Happy Independence Day 2021: जानें, 15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस ? क्या है इस दिन का महत्व

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15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस? Happy Independence Day 2021:-

15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस- हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है | इस साल भारत 74 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है | इस दिन भारत के माननीय प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराते हैं | जबकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है | इस देश देश के महामहिम राष्ट्रपति और प्रथम व्यक्ति झंडा फहराते हैं | इस साल पीएम मोदी एक बार फिर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे |

15 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस-

हालांकि, इतिहासकारों में 15 अगस्त की आजादी को लेकर मतभेद हैं | कुछ इतिहासकारों इसे माउंटबेटन का लकी तारीख बताते हैं, तो कुछ अन्य इतिहासकार इसे माउंटबेटन का निजी निर्णय बताते हैं |

इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो पता चलता है कि ब्रिटिश हुकूमत के अंतिम और स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जेनरल लार्ड माउंटबेटन को 24 मार्च 1947 को वायसराय बनाया गया |

गवर्नर- जेनरल लार्ड माउंटबेटन का मुख्य उद्देश्य भारत को विभाजित कर स्वतंत्र करना था | इसके लिए उन्होंने 3 जून 1947 को माउंटबेटन योजना घोषित की, जिसे प्रधानमंत्री लार्ड क्लीमेंट एटली ने 4 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में माउंटबेटन योजना प्रस्तुत किया |

ब्रिटिश संसद ने 18 जुलाई को सर्वसम्मति से इस योजना को स्वीकृति दे दी | इस विधयेक के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दो अलग और स्वंतत्र राष्ट्र की घोषणा की गई | इसके बाद गवर्नर- जनरल लार्ड माउंटबेटन ने भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त मुकर्रर की | इस बारे में इतिहासकारों का तर्क है कि 15 अगस्त, 1945 में जापानी सेना ने उनके सामने सरेंडर किया था | इसलिए, उन्होंने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त का चयन किया था |

इससे पहले ब्रिटिश हुकूमत ने यह आश्वासन दिया था कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत को पूर्ण स्वराज का अधिकार दे दिया जाएगा | इस आश्वासन के अनुरूप द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब लार्ड वेवेल भारत के गवर्नर-जेनरल थे | उस समय कैबिनेट मिशन भारत में आया |

इस मिशन ने भारतीय नेताओं के साथ बातचीत की और क्रिप्स मिशन के तहत भारत को पूर्ण स्वराज देने की बात की | हालांकि, गांधी जी को यह प्रस्ताव पसंद नहीं आया, क्योंकि इसमें केंद्र सरकार के पास सविंधान बनाने का अधिकार नहीं था |

इस योजना के तहत ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड क्लीमेंट एटली ने 20 फरवरी, 1947 को हाउस ऑफ़ कॉमंस में यह घोषणा की कि जून 1948 तक भारत की सत्ता भारतियों के हाथ में दे दी जाएगी, लेकिन देश के शीर्ष नेताओं ने इसे सिने से ख़ारिज कर दिया | इसके बाद लार्ड माउंटबेटन योजना के तहत आजादी मिली | इसमें केंद्र सरकार को मजबूत अधिकार दिया गया |

स्वतंत्रता दिवस का महत्व:-

दशकों से गुलामी की जंजीर में जकड़े भारत के लिए अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त करना इतना आसान नहीं था | संघर्ष चलता रहा | बहादुर सेनानी अपने प्राणों की बाजी लगाते रहे, शहीद भी हुए लेकिन हार नहीं मानी | अपने दृढ़ हौसले के बूते उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दाम कर दिया और भारत छोड़ने पर मजबूर किया | 

स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल सेनानियों ने अपने परिवार की चिंता नहीं की, उन्हें पूरे भारत की चिंता थी | अंतत: उनका संघर्ष रंग लाया और 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की |

15 अगस्त को हम अपने स्वतंत्रता की वर्षगांठ तो मनाते ही हैं, साथ ही उन तमाम सेनानियों को भी याद करते हैं, जिनकी बदौलत हमें यह दिन नसीब हुआ | महात्मा गांधी, सुभाष चंद्रबोस, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभाई पटेल समेत तमाम सेनानियों के अथक प्रयास का नतीजा ही था कि अंग्रेज भारत छोड़ने पर विवश हुए |

इस दिन का इसलिये भी खास महत्व है कि स्वतंत्रता के बाद से भारत लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता रहा है और पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान कायम की है | देश विकास के रास्ते पर है | भारत की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोकतांत्रिक देशों में होती है | ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है |

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अमर शहीदों को याद करते हुए अपने कर्तव्यों को भी याद करना चाहिए और मंथन करना चाहिए कि हम किस तरीके से देश की उन्नति के लिए अपना योगदान दे सकते हैं | ताकि उन अमर शहीदों का सपना साकार हो सके, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी जान गंवाई थी |

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