आप सभी दोस्तों का enterhindi.com में स्वागत है आज मै आप सभी लोगो के लिए एक नई जानकारी ले कर आया हूं, आज हम आप लोगो को NFT ( Non Fungible Token) के बारे में बताने जा रहा हूं, NFT क्या है? और NFT कैसे बन गया है पैसा कमाने का नया तरीका?
NFT : नॉन-फंजिबल टोकन (Non Fungible Token):
दुनिया बदलने के साथ अब धन कमाने या बिजनेस की भाषा में कहें तो इन्वेस्ट करने के तरीके भी पूरी तरह से बदल गए हैं, इसी नई ईजाद ने एक शब्द को जन्म दिया है, जिसे आजकल बिजनेस मार्केट में एनएफटी (NFT) कहा जा रहा है।
एनएफटी आज वो शे है, जिसमें आने के लिए दुनिया के कई औद्योगिक घरानों की हस्तियों से लेकर भारत के बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, सलमान खान और तमाम क्रिकेट खिलाड़ी लालायित हैं।
आखिर क्या है एनएफटी (NFT) का अर्थ, कैसे काम करता है, कैसे यह दुनिया समेत भारत में अपनी जगह बना रहा है और दुनिया में क्या होगा इसका भविष्य। यह समझने के लिए के लिए इसके बारे में सबकुछ जानना जरूरी है।
क्या है
‘NFT’
What is NFT? क्या है NFT (Non Fungible Token) नॉन-फंजिबल टोकन :
एनएफटी का अर्थ होता है नॉन-फंजिबल टोकन (Non Fungible Token). यह एक तरह की डिजिटल असेट यानी संपत्ति है। इसे ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए संभाला जाता है। इस तकनीक की मदद से जीआईएफ, तस्वीरें, वीडियो क्लिप्स, कोई पेंटिंग और अन्य कीमती डिजिटल संपत्तियों का मालिकाना हक तय होता है। यह सारी चीजें आजकल डिजिटल असेट में आती हैं और इसकी खरीदी -बिक्री डिजिटल रूप में ही होती है।
एनएफटी को और बेहतर तरीके से समझने के लिए इसे हम ‘नीलामी’ की तरह समझ सकते हैं। मान लीजिए, कोई आर्ट-वर्क या फिर कोई ऐसी चीज, जिसकी दूसरी कॉपी दुनिया में है ही नहीं, उसे NFT कर के लोग पैसे कमाते हैं।
उदाहरण के तौर पर जब आप ऑनलाइन एनएफटी में कोई पेंटिंग, जीआईएफ, वीडियो क्लिप्स आदि खरीदते है, तो यह सभी चीजें आपको फिजिकल रूप में नहीं मिलेगी, इनके बजाए आपको एक तरह यूनिक टोकन दिया जाएगा, जिसे एनएफटी टोकन कहा जाता है।
अगर यह टोकन आपके पास है, तो आप इन डिजिटल सामग्रियों या असेट के मालिक हैं। मतलब आपको डिजिटल ओनरशिप माना जाएगा। इसके बाद आप इन्हें अपने फायदे-नुकसान के हिसाब से खरीद या बेच सकते हैं। एनएफटी आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही की जाती है। मतलब अगर आप कुछ NFT करना चाहते हैं, तो उसके लिए जो ट्रांजैक्शन होगा, वो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही होगा।
क्या है एनएफटी(NFT) टोकन्स?
