International Youth Day 2021 :-
मनुष्य अपने जीवन में जीवन से मरण तक लेकर 6 अवस्थाओं से गुजरता है शिशु ,बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था | इन सभी अवस्थाओं में किशोर से युवा और युवा से प्रौढ होने तक की अवस्था ही सबसे महत्वपूर्ण होती है |
यही वह अवस्था होती है जब समाज की प्रगति को सबसे सशक्त बढ़ोतरी मिलती है कहते हैं कि युवा किसी भी समाज का इंजन होता लेकिन यह तभी संभव है जब समाज की नींव यानी बाल्यकाल संस्कारित हो किशोरावस्था ऐसा समय होता है | जब बालक कच्ची मिट्टी के समान होता है दादा- दादी, नाना- नानी ,माता- पिता और गुरु इत्यादि कुम्हार की तरह इस भाभी युवक के जीवन को सुदृढ़ आकार देकर समाज के लिए एक जिम्मेदार विकल्प प्रस्तुत करते हैं |
दुनिया को प्रगति के पथ पर ले जाने के उद्देश्य से समाज के सभी बुद्धिजीवियों ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत की थी संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णय के अनुसार सन 1985 को अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था | लेकिन सन 2000 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया | पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है यहां 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं अर्थात हमारे देश में पूरे विश्व को संपन्न एवं समृद्ध दिशा देने की अथाह शक्ति उपलब्ध है |
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य:-
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) का उद्देश्य युवाओं की आवाज, कार्यों और उनकी सार्थक पहल को विश्वस्तर पर पहचान दिलाना है | इसके साथ ही इस दिन सामाजिक, आर्थिक और राजनीती के मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा करना है |
17 दिसंबर 1999 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने फैसला लिया गया कि 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा | यह फैसला युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा 1998 में दिए गए सुझाव के बाद लिया गया | साल 2000 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया था |
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है:-
जहां परिवर्तन अनेकों उपलब्धियां सुविधाएं और चमत्कार लेकर आ रहा है वहीं युवा वर्ग के लिए तीव्र गति से भागने की क्षमता की चुनौती भी ला रही है ताकि युवा वर्ग इतना क्षमतावान हो कि वह तेजी से हो रहे परिवर्तन को समझ सके उसे अपना सके नई खोज नई तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर अपने कार्यशैली परिवर्तित कर सके | वह अपने तथा दूसरों के जीवन को सम्मानजनक एवं सुविधा संपन्न बना सकता है |
आज के युवा वर्ग को विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में शामिल होना आवश्यक हो गया है | यह प्रतिस्पर्धा एक और समाज को सुख शांति तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, और दूसरी तरफ चिंता, निराशा, व्यसन और बेलगाम उपद्रव की ओर आगे बढ़ा रही है | आजकल युवा विभिन्न बुरी आदतों में लिप्त होकर अपना जीवन तो बर्बाद कर ही रहे हैं | साथ ही साथ अपने सगे संबंधियों मित्रों अभिभावकों के लिए चिंता के विषय बनते जा रहे हैं |
घर पर प्रेम हीन संबंध सफल होने के दौड में पिछड़ने का डर और उसके कारण होने वाला मानसिक तनाव अंधाधुंध भौतिकवाद का प्रसार, शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक शोषण ,मादक द्रव्यों का नशा, यह सब कुछ ऐसे मुख्य कारण हैं | जो युवा को निरोत्सुक करके आत्महत्या जैसे आशाहीन कृत्य करने पर मजबूर कर रहे हैं | यदि युवा को सही दिशा देने के लिए कार्य करना है तो समस्त मानव समाज का उत्तर दायित्व है कि किसी कोमल पौधे की तरह उन्हें एक संतोषप्रद मानसिक सामाजिक और आध्यात्मिक वातावरण में ताकि वे अपनी संपूर्ण ऊर्जा से कार्यवान हो |
और अपना तथा इस समाज का सर्वोच्च भला कर सके यदि हर युवा को सही दिशा में मार्गदर्शन मिले और वह उस मार्गदर्शन को स्वीकार करे और अपने जीवन में उसे अपनाएं तो संपूर्ण मानव समाज के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता |