उत्तरप्रदेश सरकार “हौसला पोषण योजना” को दुबारा शुरू करने जा रहे है

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हौसला पोषण योजना (Hausala Poshan Scheme):-

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य भर में हौसला पोषण योजना (Hausala Paushan Scheme) को दुबारा लागू करने की योजना बना रही है | इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं और 6 महीने से 6 वर्ष तक की आयु के बीच के सभी कुपोषित बच्चों (under-nourished children) को विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों के संबंधित ग्राम सभा में पौष्टिक भोजन  प्रदान किया जाएगा | उत्तर प्रदेश सरकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कुपोषण को खत्म करने के लिए इस योजना को दुबारा लागू करने की योजना बना रही है |

इस योजना से लगभग 24 लाख बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लाभ होगा | इस योजना को दुबारा लागू करने का मुख्य उद्देश्य उत्तरप्रदेश के मानव विकास सूचकांक /Human Development Index (HDI) को सुधारना है |बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कुपोषण  के वजह से राज्य  का मानव विकास सूचकांक /Human Development Index (HDI)  बहुत कम है |

उत्तरप्रदेश देश के उन 4 राज्यों की सूची में सबसे नीचे है जिनका बाल पोषण सूचकांक सबसे कम है | इन राज्यों में  बिहार, आंध्र प्रदेश, दमन और द्वीप, उत्तरप्रदेश शामिल हैं  | उत्तरप्रदेश के सरकारी दस्तावेजों के अनुसार राज्य के 35% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं |

हौसला पोषण योजना (Hausala Poshan Scheme) के उद्देश्य:-

  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन प्रदान करना |
  • राज्य में कुपोषण उन्मूलन |
  • राज्य के मानव विकास सूचकांक /Human Development Index (HDI) को सुधारना |

हौसला पोषण योजना (Hausala Poshan Scheme) के लिए पात्रता मापदंड:-

  • आवेदक को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए |
  • गर्भवती महिलायें पात्र होंगी|
  • आंगनवाड़ी केंद्रों के  6 महीने से 6 वर्ष तक की आयु के बीच के सभी कुपोषित बच्चे पात्र होंगे |

हौसला पोषण योजना (Hausala Poshan Scheme) की मुख्य विशेषताएं:-

  • सभी गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के बीच बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में ताजा पका हुआ पौष्टिक भोजन मिलेगा |
  • इस योजना के तहत लगभग 10 लाख गर्भवती महिलाओं और 14 लाख से ज्यादा कुपोषित बच्चों को शामिल किया जाएगा |
  • अत्यधिक कुपोषित बच्चों को 500 ग्राम देसी घी भी दिया जाएगा | महिलाओं को भोजन के साथ प्रतिदिन मौसमी फल भी प्रदान किया जाएगा |
  • लाभार्थियों को दिए गए अन्य अवयवों में भी कुपोषण को रोकने की क्षमता होगी |

राज्य सरकार उत्तरप्रदेश और पूरे भारत के मानव विकास सूचकांक /Human Development Index (HDI) को सुधारना चाहती है | इसके अलावा, राज्य सरकार कुपोषण को पूर्ण रूप से ख़त्म करने और राज्य में स्वस्थ गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी |

हौसला पोषण योजना को लागू करने की आवश्यकता क्यों है:-

0 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों के कुपोषण के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब है | वर्तमान में  तैयार की गई बाल पोषण सूचकांक में उत्तर प्रदेश का स्थान नीचे से चौथा है | उत्तर प्रदेश की तुलना में केवल बिहार, आंध्र प्रदेश और दमन और दीव की रैंकिंग खराब है |

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ICDS पूरक पोषण कार्यक्रम (ICDS  Supplementary Nutrition Programme) के लाभार्थियों में कुल 35.5% बच्चों का वजन under-weight था | 62,728 बच्चे ग्रेड III और IV (गंभीर रूप से कुपोषित) श्रेणियों में आते हैं | वर्तमान में, 2 करोड़ बच्चे पूरक पोषण कार्यक्रम / Supplementary Nutrition Programme (SNP) के लाभार्थी हैं | इसके अलावा, लगभग 50 लाख गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को ICDS के तहत कवर किया गया है |

 

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