PMASBY: प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 2022

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प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना- दिन सोमवार दिनांक 25/10/2021 को योजना पीएमएसबीवाई का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से किया गया। योजना की लागत 64 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, ये भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना होगी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अलग होगी

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना योजना 64 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की है और इसका मकसद देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना है. इस योजना की घोषणा इस साल बजट में की गई थी.

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 2022:

इस योजना को हेल्थ सेक्टर के तीन क्षेत्रों पर ध्यान देने के लिए आरंभ किया गया है। यह तीन क्षेत्र बचाव, इलाज तथा रिसर्च है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा अगले 6 साल के लिए 64180 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana 2022 के अंतर्गत मौजूदा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाएगा तथा आने वाले समय की चुनौतियों को देखते हुए नए संस्थानों का भी विकास किया जाएगा। जिससे कि आने वाले समय में भी हमारा देश स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ता रहे। यह योजना नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत संचालित की जाएगी। आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की फंडिंग पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 17000 ग्रामीण तथा 11000 शहरी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को समर्थन प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना

  1. योजना की लागत 64 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, ये भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना होगी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अलग होगी |
  2. इस योजना का मकसद शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में क्रिटिकल केयर सुविधाओं और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में मौजूद कमियों को दूर करना है |
  3. PMASBY के तहत चिन्हित किए गए 10 सबसे प्रमुख राज्यों के 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं में मौजूद कमियों को दूर करना है |
  4. जिन जिलों में 5 लाख से ज्यादा आबादी है, वहां क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक के जरिए क्रिटिकल केयर सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जबकि बाकी जिलों को रेफरल सेवाओं के माध्यम से कवर किया जाएगा

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