Indian Television History:-

आज टेलीविजन हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है | टेलीविजन और हमारा बहुत गहरा सम्बन्ध रहा है | मनोरंजन के पसंदीदा साधनों से शुरु होकर हमारी जरूरतों में शामिल हो चुके इस टेलीविजन में समय के साथ-साथ बहुत से बदलाव होते चले गए और टेलीविजन हर बार पहले से कहीं बेहतर होता चला गया | टेलीविजन का सफर भले ही 95 साल पुराना हो (Indian Television History), लेकिन यह आज अपने सबसे मॉडर्न अवतार में हमारे बीच है |

टेलीविजन जन-संचार का दृश्य-श्रव्य माध्यम (audio-video medium) है | ध्वनि के साथ-साथ चित्रों के सजीव प्रसारण के कारण यह अपने कार्यक्रम को रुचिकर बना देता है | जिसका समूह पर प्रभावशाली और प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है |

टेलीविजन का आविष्कार (Indian Television History):-

टेलीविजन के आविष्कारक जॉन लोगी बेयर्ड बचपन में अक्सर बीमार रहने के कारण स्कूल नहीं जा पाते थे | 13 अगस्त 1888 को स्कॉटलैंड में जन्मे बेयर्ड में टेलीफोन से इतना लगाव था कि 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना टेलीफोन विकसित किया | बेयर्ड सोचते थे कि एक दिन ऐसा भी आएगा, जब लोग हवा के माध्यम से तस्वीरें भेज सकेंगे | बेयर्ड ने वर्ष 1924 में बक्से, बिस्किट के टिन, सिलाई की सुई, कार्ड और बिजली के पंखे से मोटर का इस्तेमाल कर पहला टेलीविजन बनाया था |

इस महान आविष्कार के बाद दुनिया के पहले वर्किंग टेलीविजन का निर्माण 1927 में फिलो फा‌र्न्सवर्थ ने किया | टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार यूजीन पोली ने किया था | 1950 में रिमोट कंट्रोल वाला पहला टीवी बाजार में आया, इसका रिमोट तार के जरिए टीवी सेट से जुड़ा होता था | 1955 में पूरी तरह से वायरलेस रिमोट कंट्रोल वाले टीवी की शुरुआत हुई |

भारत में टेलीविजन का इतिहास:-

भारत में टेलीविजन के इतिहास की कहानी दूरदर्शन के इतिहास से ही शुरू होती है | भारत में टेलीविजन प्रसारण की शुरुआत दिल्ली से 15 सितंबर, 1959 को हुई थी | शुरुआत में जब दूरदर्शन की स्थापना हुई थी, तब दूरदर्शन का प्रसारण हफ्ते में सिर्फ तीन दिन आधा-आधा घंटे होता था | पहले इसका नाम ‘टेलीविजन इंडिया’ था बाद में 1975 में इसका हिन्दी नामकरण ‘दूरदर्शन’ किया गया |

Indian Television History
Retro TV set isolated on white background. Communication, media and television concept. 3d illustration

1965 में दूरदर्शन का रोजाना प्रसारण प्रारंभ हुआ | इसी वर्ष से 5 मिनट का न्यूज बुलेटिन भी शुरू हुआ | 1972 तक टेलीविजन की सेवाएं अमृतसर और मुंबई के लिए बढ़ाई गईं | 1975 तक भारत के केवल सात शहरों में ही टेलीविजन सेवा शुरू हो पाई थी इसके बाद 1982 में भारत में कलर टीवी और राष्ट्रीय प्रसारण शुरु हुआ |

1981 में पहली बार जापानी टीवी कंपनी NHK ने HD (High Definition) टेलीविजन (1125 लाइन ऑफ हॉरिजेंटल रिजॉल्यूशन) पेश किया |

1986 में शुरू हुए ‘रामायण’ और इसके बाद शुरू हुए ‘महाभारत’ के प्रसारण के दौरान हर रविवार को सुबह देश भर की सड़कों पर कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसर जाता था और लोग सड़कों पर अपनी यात्रा ‘रामायण‘ और ‘महाभारत‘ के प्रसारण के दौरान नहीं करते थे |

दुनिया का पहला टेलीविज़न विज्ञापन:-

आज हम जब भी टीवी खोलते हैं तो कोई भी चैनल ऐसा नहीं जो टेलीविज़न विज्ञापन से भरा ना पड़ा हो | आधे घंटे को शो में 15 मिनट तो विज्ञापन ही दिखाए जाते हैं | मगर क्या आप जानते हैं टेलीविज़न विज्ञापन की शुरुआत कब हुई थी?

दुनिया के पहले टेलीविज़न विज्ञापन का प्रसारण 1 जुलाई 1941 को यूनाइटेड स्टेट अमेरिका में किया गया था | यह एक घड़ी बनाने वाली कंपनी बुलोवा (Bulova) ने दिया था | विज्ञापन का प्रसारण दिन के 2:29 बजे डोजर्स और फिलाडेल्फिया फिलिज के बीच एक बेसबॉल गेम से पहले WNBT चैनल पर दिखाया गया था | 10 सेकेंड के इस विज्ञापन के लिए कंपनी ने 9 डॉलर का भुगतान किया था |

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दुनिया का पहला Daily News Bulletin:-

5 जुलाई 1954 में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) ने पहली बार टेलीविजन पर डेली न्यूज बुलेटिन का प्रसारण किया गया था | उस दौरान टीवी पर एंकर की बजाए सिर्फ फोटो और नक्शे ही दिखाई देते थे | इसके पीछे तर्क यह था कि न्यूज एंकर का चेहरा देखने से समाचार जैसी गंभीर चीज से लोगों का ध्यान भटक सकता है | उस समय 20 मिनट के इस न्यूज बुलेटिन को रिचर्ड बैकर ने पढ़ा था | हालांकि इसके तीन साल बाद उन्हें स्क्रीन पर दिखने का मौका मिला |

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