Sachin Bansal Success Story
काम तो हरकोई करता है, हम सभी अपने जीवन में कुछ न कुछ अपनी पसंद का करना चाहते हैं, और उसके लिए हम प्रयास भी करते हैं, हमे जीवन में जो चाहिए उसके लिए हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए और इसका एक उदहारण हैं flipkart के पुराने मालिक सचिन बंसल.
भारत में हम सभी ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे है और फ्लिपकार्ट हर इंटरनेट शॉपहोलिक का हॉट डेस्टिनेशन है। इस विचार के पीछे का मास्टरमाइंड, भारत में ई-कॉमर्स वेबसाइट स्थापित करने वाले पहले लोगों में से एक IIT passout और एक व्यवसायी सचिन बंसल हैं, जिन्होंने भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी खड़ी की.
तो आइये दोस्तों आज हम इन्ही महान हस्ती सचिन बंसल के बारे में कुछ रोचक बाते बताने वाले हैं, तो आइये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सचिन बंसल के बारे में.
दोस्त के साथ मिलकर किआ काम सुरु
सचिन बंसल ने अमेज़ॅन में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी की थी। अमेजन में काम करते हुए, सचिन बंसल ने भारत की अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट शुरू करने का फैसला किया, और उसमे काम करना सुरु कर दिया. अपने पुराने दोस्त बिन्नी बंसल के साथ मिलकर सचिन बंसल ने फ्लिपकार्ट को स्टार्ट किआ था.
Sachin bansal का जन्म और पढाई
सचिन बंसल का जन्म 5 अगस्त 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था। उनके पिता एक व्यापारी थे और माता गृहिणी थीं। उनका परिवार शिक्षा में उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त करने और सफलता प्राप्त करने में विश्वास करता था। बंसल ने JEE की तैयारी के लिए बहुत मेहनत की और ऑल इंडिया JEE रैंकिंग में 49 वें स्थान पर रहे। उन्होंने अपनी आगे की पढाई IIT दिल्ली से की, और फिर उन्होंने Amazon में Senior Software Engineer के रूप में नौकरी की.
स्कूटर से बेचा करते थे सामान
सचिन ने अपनी कंपनी की शुरुआत बेंगलुरु से की थी. शुरुआती दिनों में बे और उनके दोस्त बिन्नी बंसल स्कूटर से अपने ग्राहकों को सामान की डिलीवरी किया करते थे. बड़े-बड़े बुक स्टॉल के पास खड़े होकर फ्लिपकार्ट के बुकमार्क्स आने-जाने वाले लोगों को बांटा करते थे. बाद में कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक, लाइफ़ स्टाइल जैसे अन्य क्षेत्र में हाथ आजमाए, और एक अच्छा मुकाम भी हासिल किआ.
फ्लिपकार्ट से जुडी कुछ खास बातें
- सचिन और बिन्नी बंसल दोनों भाई नहीं बल्कि कॉलेज फ्रेंड्स थे.
- फ्लिपकार्ट से उन्होंने सबसे पहले किताब बेचना सुरु किआ था.
- एक पुरनी स्कूटर में बैठ कर अपने ग्राहकों को सामान पहुंचाया करते थे.
- सचिन और बिन्नी बंसल से फ्लिपकार्ट की शुरुआत मात्र 10,000 रुपये से की थी.
2018 में छोड़ दी अपनी बनाई हुई कंपनी
फ्लिपकार्ट में अपने करियर के दौरान, जिसने 11 साल का समय बिताया, बंसल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाला। मई 2018 में, बंसल ने घोषणा की कि फ्लिपकार्ट के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ने के बाद, वह लंबित व्यक्तिगत परियोजनाओं, गेमिंग और अपने कोडिंग कौशल को ब्रश करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, और उन्होंने फ्लिपकार्ट को वॉलमार्ट को एक हज्जार करोड़ में बेच दिया और फ्लिपकार्ट छोड़ दिया.
2018 में अमेरिका की बड़ी रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी शेयर खरीद लिए. बिन्नी बंसल को सीईओ बनाया गया. सचिन बंसल ने इस्तीफा दे दिया. और एक नए सफर में निकल गए.
Sachin Bansal की उपलब्धियां
- 2013 में, बंसल को इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया था.
- 2015 में, फोर्ब्स इंडिया द्वारा बंसल को भारत के 86 वें सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में नामित किया गया था।
- 2016 में, टाइम पत्रिका ने विश्व सूची में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में बंसल और उनके सह-संस्थापक (Co-Founder)को शामिल किया
- 2017 में, इंडिया टुडे ने भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में बंसल और बिन्नी बंसल को शामिल किया।
2019 में किआ नया इन्वेस्टमेंट फिर बने नयी कंपनी के CEO
सचिन बंसल ने चैतन्य रूरल इंटरमीडिएशन डेवलपमेंट सर्विसेज (CRIDS) में 739 करोड़ रुपए में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। सचिन सीआरआईडीएस के सीईओ का पद भी संभालेंगे।CRIDS एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है। सीआरआईडीएस उन जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सुविधाएं मुहैया करवाती है जिनकी दूसरे सामान्य माध्यमों तक पहुंच नहीं है।
इससे पहले Sachin bansal ने भारत की कार रेंट सर्विस OLA cabs में भी 650 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किआ था.
तो दोस्तों ये थी बातें फ्लिपकार्ट के मालिक सचिन बंसल के बारे में, सचिन जैसे लोगों की वजह से हे हमारे देश में ना जाने कितने लोगों को रोज़गार मिलता है, जिससे देश की आर्थिक इस्तिथि अच्छी होती है, हमे भी इन्ही की तरह कुछ करना चाइये ताकि हमभी अपने देश के लिए कुछ कर सकें.
सचिन सर की बायोग्राफी से काफी कुछ सीखने को मिलता है की अगर हम मेहनत करते है तो Amazon जैसी कंपनी को भी टककर दे सकते है।
Thanks, nice content.