मिशन कर्मयोगी योजना 2022- iGOT कर्मयोगी एक ऑनलाइन शिक्षण मंच है, iGOT-कर्मयोगी, सभी सरकारी कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए डिजिटल इंडिया स्टैक के एक अभिन्न अंग के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह लगभग 2.0 करोड़ उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए कभी भी-कहीं भी-किसी भी उपकरण को सीखने की सुविधा प्रदान करेगा जो अब तक पारंपरिक उपायों के माध्यम से प्राप्त नहीं किया जा सकता था। मंच को एक मजबूत ई-लर्निंग सामग्री उद्योग द्वारा समर्थित एफआरएसी पर आधारित सामग्री के लिए एक जीवंत और विश्व स्तरीय बाज़ार के रूप में विकसित करने की कल्पना की गई है। सामग्री को अलग-अलग सरकारी मंत्रालयों या संगठनों द्वारा इन-हाउस या ज्ञान भागीदारों के माध्यम से क्यूरेट किया जा सकता है। सर्वोत्तम-इन-क्लास संस्थानों, विश्वविद्यालयों, निजी सामग्री प्रदाताओं और व्यक्तिगत संसाधनों से सावधानीपूर्वक तैयार की गई और जांची गई सामग्री को प्रशिक्षण मॉड्यूल के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। 2 सितंबर 2020 को सरकार द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दे दी गई है। यह योजना सिविल अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए आरंभ की गई है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मिशन कर्म योगी योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। जैसे कि मिशन कर्मियों की योजना क्या है?, इस योजना का उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, संस्थागत ढांचा, iGOT कर्मयोगी मंच आदि | तो दोस्तों यदि आप मिशन कर्मयोगी योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपसे निवेदन है कि आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (मिशन कर्मयोगी) के बारे में (About National Programme for Civil Services Capacity Building (Mission Karmayogi):
मिशन कर्मयोगी - नागरिक की बदलती जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम की परिकल्पना की गई है। कार्यक्रम को एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत सिविल सेवाओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष निकाय द्वारा संचालित है। कार्यक्रम के केंद्र में यह मान्यता है कि एक उद्देश्य के लिए उपयुक्त सरकारी कार्यबल को एक सक्षमता संचालित क्षमता निर्माण दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जो अपनी भूमिकाओं के निर्वहन के लिए महत्वपूर्ण दक्षताओं को प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह सिविल सेवाओं के लिए एक सक्षमता ढांचे के माध्यम से हासिल किया गया है जो पूरी तरह से भारत के लिए स्वदेशी होगा। यह iGOT कर्मयोगी द्वारा पूरक है - एक व्यापक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जो ऑनलाइन, आमने-सामने और मिश्रित सीखने को सक्षम बनाता है और अधिकारियों के आजीवन सीखने के रिकॉर्ड का प्रबंधन करता है। दोनों के बीच संबंध (ए) एक व्यक्ति में योग्यता स्तरों और योग्यता अंतराल के एआई सक्षम मूल्यांकन और (बी) डेटा संचालित रणनीतिक मानव संसाधन निर्णय लेने में सक्षम होंगे, दोनों सरकार के सामरिक मानव संसाधन प्रबंधन के लिए अग्रणी होंगे। पूरे कार्यक्रम को केंद्र और राज्यों के बीच साझा स्वामित्व के साथ एक मजबूत संस्थागत ढांचे द्वारा प्रबंधित किया जाएगा, जो एक नीति ढांचे द्वारा पूरक होगा जो लागू करने योग्य नीतियां विकसित करता है, सरकारी तौर-तरीकों को संरेखित करता है, और सकारात्मक गति पैदा करता है। सभी स्तरों पर सभी घटकों की मजबूत निगरानी और मूल्यांकन के साथ, कार्यक्रम रणनीति और कार्यान्वयन के बीच स्पष्ट दृष्टि को सक्षम करते हुए जवाबदेही और पारदर्शिता की संस्कृति भी पैदा करेगा।
मिशन कर्मयोगी योजना 2022:
मिशन कर्मयोगी योजना के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों का स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा। यह स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रदान करके, ऑनलाइन कंटेंट प्रदान करके किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत ऑन द साइड ट्रेनिंग पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
