HRA पर tax exemption, HRA (House Rent Allowance) क्या है:-
HRA पर tax exemption- अगर आप भी वेतन पाने वाले Employee हैं तो आपको House Rent Allowance (HRA) जरूर मिलता होगा | अब जब Income Tax Return (ITR) भरने की आखिरी तारीख करीब आ रही है, तब आपको यह जानना जरुरी है कि आप HRA पर टैक्स छूट (tax exemption) का दावा किस तरह कर सकते हैं |
इनकम टैक्स कानून के हिसाब से HRA पर छूट Section 10 (13A) के तहत मिलती है | कुल Taxable Income की गणना HRA को कुल आय से घटाकर की जाती है | अगर Employee अपने घर में रहता है या मकान का किराया नहीं देता, तो उसके वेतन में HRA के रूप में मिली रकम टैक्स के दायरे में आती है |
HRA वास्तव में Employee को दिया जाने वाला एक भत्ता है | नियोक्ता अपने Employee को उनके घर का किराया चुकाने के लिए यह भत्ता देता है | Employee के हाथ में आने पर यह भत्ता taxable (करयोग्य) होता है |
आयकर कानून के सेक्शन 10(13A) के अंतर्गत कुछ सीमाओं के अधीन HRA पर टैक्स छूट ली जा सकती है | HRA के रूप में हुई आमदनी पर टैक्स की बचत केवल वही नौकरीपेशा व्यक्ति कर सकता है जिसके वेतन में HRA शामिल हो और वह किराए के मकान में रहता हो | अपना रोजगार करने वाले व्यक्ति को एचआरए पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता |
HRA लाभ कितना मिल सकता है:- HRA पर tax exemption
- HRA के रूप में होने वाली कुल आमदनी
- महानगर में रहने वाले व्यक्ति को मूल वेतन के 50 फीसदी तक, छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को बेसिक सैलरी का 40 फीसदी तक
- कुल सालाना आमदनी का 10 फीसदी मकान किराए के रूप में चुकाने पर |
HRA पर टैक्स लाभ के लिए दस्तावेज:-
- HRA पर टैक्स छूट उसी स्थिति में मिल सकती है जब आपके पास किराये की रसीद हो |
- अगर आपके पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट है तब भी आप इसका लाभ उठा सकते हैं |
- यदि किराए के रूप में आपने हर महीने 15,000 रुपये या साल में एक लाख रुपये से ज्यादा किराया चुकाया है तो छूट पाने के लिए मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी है |
HRA की गणना कैसे करें:-
- अपने सालाना/मासिक HRA के लिए उपलब्ध टैक्स छूट की गणना करने के लिए ये तरीके हैं:
- वेतन में मिला HRA
- बेसिक सैलरी का 40 फीसदी (यदि किराये पर ली गई प्रॉपर्टी मुंबई, दिल्ली, चेन्नई या कोलकाता में है तो सैलरी का 50 फीसदी)
- वास्तव में चुकाए गए किराये में से वेतन का 10 फीसदी घटाने के बाद बची राशि
इनमें जो भी सबसे कम हो, उस रकम पर HRA पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है |
मान लें कि किसी Employee का मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) 40,000 रुपये है | उसकी कंपनी से उसे HRA के रूप में 20,000 रुपये मिलते हैं | वह Employee दिल्ली में अपने मकान का किराया 15,000 रुपये चुकाता है |
-साल का कुल वेतन-4,80,000 रुपये
-HRA के रूप में मिली रकम-2,40,000 रुपये
-वास्तविक किराया-1,80,000 रुपये
सबसे कम रकम= वास्तव में चुकाया गया किराया – सैलरी का 10%
=1,80,000-48,000
=1,32,000 रुपये
इस हिसाब से इस Employee को नियोक्ता से मिले HRA की रकम में से 1,32,000 रुपये पर टैक्स छूट मिलेगी, जबकि इस मद में ही मिली बाकी 1,08,000 रुपये की रकम पर इनकम टैक्स चुकाना पड़ेगा |