One Nation One Ration Card योजना:-

केंद्र सरकार ने भारत के सभी नागरिकों के लिए एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Yojana) शुरू करने की घोषणा की है | एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Yojana) को एक राष्ट्र एक कर (One Nation One Tax) मतलब GST की तर्ज पर शुरू करने की तैयारी की जा रही है |

आधार कार्ड को राशन कार्ड से जोड़ कर एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme) को शुरू किया जाएगा | एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास राशन कार्ड है वह भले ही एक जगह से दूसरी जगह चला जाये लेकिन खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सब्सिडी वाले अनाज प्राप्त करने से वंचित न रहे |

राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने से भ्रष्टाचार कम होगा और लाभार्थियों को राशन प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सकेगा | इस योजना के लागू होने के बाद उपभोक्ता किसी दूसरे राज्य के किसी भी राशन दुकान से रियायती दरों पर अनाज उठा सकते हैं |

One Nation One Ration Card योजना क्या है?

कुछ राज्यों में, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) पहले से ही PDS (IMPDS) के एकीकृत प्रबंधन के नाम से कार्यात्मक है | केंद्र सरकार GSTIN की तर्ज पर राशन कार्डों का real time online database बनाने की भी योजना बना रही है | योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और लाभार्थियों को किसी भी PDS दुकान से राशन खरीदने की स्वतंत्रता देना है |

यह योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह है। मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में एक ही नंबर से बात करते हैं। इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा। अगर आसान भाषा में समझें तो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर आप अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कार्ड से दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद खरीद सकेंगे।

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One Nation One Ration Card योजना के लाभ:-

राशन कार्डों की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सभी लाभार्थियों विशेष रूप से प्रवासियों की पूरे देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) तक पहुँच सुनिश्चित करेगी | इसलिए नरेंद्र मोदी सरकार एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) योजना की दिशा में काम कर रही है |

PDS राशन कार्डों का एक केंद्रीय भंडार बना रहा है जो राष्ट्रीय स्तर के de-duplication की मदद करेगा | लोगों को उनके खाद्यान्न का कोटा देश भर के किसी भी जिले में उनके पास स्थित PDS दुकान से मिल जाएगा | राशन कार्ड धारक किसी भी PDS दुकान से बंधे नहीं होंगे और इस तरह दुकान मालिकों पर उनकी निर्भरता कम हो जाएगी |

राशन कार्ड का Digitization यानी राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ना एक आवश्यक प्रक्रिया है | एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme) को लागू करने के लिए सभी PDS दुकानों पर PoS (Point of Sale) मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है | केंद्र सरकार ने 1 वर्ष के भीतर योजना की औपचारिकताओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा है | अब तक लगभग 78% उचित मूल्य की दुकानें (FPS) इलेक्ट्रॉनिक PoS उपकरणों को स्थापित करके स्वचालित की गई हैं |

IMPDS system आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से ही लागू है | यहां लोगों को राज्य के किसी भी जिले से सब्सिडी पर राशन मिलता है | खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग लाभार्थियों के लिए एक जीवन रेखा है | इस विभाग के तहत, 612 लाख टन खाद्यान्न CWC, SWC, FCI और निजी गोदामों के गोदामों में संग्रहित किया जाता है और इसे सालाना 81 करोड़ लोगों को वितरित किया जाता है |

किन राज्यों में है लागू?

बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है. इसे लागू करने वालों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य भी शामिल हैं.

One Nation One Ration Card योजना का उद्देश्य:-

  • एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना(One Nation One Ration Card Scheme) सभी लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लोगों के लिए राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा |
  • लोग अपने नजदीकी राशन शॉप से PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का उपयोग करके राशन प्राप्त कर सकेंगे |
  • भारतीय खाद्य निगम (FCI), केंद्रीय भंडारण निगम (CWC) और राज्य भंडारण निगम में 612 लाख टन अनाज स्टोर होता है जो 81 करोड़ लोगों को बांटा जाता है जिससे कालाबाजारी पर रोक लगेगी |

भारत में राशन कार्ड के डिजिटलीकरण के साथ अन्य पहल:-

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन |
  • End to end computerization
  • खाद्यान्न के भंडारण और वितरण में पारदर्शिता |
  • सभी SWC, FCI और CWC डिपो की Depot Online System (DOS) के साथ तालमेल |

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