Mukul Rohatgi:-
बॉलीवुड के अभिनेता शाहरुख खान ने अपने बेटे की रिहाई के लिए मुंबई के बड़े-बड़े वकीलों को लगा लिया है, लेकिन को भी आर्यन खान की रिहाई नहीं करवा पाया | अब उन्होंने इस काम की जिम्मेदारी देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) को सौंपी है, जो भारत के दिग्गज वकील माने जाते हैं | माना जा रहा है कि रोहतगी की मौजूदगी से इस मुकदमे में आर्यन की जमानत के लिए पहले से दलीलें पेश कर रहे वरिष्ठ वकीलों का हौसला बढ़ेगा | यह आर्यन के वकीलों की टीम की अगुवाई करेंगे | रोहतगी इससे पहले भी देश के कई चर्चित मुकदमों में पैरवी कर चुके हैं |
आर्यन खान को क्रूज ड्रग्स केस में मुंबई के आर्थर रोड जेल से निकलवाने के लिए मुंबई के मशहूर वकील सतीश मानशिंदे और अमित देसाई काफी हाथ-पैर मार चुके हैं, लेकिन स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट और सेशंस कोर्ट दोनों जगहों से उन्हें राहत नहीं मिल पाई | अब बॉम्बे हाई कोर्ट में शाहरुख खान के बेटे की जमानत की पैरवी के लिए खुद भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल (AGI) मुकुल रोहतगी को लगाया गया है | आर्यन खान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने 3 अक्टूबर को मुंबई के पास समंदर से क्रूज-शिप से गिरफ्तार किया था | वे फिलहाल मायानगरी के आर्थर रोड जेल में बंद हैं | यदि उन्हें आज बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिलती है तो फिर उन्हें कम से कम 30 अक्टूबर तक जेल की रोटियां ही तोड़नी पड़ेगी |
कौन हैं मुकुल रोहतगी:-
मुकुल रोहतगी भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल (AGI) थे और उनके बाद केके वेणुगोपाल देश के सबसे बडे़ लॉ ऑफिसर का पद संभाल रहे हैं | 66 साल के रोहतगी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और पहले एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (ASGI) भी रह चुके हैं | एजीआई के पद पर वह भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2014 से लेकर 2017 तक रहे | इस केस में वह आर्यन खान के वकीलों सतीश मानशिंदे और अमित देसाई की टीम की अगुवाई कर रहे हैं |
जूनियर वकील बन शुरू किया करियर:-
मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस थे | मुकुल रोहतगी ने अपनी लॉ की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से की है | कॉलेज से निकलने के बाद मुकुल उस समय के मशहूर लॉयर योगेश कुमार सभरवाल के जूनियर बनकर अपनी प्रैक्टिस शुरू की | बता दें, योगेश कुमार सभरवाल 2005-2007 तक देश के 36वें चीफ जस्टिस बने थे | मुकुल ने जस्टिस योगेश कुमार सभरवाल के साथ हाई कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी | 1993 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें सीनियर काउंसिल का दर्जा दिया, और उसके बाद 1999 में मुकुल को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया था |
किन बड़े मुकदमों में पैरवी कर चुके हैं मुकुल रोहतगी:-
मुकुल रोहतगी अदालत में जिन बड़े और चर्चित मुकदमों की पैरवी कर चुके हैं, उनमें 2002 का गुजरात दंगा केस भी शामिल है और वह गुजरात सरकार की ओर से दलीलें रख चुके हैं | मुकुल रोहतगी की फीस को लेकर कई मिडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वह अपनी एक सुनवाई के लिए लगभग 10 लाख रुपए की फीस चार्ज करते हैं | एएसजी रहते हुए उन्होंने नेशनल जुडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन में भी सरकार का पक्ष रख चुके हैं, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था | सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत से जुड़े हाई-प्रोफाइल केस में भी उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने स्पेशल प्रोसेक्यूटर नियुक्त किया गया था | इस केस में उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने 1.20 करोड़ रुपये बतौर फीस दी थी | सुप्रीम कोर्ट ने इस मौत की जांच की मांग खारिज कर दी थी और रोहतगी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया था |