प्रवीण तांबे की पूरी कहानी क्या है ? आइये जानते हैं।

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What is the full story of Praveen Tambe? Let’s know.

कौन प्रवीण तांबे :

प्रवीण तांबे का पूरा नाम प्रवीण विजय तांबे हैं, जो एक भारतीय क्रिकेटर हैं. प्रवीण लेग स्पिन के साथ-साथ बल्लेबाजी भी करते हैं. प्रवीण का जन्म 8 अक्टूबर 1971 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. स्पोर्ट्स कीड़ा नामक वेबसाइट के अनुसार, छोटी उम्र से ही प्रवीण के अंदर क्रिकेट के लिए दिलचस्पी बढ़ गई थी. वो एक तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहते थे. लेकिन, उनके ओरिएंट शिपिंग कप्तान अजय कदम ने उन्हें लेग स्पिन करने के लिए इंस्पायर किया. चूंकी, वो एक मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं, तो उन्हें खेलने के साथ-साथ दिन में काम भी करना पड़ता था. उन्होंने पहचान बनाने के लिए मुंबई क्लब क्रिकेट में कड़ी मेहनत की, लेकिन कई सालों तक ऐसा करने में असफल रहे. उन्होंने 1995-96 सीज़न में मुंबई की घरेलू लीग के डी डिवीजन में पारसी साइकिल चालकों के साथ क्लब क्रिकेट खेलना शुरू किया। बाद में उन्होंने शिवाजी पार्क जिमखाना में शामिल होने के बाद शीर्ष लीग में खेलने के लिए छलांग लगाने से पहले मुंबई के घरेलू लीग के बी डिवीजन में पारसी जिमखाना का रुख किया। उन्हें 2000 और 2002 के बीच मुंबई रणजी संभावित टीम में नामित किया गया था, लेकिन उन्हें अंतिम टीम में शामिल नहीं किया गया था।

प्रवीण तांबे ने 41 की उम्र में किया प्रोफ़ेशनल क्रिकेट में डेब्यू 

प्रवीण की ज़िंदगी की सबसे ख़ास बात ये है कि उन्होंने ज़िंदगी में कभी हार नहीं मानी. बचपन से ही उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक़ था, लेकिन वो कई सालों तक सिर्फ़ मुंबई के मैदानों तक ही सीमित रहे. किसी बड़े संगठन ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए उनका साथ नहीं दिया. जिस उम्र में बाकी क्रिकेटर अपने रिटायरमेंट के बारे में सोचने लग जाते हैं, प्रवीण ने उस उम्र यानी 41 में अपना प्रोफ़ेशनल क्रिकेट करीयर शुरू किया. प्रोफ़ेशनल क्रिकेट करीयर शुरू करने से पहले उन्होंने कई वर्षों तक एक Liaison Officer (संगठनों के बीच संपर्क स्थापित करने वाला) की तरह काम किया, जब भी DY Patil Stadium (Navi Mumbai) में मैच होता था.

राजस्थान रॉयल्स ने प्रवीण ताम्बे को दिया मौक़ा 

41 की उम्र में आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 2013 में प्रोफ़ेशनल क्रिकेट खेलने का मौक़ा दिया. लंबे समय तक जिस पल का उन्हें इंतज़ार था, वो इस दौरान पूरा हुआ. उनकी ख़ुशी का कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था. आईपीएल में शामिल होते ही, वो आईपीएल के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी बने.  

IPL में प्रवीण की उपलब्धियां 

अपना हुनर दिखाने का बस मौक़ा ही चाहिए था, वो उन्हें आईपीएल के ज़रिए मिल चुका था. आईपीएल में शामिल होते ही प्रवीण ने अपने खेल का शानदार प्रदर्शन दिखाना शुरू कर दिया. Champions League T20 में सर्वाधिक विकेट लेकर ‘Golden Wicket Award’ अपने नाम किया. 2014 के आईपीएल सीज़न में तांबे ने ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ के खिलाफ़ एक शानदार हैट्रिक ली, जो उस सीज़न की पहली थी.

आईपीएल 2020 की नीलामी में किसी फ्रैंचाइज़ी द्वारा चुने जाने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बने. KKR ने इस अनुभवी स्पिनर को 20 लाख रुपये में ख़रीदा था. हालांकि, उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा IPL खेलने से रोक दिया गया था.

ताम्बे को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने विदेशों में फ्रैंचाइज़ी आधारित क्रिकेट लीग में भाग लेने के लिए रोका था. बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, केवल रिटायर्ड खिलाड़ी ही विदेशी लीग में भाग ले सकते हैं और बोर्ड के अनुसार तांबे ने इस नीति का उल्लंघन किया था.

