आधार से होने वाले फायदे :
सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए आधार काफी प्रभावी साबित हुआ है | इसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि यह लक्षित सार्वजनिक वितरण (targeted public delivery) और सामाजिक सहायता प्रणालियों (social support systems) के बीच के gap को कम कर रहा है |
इस प्रकार, Aadhar लगभग सभी तरह की सार्वजनिक सेवाओं और प्रक्रियाओं में प्रवेश कर रहा है और इसे कई तरह की सरकारी प्रक्रियाओं जैसे- Income tax file करना, PAN Card के लिए आवेदन करना और MNREGA के तहत रोजगार का भी लाभ उठाना आदि के लिए अनिवार्य कर दिया जा रहा है |Aadhar Card और Aadhar Number हमें राष्ट्रीय पहचान प्रदान करने के साथ-2 सामाजिक लाभ भी प्रदान करते हैं, और भ्रष्टाचार और कर चोरी से हमारी रक्षा भी करते हैं |
- Biometrics के प्रयोग से भारत के हर व्यक्ति को एक अद्वितीय पहचान देने की उम्मीद है | कई योजनाएं जो जनता को लाभ पहुंचाती हैं उनमें गलत / नकली लाभार्थी एक बड़ा मुद्दा रहा है |
- गरीबों और दूरदराज रहने वाले निवासियों के लिए लाभ पहुंचने में एक समस्या यह है कि अक्सर उनके पास एक पहचान पत्र की कमी होती है | आधार उनकी इस आवश्यकता को पूरा करेगा | जिससे उन्हें बिना किसी अतिरिक्त कीमत के लाभ प्राप्त होगा |
- एक निवासी की पहचान को मान्य करने किए लिए UIDAI एजेंसियों को online authentication सेवाएं प्रदान करेगा | इस सेवा से वास्तव में अपेक्षित लाभार्थी तक लाभ पहुंचने की पुष्टि होगी |
- सरकारी कार्यालयों में Aadhaar-Enabled Biometric Attendance System (AEBAS) को पेश किया गया है ताकि सरकारी कर्मचारियों के देर से आगमन और अनुपस्थिति की जांच हो सके |
- तेलंगाना में, नकली और अवैध ration card हटाने के लिए Aadhar Number को ration card से link किया गया है |
- National Institute of Public Finance and Policy ने एक पेपर प्रकाशित किया है जिसमें कहा गया है कि Aadhar Project का लाभ लागत को पार कर जाएगा | पेपर के मुताबिक, 2020-21 तक कुल लाभ 4,835 करोड़ रुपये के कुल खर्च के मुकाबले 25,100 करोड़ रुपये होगा |
आधार से होने वाले नुकसान :-
जब से आधार पहली बार लागू किया गया था, तब से अधिकांश चिंता भारतीय नागरिकों की गोपनीयता, एकत्रित Biometric data की सुरक्षा और आधार अनिवार्य बनाने की वैधता के संबंध में रही है | लेकिन ये चिंताएं 1,130,308,464 से अधिक Aadhar Card जारी करने के बाद एक नए स्तर पर पहुंच गई हैं |
अब चिंता का विषय यह है कि : क्या Aadhaar Act का कार्यान्वयन और निष्पादन त्रुटि रहित है ? क्या सरकार और अतिरिक्त सरकारी एजेंसियां इस अधिनियम के विभिन्न सुरक्षात्मक प्रावधानों को सही ठंग से कार्यान्वयित कर पाएंगे ?
- सबसे बड़ी चिंता data security और privacy है | भारत के संदर्भ में, biometrics की accuracy एक बड़ा सवाल है |भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक कारणों से, भारतीय जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा जो आकस्मिक श्रम में शामिल हैं उनके thumb impression और iris बदल जाते हैं या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं | False positive होने के 0.057% हैं साथ ही Database में कई करोड़ लोगों के होने की उम्मीद है इसके परिणामस्वरूप लाखों false results होंगे | राजस्थान और अन्य राज्यों से biometric scan के बारे में पहले से ही कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जो match नहीं दिखा रहे हैं |
- व्यक्तियों के बारे में जानकारी विभिन्न संस्थाओं के लिए अनमोल है |अधिकांश Database National security clause के तहत सरकार तक पहुंचाए जायेंगे | इसका मतलब होगा, गोपनीयता का संभावित उल्लंघन जो नागरिक स्वतंत्रता के लिए पूर्व शर्त है |
- यदि कोई अपना Aadhar Card सहजता के साथ दिखता है तो imposters impersonation purposes के लिए आधार कार्ड printout ले सकता है | इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए सबसे आम समाधान है कि DATA की गोपनीयता सुनिश्चित हो | यह प्रावधान, वास्तव में, Aadhar Act, 2016 के Section 29 में कड़ाई से चित्रित किया गया है | लेकिन सिर्फ एक simple Google Search में एक ही क्लिक के भीतर Search results में सैकड़ों Aadhaar numbers और नाम मिलेंगे | यह सुरक्षा जोखिम बहुत विशाल है |
- आधार भले ही पहचान का प्रमाण है, लेकिन आधार कार्ड का मालिकाना अधिकार इस तथ्य का प्रमाणीकरण नहीं है कि यह इसे धारण करने वाले व्यक्ति का है |इसका कारण यह है कि Aadhar के design में embeded hologram जैसी कोई विशेष सुरक्षा विशेषताएं नहीं हैं, और कार्ड के कई balck and white printouts मूल आधार कार्ड के रूप में स्वीकार्य हैं |लेकिन आधार अधिनियम के अतिरिक्त जनादेश जिसके तहत OTP या Bio Metrics का इस्तेमाल कर डेटा प्रमाणित करना शामिल है का पालन किए बिना, यह ‘मूल’ ID Card के रूप में रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों में स्वीकार किया जाता है |अधिनियम के इस अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान के गैर-कार्यान्वयन के कारण, imposter किसी भी genuine citizen’s के नाम का आधार संख्या का printout ले सकते हैं और उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में प्रवेश कर सकते हैं |
Conclusion :-
यह सोचना आसान है कि आधार योजना के गलत कार्यान्वयन से security risks, identity theft, भारतीय नागरिकता के अवैध अधिग्रहण और व्यक्तिगत और वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है | हालांकि, सरकारी संस्थाएं उन आचरणों को दूर कर रही हैं जो Aadhaar Act की भावना के खिलाफ हैं और आधार के universal acceptance के लिए केवल तुष्टीकरण रणनीति के रूप में कार्य कर रही हैं | UIDAI इन कमियों के बारे में जानता है और धीरे -2 इन कमियों को हटा रहा है |विभिन्न एजेंसियों द्वारा सुरक्षा नीतियों को तैयार करके आधार के गलत इस्तेमाल को रोका जा रहा हैं |
आधार सरकार द्वारा उठाया गया एक शानदार कदम है जिसमें कुछ कमियां हैं | लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि कोई भी कानून या योजना के कार्यान्वयन के साथ अच्छे होते जाते हैं |महान शक्ति के साथ महान जिम्मेदारी आती है |
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MERA MOB.NO AADHAR KE SATH ADD NAHI HAI KAISE HOGA
Aapko Aadhar centre Jana hoga