Atal Bhujal Yojana क्या है? जानें क्या है ये और किसे मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने केन्द्रीय क्षेत्र योजना अटल भू-जल योजना (अटल जल) के कार्यान्वयन को अपनी मंजूरी दी है। इस योजना का कुल परिव्यय 6000 करोड़ रुपये है और यह पांच वर्षों की अवधि (2020-21 से 2024-25) में लागू की जाएगी। मोदी सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर दो महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत कर रही है.
Atal Bhujal Yojana क्या है?
Atal Bhujal Yojana का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है. योजना का उद्देश्य भूजल की मात्रा में इजाफा करना है. साथ ही किसानों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भी ये योजना केंद्र सरकार की ओर से लाई गई है. इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण सुनिश्चित कराना चाहती है. साथ ही सरकार का कहना है कि इस योजना के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी.
क्यू लाई गई है ये योजना?
इस योजना का उद्देश्य है कि भूजल की मात्रा को फिर से बढ़ाया जाए। साथ ही किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारन करना है। इस योजना को केंद्रीय जलसंसाधन मंत्रालय की तरफ से लागू किया गया।
इस योजना के जरिए उन राज्यों पर ध्यान केंद्रिय किया गया है जहां पर भूजल संकट ज्यादा है। अटल भूजल योजना केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना के लिए कुल 6000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें से 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक और 3000 करोड़ रुपये सरकार देगी.
इस योजना का उद्देश्य–
इस योजना का उद्देश्य ये है की 7 राज्यों – गुजरात, हरियाण, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में प्राथमिकता की पहचान वाले क्षेत्रों में समुदाय भागीदारी के माध्यम से भू-जल प्रबंधन में सुधार लाना है। इस योजना के कार्यान्वयन से इन राज्यों के 78 जिलों में लगभग 8350 ग्राम पंचायतों को लाभ मिलने की उम्मीद है। अटल जल मांग पक्ष प्रबंधन पर प्राथमिक रूप से ध्यान देते हुए ग्राम पंचायत नेतृत्व में भू-जल प्रबंधन तथा व्यवहार्य परिवर्तन को बढ़ावा दिया जायेगा.
भू-जल देश के कुल सिंचित क्षेत्र में लगभग 65 प्रतिशत और ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में लगभग 85 प्रतिशत योगदान देता है। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की बढ़ती हुई मांग के कारण देश के सीमित भू-जल संसाधन खतरे में हैं। अधिकांश क्षेत्रों में व्यापक और अनियंत्रित भू-जल दोहन से इसके स्तर में तेजी से और व्यापक रूप से कमी होने के साथ-साथ भू-जल पृथक्करण ढांचों की निरंतरता में गिरावट आई है।
देश के कुछ भागों में भू-जल की उपलब्धता में गिरावट की समस्या को भू-जल की गुणवत्ता में कमी ने और बढ़ा दिया है। अधिक दोहन, अपमिश्रण और इससे जुड़े पर्यावरणीय प्रभावों के कारण भू-जल पर पड़ते दबाव ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा खतरे में पहुंच गई है। इसके लिए आवश्यक सुधारात्मक, उपचारात्मक प्रयास प्राथमिकता के आधार पर किये जाने की जरूरत है.
Atal Bhujal Yojana की कुछ महत्वपूर्ण बातें-
- विभिन्न स्तरों पर हितधारकों के क्षमता निर्माण तथा भू-जल निगरानी नेटवर्क में सुधार के लिए संस्थागत मजबूती से भू-जल डेटा भंडारण, विनिमय, विश्लेषण और विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
- उन्नत डेटाबेस पर उन्नत और वास्तविक जल प्रबंधन तथा पंचायत स्तर पर समुदाय नेतृत्व जल सुरक्षा योजनाओं को तैयार करना।
- भारत सरकार और राज्य सरकारों की विभिन्न मौजूदा और नई योजनाओं के समन्वय के माध्यम से जल सुरक्षा योजनाओं को लागू करना, ताकि सतत भू-जल प्रबंधन के लिए निधियों के न्यायसंगत और प्रभावी उपयोग में मदद मिले।
- सूक्ष्म सिंचाई, फसल विविधता, विद्युत फीडर विलगन आदि जैसे मांग पक्ष उपायों पर ध्यान देते हुए उपलब्ध भू-जल संसाधनों का उचित उपयोग करना।
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?
अटल भूजल योजना का लाभ छह राज्यों को मिलेगा. इस योजना में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं. सरकार के मुताबिक इस योजना से 8350 गांवों को लाभ मिलेगा.