अग्नि 5 मिसाइल परीक्षण:-

भारत परमाणु सक्षम अग्नि 5 मिसाइल का पहला उपयोगकर्ता परीक्षण करके इतिहास रचने जा रहा है | 6,000 किमी. रेंज की यह मिसाइल एक लॉन्च में कई लक्ष्यों को नष्ट करने की क्षमता रखती है | इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारत की गिनती उन 8 देशों में हो जाएगी, जिनके पास इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल यानी ICBM है | यह मिसाइल सभी एशियाई देशों, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में लक्ष्य को भेदने में सक्षम है |

आगामी 23 सितम्बर को होने वाली अग्नि 5 मिसाइल का अगला परीक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कई वारहेड ले जाने में सक्षम मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है | हालांकि एक बहु-उपग्रह प्रक्षेपण के दौरान मिसाइल की MIRV क्षमता का गोपनीय रूप से परीक्षण किया गया था, लेकिन अब तक कोई लाइव लॉन्च नहीं किया गया है |

इस गुप्त परीक्षण में पहली बार स्वदेशी MIRV तकनीक से दो अलग-अलग स्थानों पर युद्धाभ्यास वाले हथियारों को टारगेट किया गया था | MIRV तकनीक से मिसाइल को प्रक्षेपण के बाद अलग-अलग लक्षित परमाणु हथियारों को स्वतंत्र तरीकों से भेजा जा सकता है | परमाणु सक्षम अंतर-महाद्वीपीय दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 का पहला उपयोगकर्ता परीक्षण 23 सितम्बर को किया जाना है, जो जल्द ही इसके सशस्त्र बलों में शीघ्र शामिल होने का संकेत है |

ये अग्नि सीरीज की 5वीं मिसाइल है | 19 अप्रैल 2012 को उड़ीसा में इसका पहला टेस्ट किया गया था, जो सफल रहा था | जनवरी 2015 में मिसाइल का पहला कैनिस्टर टेस्ट किया गया था | तब मिसाइल को रोड मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था | 10 दिसंबर 2018 को मिसाइल का आखिरी टेस्ट किया गया | खास बात ये है कि अब तक मिसाइल के 7 टेस्ट किए जा चुके हैं, सभी सफल रहे हैं | अग्नि-5 को 2020 में ही सेना में शामिल करने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना की वजह से टेस्ट में देरी हो गई | न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम इस मिसाइल का ये 8वां टेस्ट होगा |

अग्नि-5 की ताकत क्या है:-

  • अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है | ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है |
  • इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है | अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है |
  • ये मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है | यानी एक साथ मल्टिपल टार्गेट के लिए लॉन्च की जा सकती है |
  • यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है | इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा |
  • अग्नि-5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है | इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है |
  • अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है |
अग्नि 5 मिसाइल

क्या पाकिस्तान-चीन के पास इस तरह की मिसाइल है:-

  • पाकिस्तान की गौरी-2 मिसाइल की रेंज 2300 किलोमीटर और शाहीन-2 मिसाइल की रेंज 2500 किलोमीटर है | पाकिस्तान शाहीन-3 पर भी काम कर रहा है, जिसकी रेंज 2700 किलोमीटर तक हो सकती है |
  • चीन के पास भारत के मुकाबले ज्यादा रेंज और आधुनिक तकनीक की मिसाइल है | चीन की डीएफ-31 मिसाइल की रेंज 8000 किलोमीटर और डीएफ-41 मिसाइल की रेंज 12000 किलोमीटर है |

अग्नि-5 की ताकत क्या है?

  • अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है।
  • इस मिसाइल की रेंज 5 हजार किलोमीटर है। अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • ये मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। यानी एक साथ मल्टिपल टार्गेट के लिए लॉन्च की जा सकती है।
  • यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा।
  • अग्नि-5 के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
  • अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।

बेहद आसान है इसका इस्तेमाल:-

अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल बेहद आसान है | इसे रेल, सड़क या हवा कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है | देश के किसी भी कोने में इसे तैनात कर सकते हैं जबकि किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं | यह करीब 10 साल का फासला है, जब भारत की ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि 5 मिसाइल तक पहुंची है |

वर्ष 2002 में सफल परीक्षण की रेखा पार करने वाली अग्नि-1 मध्यम रेंज की बालिस्टिक मिसाइल थी | इसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर थी और इससे 1000 किलो तक के परमाणु हथियार ढोए जा सकते थे | फिर इसके बाद अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें आईं |

ये तीनों इंटरमीडिएट रेंज की बालिस्टिक मिसाइलें हैं | इनकी मारक क्षमता 2000 से 3500 किलोमीटर है | अब भारत अग्नि-5 का उपयोगकर्ता परीक्षण करने जा रहा है | अग्नि-5 का पांचवां विकास परीक्षण 3 जून, 2018 को प्रातः 9 बजकर 48 मिनट पर किया गया था |

चीन UNSC के प्रस्ताव 1172 के बारे में बात कर रहा है। सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 1172 जून 1998 में किए गए परमाणु परीक्षण के बाद लागू किया गया था। प्रस्ताव में भारत और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को बंद करने और दोनों देशों से और परमाणु परीक्षणों से परहेज करने को कहा गया था। इसमें दोनों देशों से न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के डेवलपमेंट को रोकने का आग्रह भी किया गया था। हालांकि भारत इस प्रस्ताव को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

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