यह योजना एक कौशल निर्माण कार्यक्रम है। इस योजना के माध्यम से सरकारी अधिकारियों की काम करने की शैली में भी सुधार आएगा। इस योजना के अंतर्गत नियुक्ति के बाद सिविल अधिकारी की क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
जिससे कि अधिकारियों का प्रदर्शन बेहतर हो पाएगा। मिशन कर्मयोगी योजना के दो मार्ग होंगे सव चलित तथा निर्देशित। यह योजना पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चलाई जाएगी। जिसमें नई एचआर परिषद, चयनित केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण के बारे में: (About integrated Government online training):
राष्ट्रीय प्रशिक्षण नीति, 2012 अनिवार्य करती है कि सभी सिविल सेवकों को उनकी वर्तमान या भविष्य की नौकरियों के लिए दक्षताओं से लैस करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ऐसा प्रशिक्षण उनके सेवा में प्रवेश के समय और उनके करियर के दौरान उचित अंतराल पर दिया जाना है। यहीं से 'सभी के लिए प्रशिक्षण' (टीएफए) की योजना की अवधारणा सामने आई थी। अकेले मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों के लिए बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा करना व्यावहारिक रूप से असंभव है। विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों में कार्यरत बड़े कार्यबल को ध्यान में रखते हुए, सभी स्तरों के सरकारी अधिकारियों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित करने के लिए एकल तंत्र के तहत मुश्किल है। इसलिए, प्रमाणीकरण के साथ ऑनलाइन मॉड्यूल-आधारित प्रशिक्षण के साथ मौजूदा प्रशिक्षण तंत्र को बढ़ाना, सरकार में प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सबसे व्यवहार्य विकल्प के रूप में उभरा है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य एक व्यवस्थित प्रशिक्षण पदानुक्रम स्थापित करना है, जो अधिकारियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करेगा, प्रशिक्षण पदानुक्रम में ऊर्ध्व गति के साथ उनकी बदलती भूमिका के अनुरूप होगा। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि ई-लर्निंग मोड देश भर में फैले बड़ी संख्या में सिविल सेवकों को प्रशिक्षण के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। नवीनतम प्रौद्योगिकियां सीखने की सामग्री के विशाल संसाधन उपलब्ध कराती हैं और ऑनलाइन सरकारी प्रशिक्षण को एकीकृत करती हैं, जिससे व्यक्तियों को सीखने में भारी विकल्प और लचीलापन मिलता है। इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए, बड़े पैमाने पर खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) तंत्र के माध्यम से एकीकृत ऑनलाइन सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम को पायलट आधार पर शुरू किया गया है। एमओओसी तंत्र कई सरकारी और अन्य प्रशिक्षण संस्थानों को प्रशिक्षण संसाधनों के भंडार तक पहुंच का एकल बिंदु प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। प्रशिक्षण ऑनसाइट उपलब्ध होगा और अवकाश के समय लिया जा सकता है। कार्यक्रम को प्रायोगिक आधार पर चलाया जाएगा और लागू किए गए कार्यक्रम के परिणाम के आधार पर बहुत जल्द ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम को व्यापक रूप से शुरू किया जाएगा।
मिशन कर्मयोगी योजना 2022 अवलोकन
योजना का नाम | मिशन कर्मयोगी योजना |
लांच किया | भारत सरकार ने |
लाभार्थी | सरकारी कर्मचारी |
उद्देश्य | कर्मचारियों का कौशल विकास करना। |
साल | 2022 |
मिशन कर्मयोगी सिविल सेवा में किये गए बदलाव
सिविल सेवा से जुड़े सभी सरकारी अधिकारी तथा कर्मचारी किसी भी समय इस योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही ट्रेनिंग से जुड़ सकते है।
इस योजना के तहत सरकारी अधिकारियो और कर्मचारियों की क्षमता को बढ़ाने के लिए मोबाइल, लैपटॉप आदि के माध्यम से ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस ट्रेनिंग में अलग अलग विभाग के टॉप सलाहकारों को भी शामिल किया जायेगा। इसमें ऑफ साइट सीखने के कॉन्सेप्ट को बेहतर बनाते हुए ऑन द साइट सीखने के सिस्टम पर भी बल दिया गया है | मिशन कर्मयोगी योजना के लिए सरकार द्वारा 5 साल का बजट बना दिया गया है जिसमे कुल 510.86 करोड़ निर्धारित किया गया है।
