मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar):-

मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर (Manohar Gopalkrishna Prabhu Parrikar) एक सरल और साफ छवि वाले सबसे गतिशील नेताओं में से एक थे | वर्तमान में वह गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर पदस्थ थे | विधानसभा चुनावों 2017 के बाद भाजपा ने गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश किया था और लेकिन सहयोगी पार्टियां एक मजबूत मुख्यमंत्री चाहती थी |इस मजबूत मुख्यमंत्री की कमी केवल मनोहर पर्रिकर ही पूरी कर सकते थे |

किन्तु वह उस समय मोदी सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में सेवारत थे | लेकिन उन्होंने रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी पुनः ग्रहण कर ली | अपने पहले के कार्यकाल में, उन्होंने 2000 से 2005 और 2012 से 2014 तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की सेवा की |

वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे लेकिन 2017 गोवा विधानसभा चुनाव के बाद गोवा का मुख्यमंत्री बनने के लिए इस्तीफा दे दिया | कई लोगों ने सोचा था कि 59 वर्षीय मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की चरम सीमा पर पहुँच गए हैं |लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने पर परिदृश्य बदल गया जब खबरें आने लगीं कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है |

मनोहर पर्रिकर ने अतीत में गोवा में भाजपा सरकार चलाने के लिए अपने प्रशासनिक और संगठनात्मक कौशल दिखाए थे | यह एक मुख्य कारण था कि नरेंद्र मोदी ने एक वरिष्ठ और कुशल व्यक्ति के रूप में रक्षामंत्री के पद के लिए उन्हें चुना |

मनोहर पर्रिकर का प्रारंभिक जीवन:-

मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर (Manohar Gopalkrishna Prabhu Parrikar) का जन्म 13 दिसंबर, 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ था | उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा (प्राथमिक के साथ-साथ माध्यमिक) Margoa से ही की | उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा Loyola High School से पूरी की, जहाँ शिक्षा का माध्यम मराठी था |

उसके बाद उन्होंने metallurgical engineering में IIT-Bombay में दाखिला लिया और वर्ष 1978 में स्नातक किया | वर्ष 2001 में, उन्होंने अपने प्रसिद्ध संस्थान
IIT-Bombay से प्रतिष्ठित पूर्व छात्र का पुरस्कार प्राप्त किया | उनका विवाह मेधा पर्रिकर से हुआ था और इस दंपत्ति जोड़ो को दो बेटे आशीर्वाद मिला था | हालांकि, वर्ष 2001 में उनकी पत्नी की कैंसर से मृत्यु हो गई |

मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक जीवन:-

एक आईआईटीयन (IIT) से गोवा के मुख्यमंत्री और अब रक्षा मंत्री बनने तक का उनका सफर बहुत आकर्षक रहा | हालांकि उनकी राह बिलकुल भी आसान न थी लेकिन उन्होंने इसे कमोबेश सुचारू रूप से चलाया |

उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 1994 में हुई, जब वे गोवा विधानसभा में विधायक बने | वह जल्द ही 1999 में (जून से नवंबर तक) गोवा विधानसभा में विपक्षी नेता बनने के लिए संगठनात्मक और विधायी सीढ़ी पर चढ़ गए | 24 अक्टूबर 2000 को पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने किन्तु उनका कार्यकाल 27 फरवरी, 2002 तक ही चल सका |

हालांकि, 5 जून 2002 को वह फिर से मुख्यमंत्री बने | लेकिन 29 जनवरी 2005 को उनकी सरकार फिर से गिर गई | लेकिन मनोहर पर्रिकर ने चुनाव मशीनरी को अच्छी तरह से चलाया और मार्च 2012 में भाजपा और सहयोगी दलों के साथ 24 विधानसभा क्षेत्रों में वापसी की |

वह 8 नवंबर 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री थे, इसके पश्चात केंद्र में रक्षा मंत्री जैसे एक महत्वपूर्ण पद को संभालने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया |

मनोहर पर्रिकर द्वारा धारण किए गए महत्वपूर्ण पद:-

  • 1988: वे भाजपा में शामिल हुए और उसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया |
  • 1994: पहली बार में गोवा राज्य की दूसरी विधान सभा के लिए चुने गए |
  • 1994 -2001: गोवा राज्य के भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता रहे |
  • 24 अक्टूबर 2000 से 27 फरवरी 2002: मुख्यमंत्री और गृह, व्यक्तिगत वित्त, सामान्य प्रशासन और शिक्षा विभाग अपने अंतर्गत रखा |
  • 5 जून 2002: वह एक बार पुनः गोवा के मुख्यमंत्री बने |
  • जून 2002: गोवा राज्य की चौथी विधान सभा के लिए फिर से चुने गए |
  • जून 2007: गोवा राज्य की पांचवीं विधान सभा के लिए विपक्ष के नेता के रूप में फिर से चुने गए |

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