Nipah Virus क्या है? क्या है लक्षण और कैसे फैलता है?
तेज़ी से बढ़ते निपाह वायरस ने बहोत से लोगों की जान लेली है, और ये बहोत खतरनाक बीमारी भी साबित हो रही है. ये वायरस इंसान के शरीर में घुस कर उससे अंदर से खोकला बना देता है. ये वायरस सबसे पहले सिंगापूर और मलेसिया में पाया गया था और अब ये इंडिया में केरल में पाया गया है.
ये वायरस सबसे पहले सुअर, चमगादड़ और अन्य जीवों को प्रभावित करता है और उनको अपनी चपेट में लेता है, और इसके संपर्क में आने से मनुष्यों को भी चपेट में ले लेता है। यह वायरस तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों के लिए गंभीर बीमारी को जन्म देता है।
Nipah Virus क्या है?
World Health Organisation (WHO) के अनुसार Nipah वायरस सूअर और चमगादड़ जैसे जीवों से फलों में और फलों से इंसानों तक पहोचता है. एक स्टडी के अनुसार फ्रूट बैट नामक चमगादड़ अगर किसी फल को खा लेते हैं और उसी फल या सब्जी को कोई इंसान या जानवर खाता है तो निपाह वायरस फैलने लगता है।
निपाह वायरस का मुख्य स्रोत Fruit Bat यानी कि वैसे चमगादड़ हैं जो फल खाते हैं. ऐसे चमगादड़ों को Flying Fox के नाम से भी जाना जाता है. एक खास तरह का चमगादड़ Fruit Bat कहते हैं जो मुख्य रूप से फल या फल के रस का सेवन करता है, वही निपाह वायरस का मुख्य कारन है।
स्टडी के अनुसार अगर इस इंफेक्शन से पीड़ित मरीज को अगर तुरंत इलाज न मिले तो 48 घंटे के अंदर मरीज कोमा में जा सकता है। WHO की मानें तो इस वायरस से लड़ने के लिए अब तक कोई टीका या दवाई की खोज नहीं होपाई है, बस इससे बचने की कुछ तरीके हैंl
सबसे पहले कहाँ पाया गया था?
निपाह वायरस सबसे पहले सिंगापुर-मलेशिया में 1998 और 1999 में सामने आया था। और इसने वहां बहोत से लोगो की जान ली थी. मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। पहले इसका असर सुअरों में देखा गया।
इस बीमारी की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोग सुअर पालन केंद्र में काम करते थे. यह वायरस ऐसे फलों से इंसानों तक पहुंच सकता हैl
निपाह वायरस के क्या लक्षण हैं?
आपने ये तो जान लिया की ये Nipah Virus क्या होता है, लेकिन क्या आपको पता है की इस वायरस के क्या लक्षण है? तो आइये जानते हैं.
- यह वायरस तेज़ी से उभरता है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है।
- निपाह वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में व्यक्ति में फैलता है।
- इस वायरस में वायरल फीवर होने के साथ सिरदर्द, मिचली आना, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- इसके बाद दिमागी बुखार आता है और इंसान कोमा में चला जाता हैl
निपाह वायरस से बचाव के तरीके
अपने निपाह वायरस और इसके लक्षण के बारे में जान लिया, तो चलिए अब आपको बताते हैं की इस वायरस के बचाव के क्या तरीके हैं, इससे कैसे बचा जा सकता है.
- निपाह वायरस के इंफेक्शन से बचनने के लिए सबसे पहले बीमार सुअर और चमकदार जैसे जीवों से दूर रहेंl
- पेड़ पौधों के पास खड़े होने पर चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में आने से बचेंl
- पेड़ से गिरे हुए फल और ताड़ी से दूर रहें, उनका सेवन न करेंl
- फल और सब्जी खरीदते समय ध्यान रखें कि ये कहीं से कटा या खुंरचा खाया हुआ न होl
- फल और सब्जी खरीदने के बाद उन्हें अच्छे से धो लें, फिर उनका सेवन करेंl
तो अब आपको समझ में आगया होगा की Nipah Virus क्या होता है. और इसके बचाव के क्या तरीके हैं. दोस्तों किसी भी बीमारी से बचने के लिए हमे खुद शतर्क रहना चाइये अपनी अच्छे से देख भाल करनी चाइये ताकि कोई बीमारी हम तक पहोच न सके.