E-Passport: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में E-passport का ऐलान किया है. इसे लेकर बजट से पहले ही अनुमान लगाए जा रहे थे. E-passport आपने सामान्य पासपोर्ट का डिजिटल रूप होगा, जो नागरिकों के लिए काफी मददगार हो सकता है| ई-पासपोर्ट के जरिए विदेश यात्रा करने वालों लोगों को आसानी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि, अब विदेश यात्रा के लिए ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, जिसमें एक चिप लगा होगा,जो डेटा सिक्योरिटी में मदद करेगी. इस माइक्रोचिप में पासपोर्ट होल्डर का नाम और डेट ऑफ बर्थ समेत दूसरी जानकारियां होंगी , इस पासपोर्ट के जारी होने के बाद नागरिकों को इमीग्रेशन के लिए लगने वाली लंबी लाइन के छुटकारा मिलेगा. इसमें लगी चिप की मदद से पासपोर्ट को आसानी से इमीग्रेशन के लिए लगने वाली लंबी लाइन के छुटकारा मिलेगा इसमें लगी चिप की मदद से पासपोर्ट को आसानी से इमीग्रेशन काउंटर पर स्कैन किया जाएगा। यह टेक्नोलॉजी 2022-23 में ही जारी हो जाएगी। ई-पासपोर्ट की मदद से विदेश जाने में आसानी होगी।

E-passport का चलन कई देशों में हैं. अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में इसका इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है, इन देशों में बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट सिस्टम है, इस पासपोर्ट में 64KB स्टोरेज का स्पेस होता है, जिसमें यूजर की डिटेल्स स्टोर होती हैं |

E-Passport

ऐसे काम करेगा ई-पासपोर्ट:

ई-पासपोर्ट बिलकुल सामान्य पासपोर्ट की तरह ही दिखाई देगा, लेकिन इसमें एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी। इस चिप में आपका नाम, डेट ऑफ बर्थ, पता और बाकी सभी जानकारी होगी। चिप की मदद से इमीग्रेशन काउंटरों पर यात्री डिटेल्स बहुत कम समय में वेरिफाई हो जाएगी।

क्या आवेदन प्रक्रिया बदल जाएगी?

आप सभी के मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में भी बदलाव हुए होंगे। फिलहाल सरकार की तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि आवेदन की प्रक्रिया पहले जैसे ही रहेगी। एप्लीकेशन फॉर्म में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

सबसे पहले ई-पासपोर्ट का कॉन्सेप्ट इस देश ने लागू किया था:

सबसे पहले ई-पासपोर्ट का कॉन्सेप्ट मलेशिया में लागू किया गया था। साल 1998 में इसे लॉन्च किया गया था। अब अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और जर्मनी जैसे लगभग सौ से ज्यादा देशों में ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर साल 2008 में 20 हजार ई-पासपोर्ट राजनयिकों के लिए जारी किया गया था।

अब तक आप सामान्य पासपोर्ट करते थे इस्तेमाल:

आपके और मेरे पास जो नीले रंग का पासपोर्ट है, वह सामान्य पासपोर्ट है। यह पासपोर्ट एक बुक में प्रिंट होता है। पासपोर्ट पर होल्डर का नाम उसकी जन्मतिथि, माता-पिता नाम, शादीशुदा लोगों के लिए पति और पत्नी का नाम, जन्म स्थान की जानकारी प्रिंट होती है। इसके साथ इसमें आपकी फोटो, सिग्ननेचर मौजूद होते हैं। इसलिए यह पहचान के सबसे पुख्ता दस्तावेज में गिना जाता है। जब आपको पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है, तब आप उस पर जिस देश में जाना है वहां का वीजा लगाकर ट्रैवल कर सकते हैं।

भारत में कितने तरह के पासपोर्ट होते हैं?

साधारण पासपोर्ट: नीले रंग का होता है। इसे टूरिस्ट पासपोर्ट कहते हैं। देश के जो नागरिक विदेश घूमने जाना चाहते हैं, उनके पास इसका होना जरूरी है।

राजनयिक पासपोर्ट: यह डिप्लोमैटिक पासपोर्ट है। वाणिज्य दूतावासों या राजनयिकों को दिया जाता है। इसका रंग मरून होता है। इन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता है इमीग्रेशन में। विदेश यात्रा के दाैरान भी इस पासपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले स्पेशल स्टेटस इंजॉय करते हैं।

अस्थाई पासपोर्ट: जब आपका पासपोर्ट खो जाता है तब इसे बनाया जाता है। यह पासपोर्ट टूरिस्ट्स के अपने देश लौटने तक ही सिर्फ काम करता है।

फैमिली पासपोर्ट: फैमिली पासपोर्ट परिवार के लिए बनवाया जाता है। इसमें परिवार के हर सदस्य को पासपोर्ट न देकर एक फैमिली पासपोर्ट बनवाया जाता है।

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