गुड सेमेरिटन योजना के तहत सड़क हादसे में घायल किसी भी अंजान व्यक्ति को कोई भी राहगीर संबंधित सीएचसी, पीएचसी या आसपास के सरकारी अस्पताल व मेडिकल कालेज ले जाकर अगर भर्ती कराता है तो उसे गुड सेमेरिटन यानी नेक इंसान का तमगा दिया जाता है।

योजना में घायल को अस्पताल लाने वाले का नाम-पता भी उसकी मर्जी से ही पूछा जा सकता है। अगर वह चाहे तो अपना नाम-पता बताकर सर्टिफिकेट ले सकता है और न चाहे तो अस्पताल में भर्ती कराकर वहां से जा सकता है।

संबंधित व्यक्ति से न तो पुलिस किसी भी स्तर पर पूछताछ कर सकती है और न ही उसे गवाह के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। कुल मिलाकर किसी भी स्तर पर नेक आदमी को सरकारी पचड़े से बचाए रखने की व्यवस्था की गई है|

गुड सेमेरिटन योजना :

गुड सेमेरिटन योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा उन सभी अच्छे नागरिकों को ₹5000 की नकद धनराशि प्रदान की जाएगी जो कि सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को तत्काल समय में अस्पताल तक पहुंचा सके।

5 वर्षों की अवधि के लिए लागू किया है एवं इसके लिए ₹131000 करोड़ का बजट तय किया गया है। संबंधित मंत्रालय ने सोमवार को गुड सेमेरिटन को पुरस्कार देने हेतु योजना शुरू की है।

इस योजना के लिए मंत्रालय ने सोमवार को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। वैसे व्यक्ति जो कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल तौर पर सहायता प्रदान करें एवं गोल्डन आवर में अस्पताल या ट्रामा केयर सेंटर में भर्ती करवा कर उस व्यक्ति की जान बचा सके तो सरकार द्वारा ऐसे अच्छे नागरिकों को ₹5000 की नकद धनराशि इनाम के तौर पर प्रदान की जाएगी।

मध्य प्रदेश गुड सेमेरिटन योजना:

सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र की ‘‘गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लागू किया गया है. इसमें पीड़ितों को स्वर्ण घंटे (शुरुआती बेशकीमती समय जब पीड़ितों के अस्पताल पहुंचाए जाने पर उसकी जान बचने की गुंजाइश होती है) के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा.

मध्य प्रदेश यातायात और सड़क सुरक्षा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) जी जनार्दन ने बताया, ‘‘गुड सेमेरिटन स्कीम’’ (नेक आदमी योजना) के तहत कोई भी आदमी सड़क हादसे के पीड़ित व्यक्ति को एक घंटे की भीतर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर ले जाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे पांच हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. केंद्र की यह योजना मध्यप्रदेश में दशहरा (15 अक्टूबर ) से लागू हो गई है.’’

2020 में 1,31,714 लोगों की हुई मौत:

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आम जनता को आपात स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मदद करने और बेकसूर लोगों की जीवन को बचाने के लिए प्रेरित करना है. अगस्त में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि वर्ष 2020 के दौरान भारत में कुल 3,66,138 सड़क हादसे हुए और उनमें 1,31,714 मौतें हुई|

कब होंगे पात्र :

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार सम्मानित किया जा सकता है. सम्मान के तौर पर पांच हजार रुपए नकद और प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया जायेगा. सड़क हादसे के शिकार व्यक्ति के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी में चोट या कम से कम तीन दिन के लिए अस्पताल में भर्ती रहने या बड़ी सर्जरी होने की स्थिति में मदद करने वाला व्यक्ति गुड सेमेरिटन नकद पुरस्कार के लिए पात्र होगा|

क्या होता है गोल्डन आवर :

स्वर्ण घंटे (गोल्डन आवर) के बारे में पूछे जाने पर एडीजी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के धारा 2 (12ए) के अनुसार स्वर्ण घंटे का मतलब वह एक घंटे का समय है जो व्यक्ति को दर्दनाक चोट लगने के बाद का एक घंटा होता है. इस एक घंटे के दौरान पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र चिकित्सा देखभाल प्रदान करके उसकी मृत्यु की रोकथाम की उच्चतम संभावना होती है.

उन्होंने कहा कि इसमें हर साल दस राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार होंगे जिन्हें उन सभी लोगों में से चुना जाएगा जिन्हें पूरे वर्ष के दौरान सम्मानित किया गया है. राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में अतिरिक्त तौर पर एक लाख रुपये का पुरस्कार, प्रशंसा पत्र और एक ट्रॉफी दी जाएगी|

गुड सेमेरिटन योजना के दिशा निर्देश :

  • good samaritan scheme of work के तहत आपातकालीन स्थिति में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए आम जनता को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी कारणवश सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि प्रत्येक गुड सेमेरिटन के लिए पुरस्कार धनराशि ₹5000 प्रतिघटना तय की गई है।
  • योजना के तहत हर नकद पुरस्कार के साथ प्रशंसा का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
  • प्रत्येक मामले में पुरस्कार के अलावा योग्य अच्छे नागरिकों के लिए 10 राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार होंगे जिसके तहत उन्हें पूरे वर्ष के समय सम्मानित किया जाएगा|
  • इसी के साथ साथ उन्हें ₹100000 का पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
  • दिशा निर्देशों के तहत यदि एक से अधिक अच्छा नागरिक एक से अधिक पीड़ित के जीवन को बचाता है तो पुरस्कार की राशि प्रति पीड़ित बचाने के लिए ₹5000 होगी
  • गोल्डन आवर दर्दनाक दुर्घटना के बाद 1 घंटे की अवधि को कहा जाता है जिसके दौरान तत्काल चिकित्सा एवं देखभाल ना प्रदान होने कारण घायल व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है।
  • इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा इस योजना को शुरू किया है ताकि गोल्डन आवर के समय ऐसे पीड़ितों की जान बचाई जा सके
  • इस योजना की मदद से सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु दर को भी कम किया जाएगा।

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