहले चरण में 1500 किलोमीटर लंबी एलपीजी पाइपलाइन बिछाने के लिए आवंटित बजट लगभग 51 हजार करोड़ है | परियोजना के तहत, दूसरे चरण में, उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर को पश्चिम बंगाल के हल्दिया से जोड़ने वाली लगभग 2540 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन 2018 तक बिछाई गई |
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना से जुडी अन्य बातें:-
- इस योजना के तहत उत्तरप्रदेश राज्य को लगभग 338 किलोमीटर लंबी गैस पाइप लाइन मिलेगी |
- बिहार राज्य को लगभग 441 किलोमीटर लंबी गैस पाइप लाइन मिलेगी |
- पूर्वी भारत में झारखंड राज्य को लगभग 500 किलोमीटर लंबी गैस पाइप लाइन मिलेगी |
- पूर्वी भारत मे पश्चिम बंगाल राज्य में 542 किलोमीटर की गैस पाइप लाइन होगी |
- ओडिशा राज्य को लगभग 718 किलोमीटर की गैस पाइप लाइन मिलेगी |
- ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना के तहत वाराणसी शहर में 50 हजार घरों को PNG कनेक्शन और 20 हजार वाहनों को CNG उपलब्ध कराने के लिए 20 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा |
Also Read:- केंद्र सरकार ने PMAY-U के लिए CLSS Awas Portal की शुरुआत की
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना का महत्व:-
- इस प्रधान मंत्री ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना से भारत के पूर्वी क्षेत्र के विकास की गति को तीव्र किया जा सकता है इस पाइपलाइन से गैस प्राप्त कर इस क्षेत्र के 5 राज्यों के 25 औ़द्योगिक संकुलों को विकसित किया जायेगा |
- पूर्वी भारत के सात प्रमुख शहर वाराणसी, जमशेदपुर, पटना, रांची, कोलकाता, भुवनेश्वर एवं कटक इस विकास परियोजना के लाभार्थी होंगे |
- वाराणसी के लगभग 50,000 घरों और 20,000 वाहनों को स्वच्छ और सस्ता ईंधन प्राप्त हो सकेगा जो पर्यावरण संरक्षण में भी उपयोगी साबित होगा |
- इसके माध्यम से गैस की आपूर्ति गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), बरौनी (बिहार), सिंदरी (झारखंड) और दुर्गापुर (पं बंगाल) के उर्वरक संयंत्रों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी |
- इससे वाराणसी के घाटों और श्मशान घाटों में प्राकृतिक गैस आधारित श्मशान स्थापित करने में मदद मिलेगी |
- ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना न केवल पूर्वी भारत के आर्थिक विकास में सहायक सिद्ध होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगी |