4 दिसंबर 2021 – भारतीय नौसेना दिवस | जानें भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास|

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Indian Navy Day 2021

Indian Navy Day 2021 भारतीय नौसेना दिवस:-

नौसेना दिवस देश की नौसेना की महान उपलब्धियों को पहचानने के लिए कई देशों द्वारा मनाया जाता है | भारत में नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर मनाया जाता है | ताकि देश को नौसेना बल की भव्यता, महान उपलब्धियों और भूमिका को पहचाना जा सके | भारतीय नौसेना भारत की सशस्त्र सेना की समुद्री शाखा है | इसका नेतृत्व भारतीय नौसेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है | 17वीं शताब्दी के मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी भोंसले को “भारतीय नौसेना का पिता” माना जाता है |

यह देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है | भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी भारतीय नौसेना का अहम योगदान है | भारतीय नौसेना की बहादुरी को सलाम करने के लिए हर साल हर साल देश में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है |

भारतीय नौसेना देश में किसी तरह की आपदा की स्थिति में भी मदद का हाथ बढ़ाती है | भारतीय नौसेना को दक्षिण एशिया में सबसे मजबूत बल माना जाता है | इसके पास करीब 67,000 कर्मचारी और करीब 295 नौसेना हथियार हैं |

भारतीय नौसेना का उदय कैसे हुआ:- Indian Navy Day 2021

भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में हुई थी | ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी मैरीन (East India Company’s Marine) के रूप में सेना बनाई थी | साल 1686 तक ब्रिटिश व्यापार पूरी तरह से बॉम्बे में स्थानांतरित हो गया | इसके बाद इस दस्ते का नाम ईस्ट इंडिया मरीन से बदलकर बॉम्बे मरीन (Bombay Marine) कर दिया गया |

बॉम्बे मरीन ने मराठा, सिंधि युद्ध के साथ-साथ साल 1824 में बर्मा युद्ध में भी हिस्सा लिया | साल 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन (Royal Indian Marine) कर दिया गया | भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना (Indian Navy) नाम दिया गया |

Indian Navy Day 2021

भारतीय नौसेना दिवस का इतिहास:-Indian Navy Day 2021

बात साल 1971 की है, जब भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में हम विजयी रहे थे | भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है |

1971 के जंग की शुरुआत 3 दिसंबर से हुई थी, जब पाकिस्तान ने हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला कर दिया था | पाकिस्तानी को जवाब देने के लिए नौसेना की ओर से “ऑपरेशन ट्राइडेंट” चलाया गया | यह ऑपरेशन पाकिस्‍तानी नौसेना के मुख्‍यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया, जो कराची में था | हिंदुस्‍तान की ओर से किए गए इस हमले में 3 विद्युत क्‍लास मिसाइल बोट, 2 एंटी-सबमरीन और एक टैंकर शामिल था | इस अभियान में पहली बार जहाज रोधी मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था |

भारत की कराची में रात को हमला करने की योजना थी, क्‍योंकि पाकिस्‍तान के पास उस समय ऐसे विमान नहीं थे, जो रात में बमबारी कर सकें | यह हमला इतना जबरदस्त था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह बर्बाद हो गया था और इससे लगी आग सात दिनों तक जलती रही थी | इस जंग में भारत का कोई जवान शहीद नहीं हुआ था, जबकि पाकिस्‍तान के 5 नौसेनिक मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे | इसी जीत का जश्‍न हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है |

भारतीय नौसेना दिवस कैसे मनाया जाता है:-

भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान का मुख्यालय मुंबई में है। इस मौके पर पश्चिमी कमान के जहाज और नौसैनिक एक साथ इकट्ठा होते हैं और इस दिन को मनाते हैं | नौसेना दिवस समारोहों से पहले भारतीय नौसेना के जवान 1 दिसंबर, 2021 को मुंबई में रिहर्सल करते हैं जिस दौरान वे अपने कौशलों का प्रदर्शन करते हैं | रिहर्सल अरब सागर में किया जाता है |

नौसेना दिवस समारोहों पर जिन गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन होना होता है, उसकी योजना विशाखापट्टनम स्थित भारतीय नौसेना कमान तैयार करती है | इसकी शुरुआत युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि के साथ होती है और उसके बाद नौसेना की पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों आदि की ताकत और कौशल का प्रदर्शन किया जाता है |

इस मौके पर भारतीय नौसेना की ओर से प्रदर्शन का भी आयोजन किया जाता है | उस दौरान आम लोग भी भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और विमानों का भ्रमण कर सकते हैं | नौसेना उत्सव में अर्नाकुलम में पत्रकारों द्वारा सैन्य फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है | गेटवे ऑफ इंडिया बीटिंग रीट्रिट सेयरमनी का आयोजन किया जाता है |

भारतीय नौसेना की ताकत:-

विश्व रैंकिंग:4
कुल जहाजों की संख्या: 295
एयरक्राफ्ट कैरियर- 1
फ्राइगेट्स- 13
विध्वंसक पोत- 11
कोर्वेट्स – 22
सबमरीन्स की संख्या:16
निगरानी जहाजों की संख्या:139
माइन वारफेयर – 1

भारतीय नौसेना से जुडी ख़ास बातें:-

  • सब लेफ्टिनेंट शिवांगी भारत की पहली महिला नौसेना पायलट हैं | शिवांगी को उनके प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद पिछले साल भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था | शिवांगी कोच्चि नौसैनिक अड्डे पर परिचालन कर्तव्यों में शामिल हो गई हैं | वह भारतीय नौसेना के डोर्नियर निगरानी विमान को उड़ाएंगी |
  • 1961 में नौसेना ने अपना पहला विमानवाहक पोत, INS विक्रांत का अधिग्रहण किया, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई | जनवरी 1997 में इसका विमोचन किया गया था | नौसेना के पास पहले से ही 28,000 टन के विमानवाहक पोत INS विराट है |
  • भारतीय नौसेना भारत की सशस्त्र सेना की समुद्री शाखा है। इसका नेतृत्व नौसेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है |

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