कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाई ऐसा करने वाले वे 64वें नेता

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पंजाब लोक कांग्रेस
पंजाब लोक कांग्रेस

कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस लांच:-

पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस लांच हो गई है | पार्टी के कार्यालय का सोमवार को चंडीगढ़ में उद्घाटन किया गया | चंडीगढ़ के सेक्टर 9 डी में स्थित दफ्तर का उद्धाटन करने कैप्टन खुद पहुंचे | इस दौरान कैप्टन ने राज्य का अगला विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने का एलान कर दिया है | आजादी से पहले दो बार और आजादी के बाद कांग्रेस में 62 बार दरार पड़ी | कैप्टन अमरिंदर सिंह से पहले 2016 में अजीत जोगी ऐसे आखिरी कांग्रेसी थे, जिन्होंने अपनी नई पार्टी बनाई | इस तरह कांग्रेस के इतिहास में अब तक 64 बार ऐसे बड़े मौके आए, जब नेताओं ने अलग होकर नई पार्टी बना ली |

पंजाब में कांग्रेस छोड़ने के बाद आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी का एलान कर दिया | उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस नाम से नई पार्टी का गठन किया है | ये भी कहा कि वह पंजाब में अगला चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर लड़ेंगे |

इसी के साथ ये 64वीं बार है, जब कांग्रेस से अलग होकर कोई नई पार्टी खड़ी हुई है | 1885 से अब तक कांग्रेस ने 64 ऐसे बड़े मौके देखे, जब कांग्रेस छोड़ने के बाद नेताओं ने अपनी नई पार्टी बना ली | 1969 में तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इंदिरा गांधी को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था | तब इंदिरा ने अलग कांग्रेस बना ली थी | सोनिया गांधी के अध्यक्ष रहते सबसे ज्यादा फूट पड़ी है | 1998 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली थी | तब से लेकर अब तक कांग्रेस की फूट से 26 नए दल बन चुके हैं |

आजादी से पहले दो बार कांग्रेस में दरार पड़ी:-

1923 : चितरंजन दास ने कांग्रेस छोड़कर स्वराज पार्टी की स्थापना की थी | होम लाइब्रेरी की पुस्तक ‘ग्रेट मेन ऑफ इंडिया’ में इसका उल्लेख किया गया है | बताया गया है कि चितरंजन दास काउंसिल में शामिल होकर ब्रिटिश सरकार की नीतियों का नए तरह से विरोध करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस अधिवेशन में उनका ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने स्वराज पार्टी बना ली | 1924 में दिल्ली में कांग्रेस के अतिरिक्त अधिवेशन में उनका ये प्रस्ताव पास हो गया | 1925 में स्वराज पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया |

1939 : महात्मा गांधी से अनबन होने पर सुभाष चंद्र बोस और शार्दुल सिंह ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक नाम से अलग पार्टी खड़ी कर ली | पश्चिम बंगाल में अभी भी ये पार्टी अस्तित्व में है | हालांकि, इसका जनाधार काफी कम हो चुका है |

आजादी के बाद 62 बार कांग्रेस में दरार पड़ी:-

आजादी के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं ने 1951 में तीन नई पार्टी खड़ी की | इसमें जीवटराम कृपलानी ने किसान मजदूर प्रजा पार्टी, तंगुतूरी प्रकाशम और एनजी रंगा ने हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी और नरसिंह भाई ने सौराष्ट्र खेदूत संघ नाम से अलग राजनीतक दल शुरू की | इसमें हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी का विलय किसान मजदूर प्रजा पार्टी में हो गया | बाद में किसान मजदूर प्रजा पार्टी का विलय प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और सौराष्ट्र खेदूर संघ का विलय स्वतंत्र पार्टी में हो गया |

1956-1970 तक कांग्रेस से निकले नेताओं ने 12 नए दल बनाए:-

कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सी. राजगोपालाचारी ने 1956 में पार्टी छोड़ दी | बताया जाता है कि तमिलनाडु में कांग्रेस नेतृत्व से विवाद होने के बाद उन्होंने अलग होने का फैसला लिया था | रोजगोपालाचारी ने पार्टी छोड़ने के बाद इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक्स कांग्रेस पार्टी की स्थापना की | ये पार्टी मद्रास तक ही सीमित रही | हालांकि, बाद में राजगोपालाचारी ने एनसी रंगा के साथ 1959 में स्वतंत्र पार्टी की स्थापना कर ली और इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक्स पार्टी का इसमें विलय कर दिया |

स्वतंत्र पार्टी का फोकस बिहार, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा और मद्रास में ज्यादा था। 1974 में स्वतंत्र पार्टी का विलय भी भारतीय क्रांति दल में हो गया था | इसके अलावा 1964 में केएम जॉर्ज ने केरल कांग्रेस नाम से नई पार्टी का गठन कर दिया | हालांकि, बाद में इस पार्टी से निकले नेताओं ने अपनी सात अलग-अलग पार्टी खड़ी कर ली | 1966 में कांग्रेस छोड़ने वाले हरेकृष्णा मेहताब ने ओडिशा जन कांग्रेस की स्थापना की | बाद में इसका विलय जनता पार्टी में हो गया |

