गणतंत्र दिवस का इतिहास, Republic Day 2020:
गणतंत्र दिवस का इतिहास– भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है | इस साल देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है | दरअसल, 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है | एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था |
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था | हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है | इसे बनाने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे, जबकि जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे |
गणतंत्र दिवस का इतिहास:-
गणतंत्र दिवस का इतिहास बड़ा ही रोचक है | एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया |
साल 1929 की दिसंबर में लाहौर में पंडित जावरहलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का अधिवेशन किया गया था | इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित करते हुए इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का दर्जा नहीं दिया गया तो भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया जाएगा |
26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब बैठक में उपस्थित सभी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सरकार के शासन से भारत को आजाद करने और पूर्णरूपेण स्वतंत्रता को साकार करने के लिए 26 जनवरी 1930 को ‘स्वतंत्रता दिवस‘ के रूप में एक ऐतिहासिक पहल बनाने की शपथ ली थी |
उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा | इसके बाद 15 अगस्त 1947 को वास्तविक स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद इस दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा | भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरू किया | संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे |
26 जनवरी को कैसे लागू हुआ संविधान :-
संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयां थी, जिसमें प्रारूप समिति (Drafting committee) सबसे प्रमुख और महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण ‘संविधान लिखना‘ या ‘निर्माण करना‘ था | प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर थे | प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया |
अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए | इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को देश भर में लागू हो गया | 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (Constituent Assembly) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई | इसलिए 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है |
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गणतंत्र दिवस से जुड़े रोचक तथ्य:-
- गणतंत्र दिवस की परेड:– यह देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर आयोजित होती है | यह परेड 8 किलोमीटर की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है | उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किले पर समाप्त होती है |
- गणतंत्र दिवस की पहली परेड :- 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र दिवस की पहली परेड, राजपथ के बजाय तत्कालीन इर्विन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम) में हुई थी | उस वक्त इर्विन स्टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी और उसके पीछे लाल किला साफ नजर आता था |
- संविधान की तारिख और समय:- 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था |
- पूर्ण स्वराज दिवस :-26 जनवरी 1930 को ध्यान में रखते हुए भारत के संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया था |
- 21 तोपों की सलामी:- राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है. 21 तोपों की ये सलामी राष्ट्रगान की शुरूआत से शुरू होती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है |
- झाकियों का प्रदर्शन:- हर साल गणतंत्र दिवस पर राज्यों की झाकियां निकलती हैं, जिसका टीवी पर लाइव प्रसारण भी किया जाता है | गणतंत्र दिवस के मौके पर खासतौर पर झाकियां देखने के लिए कई लोग इंडिया गेट भी जाते हैं |