Babri Demolition Case:-
Babri Demolition Case- बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में आज फैसले का दिन | 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में मस्जिद का ढांचा गिराया गया था और इस केस में 49 आरोपी बनाए गए थे | इनमें से 17 की मौत हो चुकी है और बचे हुए 32 आरोपियों पर फैसला आना है |
इस केस में कई बड़े आरोपी हैं | मस्जिद गिराए जाने के बाद 49 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई थी | इनमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है | अब 32 आरोपी बचे हैं | इनमें बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का भी नाम है | 32 में से 26 आरोपी आज लखनऊ की CBI विशेष अदालत में पेश हुए हैं | जबकि 6 आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट की कार्यवाही में जुड़े | लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान और नृत्य गोपास दास लखनऊ कोर्ट नहीं पहुंचे हैं |
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था. इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया और कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, बल्कि अचानक हुई. ये कहते हुए कोर्ट ने केस के सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है.
28 साल पुराने इस केस में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस केस में पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त नहीं माना है. 2300 पन्नों के फैसले में कोर्ट ने कहा है कि ढांचा गिराने में विश्व हिंदू परिषद का कोई रोल नहीं था, बल्कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पीछे से पत्थरबाजी की थी और ढांचा गिराने में कुछ शरारती तत्वों का हाथ था.
सभी 32 आरोपी:- Babri Demolition Case
- लालकृष्ण आडवाणी
- मुरली मनोहर जोशी
- कल्याण सिंह
- उमा भारती
- विनय कटियार
- साध्वी ऋतंभरा
- महंत नृत्य गोपाल दास
- डॉ. राम विलास वेदांती,
- चंपत राय,
- महंत धर्मदास,
- सतीश प्रधान,
- पवन कुमार पांडेय,
- लल्लू सिंह,
- प्रकाश शर्मा,
- विजय बहादुर सिंह,
- संतोष दुबे,
- गांधी यादव,
- रामजी गुप्ता,
- ब्रज भूषण शरण सिंह,
- कमलेश त्रिपाठी,
- रामचंद्र खत्री,
- जय भगवान गोयल,
- ओम प्रकाश पांडेय,
- अमर नाथ गोयल,
- जयभान सिंह पवैया,
- महाराज स्वामी साक्षी,
- विनय कुमार राय,
- नवीन भाई शुक्ला,
- आरएन श्रीवास्तव,
- आचार्य धर्मेंद्र देव,
- सुधीर कुमार कक्कड़
- धर्मेंद्र सिंह गुर्जर |
इन 17 लोगों का हुआ निधन:-
- अशोक सिंघल,
- गिरिराज किशोर,
- विष्णु हरि डालमिया,
- मोरेश्वर सावें,
- महंत अवैद्यनाथ,
- महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज,
- बैकुंठ लाल शर्मा,
- परमहंस रामचंद्र दास,
- डॉ. सतीश नागर,
- बालासाहेब ठाकरे,
- तत्कालीन एसएसपी डीबी राय,
- रमेश प्रताप सिंह,
- महात्यागी हरगोविंद सिंह,
- लक्ष्मी नारायण दास,
- राम नारायण दास
- विनोद कुमार बंसल |
28 साल बाद आडवाणी-मुरली समेत 32 आरोपी बरी, कोर्ट ने कहा- CBI सबूत नहीं ला सकी, ढांचा अज्ञात लोगों ने गिराया
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें– Babri Masjid Demolition Case
- इस मामले में किसी भी तरह की साजिश के सबूत नहीं मिले।
- ढांचा ढहाने की घटना अचानक हुई थी, यह घटना साजिशन नहीं हुई थी।
- अज्ञात लोगों ने विवादित ढांचा गिराया। आरोपी बनाए गए लोगों का इस घटना से लेना-देना नहीं था।
- सीबीआई 32 आरोपियों का गुनाह साबित करते सबूत पेश करने में नाकाम रही।
- गवाहों के बयानात बताते हैं कि कारसेवा के लिए जुटी भीड़ की नीयत बाबरी ढांचा गिराने की नहीं थी।
- अशोक सिंघल ढांचा सुरक्षित रखना चाहते थे क्योंकि वहां मूर्तियां थीं।
- विवादित जगह पर रामलला की मूर्ति मौजूद थी, इसलिए कारसेवक उस ढांचे को गिराते तो मूर्ति को भी नुकसान पहुंचता। कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा गया था।
- अखबारों में लिखी बातों को सबूत नहीं मान सकते। सबूत के तौर पर कोर्ट को सिर्फ फोटो और वीडियो पेश किए गए।
- वीडियो टेम्पर्ड थे। उनके बीच-बीच में खबरें थीं, इसलिए इन्हें भरोसा करने लायक सबूत नहीं मान सकते।
- चार्टशीट में तस्वीरें पेश की गईं, लेकिन इनमें से ज्यादातर के निगेटिव कोर्ट को मुहैया नहीं कराए गए। इसलिए फोटो भी प्रमाणिक सबूत नहीं हैं।