एनएफटी यानी ये यूनिक टोकन्स आपकी डिजिटल असेट्स होते हैं, जो वैल्यू को जनरेट करते हैं। उदाहरण के लिए आप 100 रुपये के नोट को 50 रुपये के दो नोटों में बांट या बदल सकते हैं, और इसका मूल्य समान होगा। यह कोई घर या कोई पेंटिंग भी हो सकते हैं। यानी आप अपनी डिजिटल संपत्ति को या टुकड़े की तरह, एनएफटी में खरीद और बेच सकते हैं।
कैसे होता है NFT?:-
एनएफटी यानी इस (Non Fungible Token) के स्वामित्व या मालिकाना हक के लिए एक Ownership सर्टिफिकेट मिलता है। जिस किसी व्यक्ति की कोई चीज, कोई आईटम, आर्ट, तस्वीर, वीडियो, जीआईएफ आदि इस कैटगरी में आते हैं, उन्हें ओनरशिप के सर्टिफिकेट के साथ ही उस आयटम से सम्बंधित सभी अधिकार उसके ऑनर के पास चले जाते हैं। खास बात है कि एनएफटी आने के बाद अब कुछ समय से ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो आर्ट आदि के लिए भी एनएफटी टोकन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कैसे होती है NFT में खरीद-फरोख्त?:-
जैसा कि एनएफटी करने के लिए डिजिटल ही एक जरिया है, इसलिए इसमें एक खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे ब्लॉकचेन तकनीक (Blockchain Technology) कहा जाता है। इसमें भी आजकल एथरियम ब्लॉकचेन उपयोग किया जा रहा है, जिसमें एक बार एंट्री होने के बाद उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ या डिलिट नहीं की जा सकती।
NFT में कैसे होती है ‘कमाई’?:-
गेमिंग के जरिए: इसमें सबसे ज्यादा डिजिटल गेमिंग के जरिए कमाई की संभावना बताई जाती है। गेमिंग सेगमेंट में इसको काफी अहम माना जाता है। इसकी मदद से लोग पैसा भी कमा रहे हैं। मसलन, अगर आपके पास कोई वर्चुअल रेस ट्रैक है तो उसके बदले में दूसरे प्लेयर्स को इस्तेमाल करने के लिए पैसे देने होंगे।
निवेश की स्थिति: निवेशकों को NFT पर कमाई के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि मार्केट में किसी खास सिक्के की डिमांड हो, लेकिन बेचने वाला तैयार न हो।
किसी दूसरे देश के स्मृति चिन्ह या फिर किसी खास म्यूजिम के सिक्के की वैल्यू सामने वाले के लिए बहुत ज्यादा हो वहीं, दूसरी तरफ किसी और व्यक्ति की नजर में उसकी कोई खास वैल्यू न हो। इस तरह इसके निवेश में अच्छा पैसा कमाने के लिए इंतजार एक अहम चीज है।
कैसे काम करती है ‘Blockchain Technology’ :-
ब्लॉकचेन तकनीक एक ऐसा प्लेटफॉर्म हैं, जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। यानी ब्लॉकचैन एक डिजिटल लेजर हैं। वहीं बिटक्वॉइन एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए हम और आप या कोई अन्य कुछ चीजें बेच और खरीद सकता है।
NFT का इतिहास:
नॉन-फंजिबल टोकन अर्थात एनएफटी को पहली बार मई 2014 में केविन मैककॉय (Kevin McCoy) और अनिल दास (Anil Dash) द्वारा बनाया गया था। यह इथेरियम (Ethereum) ब्लॉकचेन तकनीक के सिद्धांत पर काम करता है। कोई ऐसी तकनीकी आर्ट, जिसके बारे में यह दावा किया जाता है कि वह यूनिक है और उसका मालिकाना हक यानी ऑनर्स राइट किसी एक खास व्यक्ति के पास ही है। इसी मालिकाना हक को नॉन-फंजिबल टोकन या एनएफटी कहा जाता है।
भारत में NFT का भविष्य:
भारत में एनएफटी के फ्यूचर के लिए अलग-अलग राय है। क्योंकि यह बिल्कुल नया कांसेप्ट है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भी भारत में लोगों के बीच आशंकाएं थीं, ठीक उसी तरह एनएफटी को लेकर भी अभी कई तरह की धारणाएं हैं।
एनएफटी की वजह से कई लोग इस बात को लेकर हैरान है कि कोई सिर्फ ऑनलाइन मौजूद प्रॉपर्टी के लिए (जो उन्हें फिजिकली नहीं मिलती) इतना पैसा कैसे खर्च कर सकता है। लेकिन भारत में रसूखदार हस्तियों की इसे लेकर की गई घोषणाओं से लगता है कि बहुत जल्दी ही भारत में यह अपनी जगह बना लेगा। इसके साथ ही भारत में एनएफटी को लॉन्च करने के लिए ‘क्रिप्टो एक्सचेंज’ नाम की एक भारतीय कंपनी भी इसकी तैयारी के लिए जानी जाती है।
क्या है NFT का ‘मार्केट’?
एक शोध कंपनी DappRadar के अनुसार Ethereum ब्लॉकचेन में जारी NFT का कुल मूल्य 14.3 बिलियन डॉलर है, जो पिछले साल लगभग 340 मिलियन डॉलर था। मार्केट रिसर्च फर्म हैरिस द्वारा मार्च में की गई एक स्टडी के अनुसार, 11% अमेरिकी का कहना है कि उन्होंने एनएफटी खरीदा है। जो कमोडिटी मार्केट में खरीदारी करने वाले लोगों से कुछ प्रतिशत (यानी 1 फीसदी) ही कम है।
एक अन्य एनालिस्ट जेफ़रीज़ के मुताबिक एनएफटी का मूल्य अगले साल में दोगुना हो जाएगा और साल 2025 तक 80 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसके अलावा टोकन का इस्तेमाल भी बहुत तेजी से बढ़ जाएगा।