लाला लाजपत राय जयंती स्पेशल:

इतिहास में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है | आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) का जन्म हुआ था | आज लाला लाजपत राय की 156वीं जयंती है | लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोंगा जिले में हुआ था | लाला लाजपत राय को पंजाब केसरी यानी पंजाब का शेर कहा जाता था |

देश के स्वतंत्रता आंदोलन में लाला लाजपतराय का महत्वपूर्ण योगदान रहा | वो अपनी रचनाओं से भी लोगों को देशप्रेम और स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करते रहते थे | भारत को स्वाधीनता दिलाने में उनका त्याग, बलिदान तथा देशभक्ति अद्वितीय और अनुपम थी | उनका साहित्य-लेखन एक महत्वपूर्ण आयाम है | वे ऊर्दू तथा अंग्रेजी के समर्थ रचनाकार थे |

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लाला लाजपत राय के famous Quotes:-

THE SHOTS THAT HIT ME ARE THE LAST NAILS TO THE COFFIN OF BRITISH RULE IN INDIA

IF I HAD THE POWER TO INFLUENCE INDIAN JOURNALS, I WOULD HAVE THE FOLLOWING HEADLINES PRINTED IN BOLD LETTERS ON THE FIRST PAGE: MILK FOR THE INFANTS, FOOD FOR THE ADULTS AND EDUCATION FOR ALL

THE GOVERNMENT WHICH ATTACKS ITS OWN INNOCENT SUBJECTS HAS NO CLAIM TO BE CALLED A CIVILISED GOVERNMENT. BEAR IN MIND, SUCH A GOVERNMENT DOES NOT SURVIVE LONG. I DECLARE THAT THE BLOWS STRUCK AT ME WILL BE THE LAST NAILS IN THE COFFIN OF THE BRITISH RULE IN INDIA

SINCE THE CRUEL KILLING OF COWS AND OTHER ANIMAL HAVE COMMENCED, I HAVE ANXIETY FOR THE FUTURE GENERATION

I DO HONESTLY AND SINCERELY BELIEVE IN THE NECESSITY OR DESIRABILITY OF HINDU-MUSLIM UNITY. I AM ALSO FULLY PREPARED TO TRUST THE MUSLIM LEADERS. BUT WHAT ABOUT THE INJUNCTIONS OF THE KORAN AND HADIS? THE LEADERS CANNOT OVER-RIDE THEM. ARE WE THEN DOOMED? I HOPE NOT. I HOPE YOUR LEARNED MIND AND WISE HEAD WILL FIND SOME WAY OUT OF THIS DIFFICULTY

“EVERY BLOW THAT THEY HURLED AT US DROVE ONE MORE NAIL INTO THE COFFIN OF THE EMPIRE”

“I ALWAYS BELIEVED THAT MY SILENCE ON SEVERAL TOPICS WILL BE AN ADVANTAGE IN THE LONG RUN”

लाला लाजपत राय के सुविचार:-

“अतीत को देखते रहना व्यर्थ है, जब तक उस अतीत पर गर्व करने योग्य भविष्य के निर्णाण के लिए कार्य न किया जाए “

“दूसरों पर विश्वास न रखकर स्वंय पर विश्वास रखो. आप अपने ही प्रयत्नों से सफल हो सकते हैं क्योंकि राष्ट्रों का निर्माण अपने ही बलबूते पर होता है”

” नेता वह है जिसका नेतृत्व प्रभावशाली हो, जो अपने अनुयायियों से सदैव आगे रहता हो, जो साहसी और निर्भीक हो “

“वास्तविक मुक्ति दुखों से निर्धनता से, बीमारी से, हर प्रका की अज्ञानता से और दासता से स्वतंत्रता प्राप्त करने में निहित है “

“पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ शांतिपूर्ण साधनों से उद्देश्य पूरा करने के प्रयास को ही अहिंसा कहते हैं”

” पराजय और असफलता कभी-कभी विजय की और जरूरी कदम होते हैं “

” सार्वजनिक जीवन में अनुशासन को बनाए रखना बहुत ही जरूरी है, वरना प्रगति के मार्ग में बाधा खड़ी हो जायेगी “

” देशभक्ति का निर्णाण न्याय और सत्य की दृढं चट्टान पर ही किया जा सकता है “

” इंसान को सत्य की उपासना करते हुए सांसारिक लाभ पाने की चिंदा किए बिना साहसी और ईमानदार होना चाहिए “

” वह समाज कदापि नहीं टिक सकता जो आज की प्रतियोगिता और शिक्षा के समय में अपने सदस्यों को प्रगति का पूरा-पूरा अवसर प्रदान नहीं करता है”

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