Naraka Chaturdashi 2020: जानें क्यों नरक चतुर्दशी पर भगवान कृष्ण की उपासना की जाती है

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Naraka Chaturdashi
Naraka Chaturdashi 2021

Naraka Chaturdashi Shree Krishna:-

Naraka Chaturdashi Shree Krishna- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है | इस वर्ष नरक चतुर्दशी 2020 में 13 नवंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी | चतुर्दशी का त्योहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है | इसलिए नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं | इस दिन अभ्यंग स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है | नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, छोटी दिवाली और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है | इस दिन दीप दान करने से अकाल मृत्यु और यमराज के भय से मुक्ति मिलती है |

दीपावली के एक दिन पहले सौन्दर्य प्राप्ति और दीर्घायु के लिए नरक चतुर्दशी मनाई जाती है | इस दिन आयु के देवता यमराज की उपासना की जाती है और सौन्दर्य प्राप्ति के लिए पूजा की जाती है | नरक चतुर्दशी पर भगवान कृष्ण की उपासना भी की जाती है, क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था | कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज ही के दिन हनुमान जी का जन्म भी हुआ था | जीवन में आयु या स्वास्थ्य की अगर समस्या हो तो इस दिन के प्रयोगों से दूर हो जाती है |

नरक चतुर्दशी 2020 तिथि और शुभ मुहूर्त:-

  • नरक चतुर्दशी तिथि: 13 नबंवर 2020
  • अभ्यंग स्नान मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 43 मिनट तक (14 नबंवर 2020)
  • नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय: सुबह 5 बजकर 23 मिनट (14 नबंवर 2020)
  • चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: शाम 5 बजकर 59 मिनट से (13 नबंवर 2020)
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: अगले दिन दोपहर 2 बजकर 17 मिनट तक (14 नबंवर 2020)

कैसे शुरू हुई नरक चतुर्दशी:- Naraka Chaturdashi Shree Krishna

श्रीकृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर का वध किया था | नरकासुर ने 16,000 कन्याओं को अपने वश में कर लिया था | राक्षस की कैद से कन्याओं को आजाद कराने के लिए कृष्ण को उसका वध करना पड़ा था | इसके बाद कन्याओं ने श्रीकृष्ण से कहा कि समाज उन्हें अब कभी स्वीकार नहीं करेगा | इन कन्याओं को समाज में सम्मान दिलाने के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे विवाह किया था |

नरक चतुर्दशी पर क्या करें:-

नरक चतुर्दशी पर मुख्य दीपक लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए जलता है | इसे यम देवता के लिए दीप दान कहते हैं | घर के मुख्य द्वार के बाएं ओर अनाज की ढेरी रखें | इस पर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं | दीपक का मुख दक्षिण दिशा ओर होना चाहिए | अब वहां पुष्प और जल चढ़ाकर लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें |

नरक चतुर्दशी पर क्या  करें:-

मुख्य द्वार पर एक ही बड़ा सा सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाएं | इस दिन के पहले ही घर की साफ सफाई कर लें | अगर ज्यादा पूजा उपासना नहीं कर सकते तो कम से कम हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें | जो भी भोजन बनाएं, उसमें प्याज-लहसुन का प्रयोग न करें |

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