मिशन कर्मयोगी योजना का उद्देश्य:
मिशन कर्मयोगी योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमताओं को विकसित करना है। इसके लिए सरकार द्वारा कई सारे संशोधन किए जाएंगे। जैसे कि कर्मचारियों को ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी, ई लर्निंग कंटेंट प्रदान किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों की कार्य क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य भविष्य के लिए भारतीय सिविल सेवक को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर तैयार करना है।
मिशन कर्मयोगी योजना 2022 संस्थागत ढांचा:
मिशन कर्मयोगी योजना को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में चलाया जाएगा। जिसमें केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री भी शामिल किए जाएंगे। इसी के साथ प्रधानमंत्री के सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद, क्षमता निर्माण आयोग, ऑनलाइन परीक्षण के लिए iGOT तकनीकी मंच, स्पेशल परपज व्हीकल तथा कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सामान्य इकाई भी शामिल की गई है।
मिशन कर्मयोगी योजना बजट
मिशन कर्मयोगी योजना के लिए सरकार द्वारा 5 वर्षों की अवधि के लिए 510.86 करोड रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। जो कि लगभग 46 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है।
इस योजना के अंतर्गत एक स्वामित्व वाली विशेष प्रयोजन वाहन (special purpose vehicle) कंपनी का गठन किया जाएगा। जो कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के अंतर्गत किया जाएगा। यह एक non-profit ऑर्गेनाइजेशन होगी जो iGOT कर्मयोगी प्लेटफार्म का स्वामित्व और प्रबंधन करेगी।
कर्मयोगी योजना मिशन के अंतर्गत इन कौशल को विकसित किया जाएगा:
कर्मयोगी योजना मिशन 2022 के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों के कौशल विकास करने पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से कर्मचारियों के कई सारे कौशलों को विकसित किया जाएगा। जिसमें से कुछ इस प्रकार है।
- क्रिएटिविटी
- कल्पनाशीलता
- इनोवेटिव
- प्रोएक्टिव
- प्रगतिशील
- ऊर्जावान
- सक्षम
- पारदर्शी
- तकनीकी तौर पर दक्ष आदि।
मिशन कर्मयोगी योजना के लाभ तथा विशेषताएं :
- मिशन कर्मयोगी योजना का आरंभ 2 सितंबर 2020 को किया गया है।
- इस योजना का संचालन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया जाएगा।
- मिशन कर्मयोगी योजना के माध्यम से सिविल अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने का ट्रेनिंग के माध्यम से प्रयास किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत ऑन द साइड ट्रेनिंग पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
- इस योजना के माध्यम से प्रणाली में पारदर्शिता आएगी तथा अधिकारियों के काम करने की शैली में भी सुधार आएगा।
- मिशन कर्मयोगी योजना 2022 के दो मार्ग होंगे सर्व चलित तथा निर्देशित।
- इस योजना में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ एक नई एचआर परिषद, चयनित केंद्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री शामिल होंगे।
- योजना के सफलतापूर्वक संचालन के लिए iGOT कर्मयोगी प्लेटफार्म का भी गठन किया गया है ल। जिसके माध्यम से ऑनलाइन कांटेक्ट उपलब्ध कराया जाएगा।
- मिशन कर्मयोगी योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 5 वर्षों के लिए 510.86 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
- यह योजना लगभग 46 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हैं।
- इस योजना के अंतर्गत एक स्वामित्व वाली विशेष परियोजना वाहन कंपनी का गठन किया जाएगा। जो iGOT कर्मयोगी की प्लेटफार्म का स्वामित्व और प्रावधान करेगी।
- मिशन कर्मियों की योजना के अंतर्गत कई सारी स्किल डेवलप की जाएगी जैसे कि क्रिएटिविटी, कल्पनाशीलता, इनोवेटिव, प्रगतिशील, ऊर्जावान, पारदर्शिता आदि
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