1968 तक और कौन-कौन सी पार्टी बनी:-

सालकौन सी पार्टी बनीबाद में क्या हुआ
1967बांग्ला कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1967विशाल हरियाणा पार्टीकांग्रेस में विलय
1967भारतीय क्रांति दललोक दल में विलय
1968मणिपुर पीपल्स पार्टीअभी भी अस्तित्व में है

1971 से 2021 तक बनी नई पार्टियां:-

वर्षसंस्थापकपार्टीबाद में क्या हुआ
1971सुकुमार रॉयबिप्लोबी बांग्ला कांग्रेसलेफ्ट फ्रंट का हिस्सा बन चुका है
1977जगजीवन रामकांग्रेस फॉर डेमोक्रेसीजनता पार्टी में विलय
1978इंदिरा गांधीनेशनल कांग्रेस आईअब इंडियन नेशनल कांग्रेस नाम से प्रचलित
1980एके एंटनीकांग्रेस एकांग्रेस में विलय
1981शरद पवारइंडियन नेशनल कांग्रेस सोशलिस्ट शरद पवारकांग्रेस में विलय
1981जगजीवन रामइंडियन नेशनल कांग्रेस जगजीवनअस्तित्व में नहीं
1984शरत चंद्र सिन्हाइंडियन नेशनल कांग्रेस सोशलिस्ट (S)कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट में विलय
1986प्रणब मुखर्जीराष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1988शिवाजी गणेशनथामीजागा मुन्नेत्राजनता दल में विलय
1990बंशी लालहरियाणा विकास पार्टीकांग्रेस में विलय
1994एनडी तिवारी, अर्जुन सिंहऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1994बंगारप्पाकर्नाटक कांग्रेस पार्टीकांग्रेस में विलय
1994वजापड़ी रामामूर्तितमिझागा राजीव कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1996बंगारप्पाकर्नाटक विकास पार्टीकांग्रेस में विलय
1996जियोंग अपांग  अरुणाचल कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1996-2014जीके मूपानार और जीके वासानतमिल मानिला कांगेस2001 में कांग्रेस में विलय, 2014 में फिर अलग हुए
1996माधवराव सिंधियामध्य प्रदेश विकास कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1997वजापड़ी रामामूर्तितमिलनाडु मक्कल कांग्रेसअस्तित्व में नहीं
1997सुखरामहिमाचल विकास कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1997वेंह्गाबम निपामचा सिंहमणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टीआरजेडी में विलय
1998ममता बनर्जीएआईटीएमसी      पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी पार्टी
1998फ्रांसिस डीसूजागोवा राजीव कांग्रेस पार्टीनेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में विलय
1998मुकुट मिठीअरुणाचल कांग्रेसकांग्रेस में विलय
1998सिसराम ओलाऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस सेक्युलरकांग्रेस में विलय
1998सुरेश कलमाड़ीमहाराष्ट्र विकास अघाड़ीकांग्रेस में विलय
1999जगन्नाथ मिश्रभारतीय जन कांग्रेसनेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी
1999शरद पवार, पीए संगमा, तारिक अनवरनेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टीएनसीपी के नाम से प्रचलित
1999मुफ्ती मोहम्मद सैय्यदपीडीपीजम्मू कश्मीर में एक्टिव
2000फ्रैंसिसको सरडिन्हागोवा पीपल्स कांग्रेसकांग्रेस में विलय
2001पी चिदंबरमकांग्रेस जननायक पेरावईकांग्रेस में विलय
2001कुमारी अनांथनथांडर कांग्रेसकांग्रेस में विलय
2001पी कननपुडुचेरी मक्काल कांग्रेसअस्तित्व में नहीं
2002जंबुवंत्रो धोतेविदर्भ जनता कांग्रेसमहाराष्ट्र में एक्टिव
2002छबिलदास मेहतागुजरात जनता कांग्रेसएनसीपी में विलय
2002शेख हसनइंडियन नेशनल कांग्रेस हसनभारतीय जनता पार्टी में विलय
2003केमेंग डोलोकांग्रेस डोलोभाजपा में विलय
2003नेपियो रियोनगालैंड पीपल्स फ्रंटनगालैंड में एक्टिव
2005पी कननपुडुचेरी मुन्नेत्रा कांग्रेसकांग्रेस में विलय
2005के करुणाकरडेमोक्रेटिक इंदिरा कांग्रेसएनसीपी और कांग्रेस में विलय
2007कुलदीप विश्नोईहरियाणा जनहित कांग्रेसकांग्रेस में विलय
2008सोमेंद्रनाथ मित्राप्रगतिशील इंदिरा कांग्रेसटीएमसी में विलय
2011वाईएस जगनमोहन रेड्डीवाईएसआरआंध्र प्रदेश में एक्टिव
2011एन रंगास्वामीऑल इंडिया एनआर कांग्रेसपुडुचेरी में एक्टिव
2014नलारी किरण कुमार रेड्डीजय समायिकांध्र पार्टीकांग्रेस में विलय
2016अजीत जोगीछत्तीसगढ़ जनता कांग्रेसछत्तीसगढ़ में एक्टिव
2018कैप्टन अमरिंदर सिंहपंजाब लोक कांग्रेस6 दिसंबर 2021 को अस्तित्व में आई

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