केंद्र सरकार ने प्रधान मंत्री JI-VAN योजना 2019 को मंजूरी दी

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प्रधान मंत्री JI-VAN योजना 2019:-

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने प्रधान मंत्री JI-VAN (Jaiv Indhan- Vatavaran Anukool fasal Awashesh Nivaran) योजना 2019-20 को मंजूरी दे दी है | PM JI-VAN योजना, lignocellulosic biomass और अन्य नवीकरणीय
feedstock के उपयोग द्वारा एकीकृत Bio-ethanol परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने जा रही है |

JI-VAN योजना का वित्तीय निहितार्थ यह है कि केंद्र सरकार 2018-19 से 2023-24 की अवधि के लिए 1959.50/- करोड़ रुपये की कुल वित्तीय परिव्यय के साथ इस योजना का समर्थन करेगा | इस राशि में से 12 वाणिज्यिक परियोजनाओं के समर्थन के लिए 1800/- करोड़ रुपये आवंटित किए जा रहे हैं |

इसके अतिरिक्त, demonstration projects के समर्थन के लिए 150/- करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे और शेष 9.50/- करोड़ रुपये प्रशासनिक शुल्क के रूप में
Centre for High Technology (CHT) को दिए जाएंगे | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2022 तक पेट्रोल में इथेनॉल का 10% सम्मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है |

प्रधान मंत्री JI-VAN योजना 2019 के मुख्य चरण:-

इस प्रधान मंत्री JI-VAN योजना के तहत, लगभग 12 commercial scale और 10
demonstration scale 2G ethanol projects को 2 चरणों में एक व्यवहार्यता अंतराल निधि (VGF) सहायता प्रदान की जाएगी :-

  • पहला चरण (2018-19 से 2022-23):- पहले चरण में 6 commercial  परियोजनाओं और 5 demonstration परियोजनाओं को समर्थन किया जाएगा |
  • दूसरा चरण (2020-21 से 2023-24):- पहले चरण में 6 commercial  परियोजनाओं और 5 demonstration परियोजनाओं को समर्थन किया जाएगा |

प्रधानमंत्री JI-VAN योजना 2G इथेनॉल क्षेत्र को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी और वाणिज्यिक परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर और उस क्षेत्र में R&D को बढ़ाने के लिए इस उद्योग का समर्थन करेगी |

प्रधान मंत्री JI-VAN योजना के लाभ:-

  • जैव ईंधन के साथ जीवाश्म ईंधन को प्रतिस्थापित करके आयात निर्भरता को कम करने के केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को पूरा करने में मदद मिलेगी |
  • जीवाश्म ईंधन के प्रगतिशील सम्मिश्रण / प्रतिस्थापन द्वारा GHG emission में कमी के लक्ष्यों को प्राप्त करना |
  • पर्यावरण संबंधी चिंताओं जो कि बायोमास के जलने, फसल के अवशेष के जलने से होती है उसे दूर करने में और नागरिकों के स्वास्थ्य सुधार में भी मदद मिलेगी |
  • किसानों के अपशिष्ट कृषि अवशेषों के लिए उनकी पर्याप्त आय सुनिश्चित करके किसान की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी |
  • Biomass supply chain के साथ 2G Ethanol परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और शहरी रोजगार के अवसरों का निर्माण करने में मदद मिलेगी |
  • Biomass और शहरी कचरे जैसे non-food biofuel feedstocks के एकत्रीकरण का समर्थन करके स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) में योगदान देना |
  • Ethanol प्रौद्योगिकियों के लिए 2G Biomass का देशीकरण |

EBP कार्यक्रम के तहत सम्मिश्रण प्रतिशत बढ़ाने के लिए PM JI-VAN योजना के लाभार्थियों द्वारा उत्पादित इथेनॉल से तेल विपणन कंपनियों (OMC) की आपूर्ति की जाएगी |

प्रधान मंत्री JI-VAN योजना की जरूरत क्यों पड़ी:-

केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक पेट्रोल में 10% मिश्रित Ethanol प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है | जिसके लिए विभिन्न प्रयास जैसे उच्च Ethanol की कीमतें, Ethanol खरीद प्रणाली का सरलीकरण किया गया है | लेकिन अब भी 2017-18 के दौरान Ethanol की खरीद लगभग 150 करोड़ लीटर की गई है | PAN INDIA के आधार पर लगभग 4.22% सम्मिश्रण के लिए पर्याप्त है |

वैकल्पिक रूप से, MoP&NG ने EBP प्रोग्राम के तहत आपूर्ति अंतर को पूरा करने के लिए Biomass और अन्य कचरे से 2G Ethanol पीढ़ी की खोज शुरू की है | इसलिए, देश में
2G Ethanol क्षमता को बढ़ाने और इस नए क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए PM JI-VAN योजना शुरू की गई है |

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