PUC सर्टिफिकेट (PUC Certificate):-
PUC सर्टिफिकेट– भारत में एक सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act 2019) लागू कर दिया गया है | नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर करवाई हो रही हैं | तब से भारी संख्या में चालान कटने की घटनाएं सामने आ रही है | इसके कारण है जो ट्रैफिक नियम भारत सरकार ने बना रखे हैं उनका हम लोगो द्वारा पालन ना करना |
नए ट्रैफिक नियम के बाद जिस एक डॉक्यूमेंट की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई है, वो है प्रदूषण जाँच सर्टिफेकिट (PUC Certificate) | यदि आपने अपनी गाड़ी का प्रदूषण सर्टिफिकेट या प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं बना रखा है तो आपका चालान कट सकता है और इसकी आपको भारी रकम चुकानी पड़ सकती है |
सबसे ज्यादा भीड़ प्रदूषण केंद्रों पर बढ़ी है | लोग अपनी-अपनी गाड़ियों के प्रदूषण की जांच करवाने पहुंच रहे हैं क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण का प्रमाण पत्र यानी PUC Certificate नए ट्रैफिक नियमो के अनुसार जरूरी है यदि आपके पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं है तो आप पर लगभग 10000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है |
वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट है क्या:-
वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) बनवाने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) क्या होता है तथा इस सर्टिफिकेट का काम क्या होता है | आप इसे कैसे बनवा सकते हैं या आपने पहले से बनवा रखा है तो कैसे इसे डाउनलोड कर सकते हैं | PUC का फुल फॉर्म है Pollution under control | इसकी जांच को कहते हैं PUC टेस्ट इस जांच के बाद ही किसी गाड़ी को वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) दिया जाता है |
यह सर्टिफिकेट एक निश्चित समय के लिए मान्य होता है | BS4 गाड़ियों के लिए यह समय सीमा एक साल की होती है जबकि अन्य गाड़ियों के लिए एक बार किया गया प्रदूषण जांच तीन महीने तक ही मान्य होता है | वहीं, गाड़ी के प्रदूषण की जांच करवाकर नया सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपको सिर्फ 60 से 100 रुपये तक ही देने होंगे |
PUC सर्टिफिकेट बनवाने कि प्रक्रिया:-
वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certifiate) बनवाने को आपको नजदीकी प्रदूषण जांच सेण्टर जाना होगा | भारत में गाड़ियों के प्रदूषण की जांच की प्रक्रिया Society of Indian Automobile Manufacturers द्वारा विकसित की गई है | प्रदूषण की जांच के लिए एक Gas Analyzer को एक ऐसे कंप्यूटर से जोड़ा जाता है जिसमें कैमरा और प्रिंटर भी जुड़ा हो |
यह Gas Analyzer गाड़ी से निकलने वाले प्रदूषण के आंकड़ों की जांच करता है और इसे कंप्यूटर को भेजता है जबकि कैमरा गाड़ी के लाइसेंस प्लेट की फोटो लेता है | अगर गाड़ी से निश्चित दायरे के अंदर प्रदूषण निकल रहा हो, तो PUC सर्टिफिकेट (PUC Certificate) जारी कर दिया जाता है | अन्यथा आपके गाड़ी का वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) नहीं जारी किया जाएगा और आपको अपनी गाड़ी का पहले मेंटेनेंस कराना होगा | इसके बाद आप दोबारा से वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) बनवा सकते हैं |
अपने क्षेत्र में निकटतम प्रदूषण केंद्र का पता लगाएं:-
जब आप वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) बनवाने की सोचते हैं तो आपको यह पता नहीं होता है, कि आप वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) कहां से बनवा सकते हैं | लेकिन जो भी वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) बनाते हैं , उनके ज्यादातर जगहों पर सेंटर उपलब्ध होते हैं | वंहा पर जाकर आप वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC Certificate) बनवा सकते हैं |
अपने क्षेत्र में निकटतम प्रदूषण केंद्र का पता लगाने के लिए Click Here