उत्तर प्रदेश सरकार की प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर योजना 2019

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उत्तर प्रदेश प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर योजना 2019:-

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर योजना 2019 (Smart Prepaid Meter Scheme 2019) शुरू करने जा रही है | जिसके लिए योगी सरकार ने पूरी योजना तैयार कर ली है | राज्य के ऊर्जा मंत्री के अनुसार इस सरकारी योजना के तहत 15 नवंबर से राज्य भर में लोगों के घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा | योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली मुहैया कराना है |

राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने घोषणा के दौरान कहा कि बिजली का बिल जमा करने के मामले में सरकारी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों का रिकॉर्ड बिलकुल भी अच्छा नहीं है | इसी बात का ध्यान रखते हुए सबसे पहले इन्हीं लोगों के सरकारी घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना के तहत बिजली मीटर लगाये जाएंगे |

उत्तरप्रदेश सरकार ने 50 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर के ऑर्डर दे दिये हैं। बिजली विभाग के आकड़ों के अनुसार उत्तरप्रदेश में सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 13,000 करोड़ रुपये बकाया है | जिसका किश्तों में भुगतान का विकल्प भी राज्य सरकार ने दिया था पर कोई फायदा नहीं हुआ |

उत्तर प्रदेश प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर योजना का उद्देश्य:-

  • प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटरों से आगे के समय में सरकारी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों के द्वारा बिजली का भुगतान समय पर किया जा सकेगा | क्योकि अगर बिजली का उपयोग करना है तो उन्हे पहले अपनी जरूरत के हिसाब से रीचार्ज कराना होगा |
  • बिजली के बिल का भुगतान समय पर होने से विभाग पर भार कम हो जाएगा | जिससे उन पैसों का इस्तेमाल सरकार लोगों के लिए अन्य सुविधाएं देने में कर सकती है।
  • इससे आने वाले समय में बिजली की दरों में भी कमी आएगी | जिससे सस्ती बिजली सभी को मिल सकेगी |
  • आज के समय में सबसे बड़ी समस्या बिजली चोरी की है | जिसका समाधान प्रीपैड मीटर के माध्यम से हो सकता है | क्योकि इन मीटरों में चोरी करने पर बिजली विभाग को साफ-साफ पता चल जाएगा की Prepaid Smart Meter में छेड़छाड़ की गई है वो भी सबूत के साथ।
  • बिजली वितरण में होने वाले हानि में भी इस प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना से कमी आएगी जो एक बहुत बड़ी समस्या है |
उत्तर प्रदेश प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर

50 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर का वितरण:-

1.पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 10 शहर-
वाराणसी (जिला), गोरखपुर, इलाहाबाद, मऊनाथ भंजन, फतेहपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर, मुगलसराय एवं जौनपुर में 11.47 लाख स्मार्ट मीटर |

2.मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 12 शहर-
लखनऊ, बरेली, फैजाबाद, शाहजहांपुर, बाराबंकी, रायबरेली, लखीमपुर, बहराइच, गोण्डा, सुल्तानपुर, हरदोई व उन्नाव में 9.04 लाख स्मार्ट मीटर |

3.दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 9 शहर-
मथुरा, अलीगढ़, झांसी, मैनपुरी, फिरोजाबाद, वृन्दावन, इटावा, फर्रुखाबाद व उरई में 6.29 लाख स्मार्ट मीटर |

4.पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. के 15 शहर-
मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, हापुड़, लोनी, बुलन्दशहर, सिकन्दराबाद, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मोदीनगर, मुरादनगर, खुर्जा, अमरोहा, सम्भल व गजरौला में 11.63 लाख स्मार्ट मीटर |

5.केस्को कानपुर में 1.57 लाख स्मार्ट मीटर |

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उत्तर प्रदेश प्री-पेड स्मार्ट बिजली मीटर योजना कि जरुरत क्यों है:-

हमारे भारत देश में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन होती है | फिर भी हमारे देश में बिजली दर ज्यादा है | ऐसा इसलिए है क्योकि कुछ लोग बिजली के बिल का भुगतान नहीं करते | इसके अलावा बहुत लोग बिजली की चोरी करते हैं जिसकी वजह से चोरी की हुई बिजली का बोझ भी उन लोगों पर आ जाता है | जो ईमानदारी से अपना बिल भरते हैं |

इस अभियान को चरणों में खत्म किया जाएगा | पहले चरण में 1 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे | अभी तक पूरे प्रदेश में लगभग 7 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं और 2022 तक पूरे प्रदेश में सभी ग्राहकों को इसके दायरे में लाया जाएगा |

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2019 तक देशभर में सरकारी विभागों पर राज्य बिजली वितरण कंपनियों का बकाया 41,743 करोड़ रुपये पहुंच गया | इससे पहले वित्त वर्ष में यह बकाया 36,900 करोड़ रुपये था | उत्तर प्रदेश में ही पुलिस, सिंचाई समेत विभिन्न सरकारी विभागों एवं इकाइयों पर बकाया 13,480 करोड़ रुपये है |

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