World Braille Day 2022:-
दुनियाभर में 4 जनवरी का दिन ‘विश्व ब्रेल दिवस (World Braille Day)’ के तौर पर मनाया जाता है | इस दिन लुई ब्रेल का जन्मदिन भी होता है | बता दें लुई ब्रेल वहीं शख्स हैं जिन्होंने महज 15 साल की उम्र में ब्रेल लिपि (Braille) का आविष्कार किया था | ब्रेल भाषा के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्म फ्रांस में 4 जनवरी 1809 को हुआ था | उन्हें और उनके योगदान के लिए याद करने के लिए, लुई की जयंती हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाई जाती है |
दुनिया में लाखों अंधे लोगों को पढ़ने-लिखने में सक्षम बनाने वाले महान वैज्ञनिक लुई ब्रेल का आज जन्मदिन है | इस मौके पर पूरी दुनिया में ब्रेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है | फ्रांस के लुई ब्रेल खुद एक दृष्टिहीन थे | जिससे वो पढ़ने लिखने में अक्षम थे |
लेकिन अपनी तकदीर को उन्होंने अपनी मजबूरी नहीं बनने दी | और कर दिया एक ऐसे लिपि का अविष्कार जिसने दुनियाभर के दृष्टिहीनों की जिंदगी बदल दी | उन्होंने दृष्टिहीनों लिखने-पढ़ने के लिए अलग लिपि विकसित की और जिसे ब्रेल लिपि नाम मिला |आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लुई ने जब यह लिपि बनायी तब वे मात्र 15 वर्ष के थे |
ब्रेल एक ऐसी भाषा है जिसका आविष्कार विशेष रूप से नेत्रहीन लोगों के लिए किया गया है और जिनकी दृष्टि आंशिक रूप से क्षीण है | जबकि सही दृष्टि वाले लोगों के लिए दुनिया भर में अपनी आंखों से देखना आसान है, दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए बिगड़ा दृष्टि वाले लोगों के लिए यह थोड़ा मुश्किल हो जाता है | इन लोगों को पढ़ने और सीखने में मदद करने के लिए, लुई ने ब्रेल भाषा का आविष्कार किया, जो विश्व स्तर पर बिगड़ा दृष्टि वाले लोगों के लिए सार्वभौमिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया |
World Braille Day 2022: उद्देश्य और महत्व
यह तीसरा वर्ष है जब वर्ल्ड ब्लाइंड यूनियन (World Blind Union) नवंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमोदित किए जाने के बाद दिवस मनाएगा | पहला विश्व ब्रेल दिवस वर्ष 2019 में मनाया गया था | विश्व ब्रेल दिवस को अंधे और आंशिक रूप से देखे जाने वाले लोगों के लिए संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आधिकारिक तौर पर नामित किया गया था |
विश्व ब्रेल दिवस को संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु मनाया जाता है | विश्वभर में 04 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय ब्रेल दिवस मनाया गया था | संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व ब्रेल दिवस के लिए 06 नवम्बर 2018 को प्रस्ताव पारित किया था |
ब्रेल लिपि क्या है:-
ब्रेल एक लेखन पद्धति है | यह नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सृजित की गई थी | ब्रेल एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली है | इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है | इसकी संरचना फ्रांसीसी नेत्रहीन शिक्षक और आविष्कारक लुइस ब्रेल ने की थी |
इन्हीं के नाम पर इस पद्धति का नाम ब्रेल लिपि रखा गया है | ब्रेल में उभरे हुए बिंदु होते हैं | इन्हें ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है | कुछ बिन्दुओं पर छोटे उभार होते हैं | इन्हीं दोनों की व्यवस्था और संख्या से भिन्न चरित्रों की विशिष्टता तय की जाती है | ब्रेल की मैपिंग प्रत्येक भाषा में अलग हो सकती है |
लुई के दिमाग में ब्रेल लिपि का विचार फ्रांस की सेना के कैप्टन चार्ल्र्स बार्बियर से मुलाकात के बाद आया | दरअसल, चार्ल्स ने सैनिकों की अंधेरे में पढ़ी जाने वाली नाइट राइटिंग और सोनोग्राफी के बारे में लुई को बताया था |
ये लिपि कागज पर उभरी हुई होती थी और 12 प्वाइंट्स पर आधारित थी | इसी को आधार बनाकर लुई ने उसमें संशोधन कर उस लिपि को 6 बिंदुओं में तब्दील कर ब्रेल लिपि का आविष्कार कर दिया | लुई ने लिपि को कारगार बनाने के लिए विराम चिन्ह और संगीत के नोटेशन लिखने के लिए भी जरूरी चिन्हों का लिपि में जोड़ा |
इस लिपि में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ छपते हैं | ब्रेल लिपि में कई पुस्तकें भी निकलती हैं |
Frequently Asked Questions(FAQs):-
विश्व ब्रेल दिवस कब मनाया जाता है?
4 जनवरी को
विश्व ब्रेल दिवस क्यों मनाया जाता है?
ब्रेल भाषा के आविष्कारक लुई ब्रेल का जन्म फ्रांस में 4 जनवरी 1809 को हुआ था | उन्हें और उनके योगदान को याद करने के लिए, लुई की जयंती हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाई जाती है |
ब्रेल भाषा के आविष्कारक कौन हैं?
लुई ब्रेल
लुई ब्रेल का जन्म कब हुआ था?
4 जनवरी 1809 को
ब्रेल लिपि क्या है ?
ब्रेल एक लेखन पद्धति है | यह नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सृजित की गई थी | ब्रेल एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली है | इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है | इसकी संरचना फ्रांसीसी नेत्रहीन शिक्षक और आविष्कारक लुइस ब्रेल ने की थी | इन्हीं के नाम पर इस पद्धति का नाम ब्रेल लिपि रखा गया है | ब्रेल में उभरे हुए बिंदु होते हैं | इन्हें ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है | कुछ बिन्दुओं पर छोटे उभार होते हैं | इन्हीं दोनों की व्यवस्था और संख्या से भिन्न चरित्रों की विशिष्टता तय की जाती है | ब्रेल की मैपिंग प्रत्येक भाषा में अलग हो सकती है |
पहला अंतरराष्ट्रीय ब्रेल दिवस कब मनाया गया था ?
04 जनवरी 2019 को
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व ब्रेल दिवस के लिए प्रस्ताव कब पारित किया था
06 नवम्बर 2018 को