अब तक प्रवीण ताम्बे 33 आईपीएल खेल चुके हैं

प्रवीण अब तक 33 आईपीएल मैच खेल चुके हैं. वहीं, अपने आईपीएल करीयर में वो राजस्थान रॉयल्स, सनराइज़ हैदराबाद और गुजरात लॉयन्स का हिस्सा रह चुके हैं. वहीं, कुल मैचों में उन्होंने 28 विकेट और सबसे शानदार प्रदर्शन 4/20 का रहा. वहीं, उनकी सबसे बड़ी आईपीएल डील 2016 में गुजरात लायंस द्वारा दी गई ₹20 लाख की थी. प्रवीण की जिंदगी में एक दिलचस्प मोड़ आया। वह अपने शहर के लिए कभी नहीं खेले थे लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इंडियन प्रीमियर लीग के लिए चुने गए थे। राजस्थान रॉयल्स में उनके मुख्य सलाहकार राहुल द्रविड़ कहते हैं, “एक दयालु पागल जिसकी गेंदबाजी एक्शन ने कई जीएस को भी प्रभावित किया, जिसमें केला उसका प्राथमिक भोजन था और बड़ा पेट उसे अपने कैरर को रोकने के लिए प्रेरित करता था।” आईपीएल के शुरुआती सीज़न (2008 से 2012 तक पहले पांच सीज़न में) के दौरान, उन्होंने लगभग पाँच वर्षों तक एक संपर्क अधिकारी के रूप में काम किया, खासकर जब भी मैच नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आयोजित किए जाते थे। एक आमंत्रण टी20 टूर्नामेंट के दौरान स्काउट्स द्वारा देखे जाने के बाद उन्हें राजस्थान रॉयल्स के साथ एक आईपीएल अनुबंध प्राप्त हुआ, जहां उनकी प्रतिभा को विशेष रूप से लेग स्पिन की महान विविधताओं को गेंदबाजी करने की उनकी क्षमता के लिए देखा गया था जो विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान कर सकते थे।शुरुआत में यह पता चला था कि तांबे डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी की बी टीम के कोच थे, जो जनवरी 2013 में आयोजित उनके आमंत्रण टी 20 टूर्नामेंट में थे। हालांकि, उन्हें चोटिल राहुल के स्थान पर मुख्य पहली पसंद गेंदबाज के रूप में कदम उठाना पड़ा। शर्मा और तांबे ने 12 विकेट चटकाए

पूर्व क्लब-साथी और मुंबई के चयनकर्ता अबे कुरुविला ने यह भी खुलासा किया कि प्रवीण ने पिछले 8 वर्षों में केवल मध्यम गति की गेंदबाजी से लेग स्पिन की ओर रुख किया है। 2014 इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान, प्रवीण ने 5 मई 2014 को अहमदाबाद में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मनीष पांडे, युसूफ पठान और रयान टेन डोशेट को आउट करके हैट्रिक ली, जिससे उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल करने में भी मदद मिली। उन्होंने आईपीएल 2014 में टूर्नामेंट के 25वें मैच तक कुछ समय के लिए पर्पल कैप पर कब्जा किया। उन्होंने 2014 के आईपीएल सीज़न को 15 विकेट लेकर उच्च स्तर पर समाप्त किया . 2016 में, उन्हें 2016 इंडियन प्रीमियर लीग सीज़न के लिए गुजरात लायंस फ्रैंचाइज़ी द्वारा खरीदा गया था। फरवरी 2017 में, प्रवीण को सनराइजर्स हैदराबाद टीम ने 2017 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए 10 लाख में खरीदा था।

राहुल द्रविड़ ने दिया था मौक़ा और की थी तारीफ़

एक कॉन्फ्रेंस में गेस्ट के रूप में आए क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने प्रवीण तांबे की काफ़ी तारीफ़ की. उन्होंने कहा, कि “मैं जब भी किसी मंच पर जात हूं, तो लोग उम्मीद करते हैं मैं बड़े क्रिकेटर्स जैसे सचीन, सौरभ आदि के बारे में बात करूं. वो सभी ग्रेट प्लेयर रहे हैं, लेकिन मैं जिसकी स्टोरी आपको बताने जा रहा हूं, उसे बीते कुछ वर्षों में ही लोगों के सामने आने का मौक़ा मिला. मैं बात कर रहा हूं, प्रवीण तांबे की, जो कि लेग स्पिनर हैं. उन्होंने क़रीब 20 वर्षों तक मुंबई के मैदानों में क्रिकेट खेला, लेकिन मुंबई का प्रतिनिधित्व करने का मौक़ा नहीं मिला, न ही  किसी फ़र्स्ट क्लास लेवल और न ही कोई जूनियर लेवल. लेकिन, वो हारा नहीं, खेलता रहा, बॉलिंग करता रहा, जो अपने आप में काफ़ी मुश्किल है.

राहुल ने बताया कि, “हमें कुछ सालों पहले राजस्थान रॉयल के लिये एक स्पिनर की ज़रूरत थी. इसके लिए प्रविण आया. मैंने एक यंग लड़के से ये कहते सुना कि ये अंकल कौन हैं. प्रवीण उस वक़्त 41 साल का था. मैंने उसे मौक़ा दिया और अगले दिन मुझे सीईओ का कॉल आया कि तुम ये क्या कर रहे हो, तुमने 41 साल के आदमी को टीम में रख लिया, क्या तुम क्रेज़ी हो गए हो. मैंने कहा कि मैंने और अन्य कोच ने इसमें कुछ ख़ास देखा है और मुझे इस पर भरोसा है”.

राहुल आगे कहते हैं, “जब प्रवीण ने पहली बार मैन ऑफ़ द मैच जीता , तो ड्रेसिंग रूम में आकर रो रहा था . राहुल ने कहा यही खेल के लिए पैशन है. राहुल ने और भी कई बाते प्रवीण ताम्बे के बारे में  कही.

आशा करता आपको enterhindi.com के द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी धन्यवाद।

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