राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 2020:-
भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK 2020) की शुरुआत की है | इस योजना के तहत केंद्र सरकार जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों में किसी भी प्रकार की बीमारी के लिए पूरा इलाज मुहैया कराएगी | यह योजना विशेष रूप से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बनाई गई है |
इस योजना के तहत मुख्य रूप से जन्म लेने वाले बच्चों की जन्म के समय की बीमारी का पता लगाकर उसका इलाज़ करना है | देश में जन्म लेने वाले 100 बच्चों में से 6-7 जन्म संबंधी विकार से ग्रस्त बच्चे होते हैं | भारत में जन्मजात विकारों वाले बच्चों की अनुमानित संख्या 1.7 मिलियन / वर्ष होगी | यह भारत में सभी नवजात मौतों का 9.6% है |
हमारे देश में, विभिन्न पोषण संबंधी कमियों के कारण, स्कूल जाने से पहले 4 से 70% बच्चे विभिन्न प्रकार के विकारों से पीड़ित हैं | बच्चो में विकासात्मक अवरोध की बीमारी भी पाई जाती है, यदि इन पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो यह स्थायी विकलांगता का रूप धारण कर सकती है | बच्चो मे कुछ रोग बेहद आम होते है जेसे की दाँत, हृदय और श्वसन संबंधी रोग | यदि इन रोगो की शुरुआत मे पहचान कर ली जाए तो इनका इलाज़ संभव है |
इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यकम (RBSK) के तहत ऐसी बीमारियों के खिलाफ बाल स्वास्थ्य जांच और प्रारंभिक उपचार सेवाओं को प्रदान करना है |
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मिशन का कार्यान्वयन:-
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RSBK 2020) को भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत, फ़रवरी 2013 में शुरू किया गया था | जिसका उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को नियंत्रित करना और बीमारियों का पता लगाना और उनका इलाज करना है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य देश में बच्चों, विशेषकर नवजात शिशुओं की उच्च मृत्यु दर को नियंत्रित करना है |
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम कार्यक्षेत्र के चार DS :
- प्रसव के दौरान दोषों के लिए DS:- जन्म के समय, शिशु के लिए कई चिकित्सकीय जटिलताएं शामिल होती हैं | ये चिकित्सा जटिलताएं आनुवंशिक विकार या अन्य कारणों का परिणाम हो सकती हैं |
- 2DS बच्चों में कमियों के लिए:- बच्चों के एक बड़े अनुपात को उनके जन्म से ही पोषण की कमी की समस्या का सामना करना पड़ता है | वे बच्चों में कई बीमारियों का कारण बनते हैं |
- बच्चों में सामान्य बीमारियों के लिए DS:- इनमें से कुछ बीमारियाँ आम हैं लेकिन कुछ बहुत खतरनाक हैं और शिशुओं के जीवन के लिए खतरा पैदा करती हैं |
- विकासात्मक देरी के लिए DS:- जीवन के बाद के चरणों में अक्षमताएं शामिल हैं |
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्य:-
- शिशु स्वास्थ्य जांच और प्रारंभिक स्तर की सेवाओं के लिए राज्य मे से मुख्य व्यक्तियों का चयन करना |
- योजना के सही अमलिकरण के लिए सभी जिलों को संचालन संबंधी दिशा-निर्देश के बारे में बताना |
- इस योजना की सहूलियत के लिए उपलब्ध राष्ट्रीय अनुमानों के अनुसार विभिन्न रोगों, त्रुटियों, कमियों, अक्षमता का राज्य ध्वारा जिलो के हिसाब से परिमाण की अनुमान सूची बनाना |
- RBSK योजना के विस्तार के लिए और समीक्षा हेतु राज्य स्तरीय बैठकें बुलाना |
- हर जिलो मे योजना के अंतर्गत मुख्य व्यक्तियों की भर्ती करना |
- इस योजना के अंतर्गत समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य दल की कुल आवश्यकता का अनुमान लगाना और स्वास्थ्य दलों की भर्ती करना।
- RBSK योजना के तहत रोगो की सुविधाओं/संस्थानों (विशेष स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए सार्वजनिक और निजी) का पता लगाना |
- RBSK के प्रथम स्तर के लिए जिला अस्पतालों में शुरूआती जांच केंद्रों (DDIC) की स्थापना करना |
- योजना के अंतर्गत ब्लॉक मोबाइल स्वास्थ्य दल और जिला अस्पतालों के लिए उपकरणों की खरीद (संचालन दिशा-निर्देशों में दी गई सूची के अनुसार) करना |
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की बहेतरी के लिए मास्टर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण करना |
बच्चो की जांच के लिए उपलब्ध सुविधाए:-
- नवजात शिशु के लिए – सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में नवजातों की जांच के लिए सुविधा |
- जन्म से लेकर 6 सप्ताह के बच्चो के लिए – आशा वर्कर द्वारा घर जाकर जांच करना |
- 6 सप्ताह से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए – समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर जांच |
- 6 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए – समर्पित मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल पर जांच |