HAPPY PONGAL 2022:
पोंगल (Pongal) तमिल हिन्दुओं के लोकप्रिय त्योहारों में से एक हैं | इसकी तुलना नवान्न से की जा सकती है जो फसल की कटाई का उत्सव होता है | पोंगल का तमिल में अर्थ उफान या विप्लव होता है | पारम्परिक रूप से पोंगल में समृद्धि के लिए इन्द्रदेव, सूर्य और पशुओं की आराधना की जाती है | पोंगल पर्व का संबंध कृषि से है | यह पर्व प्रकृति का आभार व्यक्त करने के लिए मनाया आता है |
मान्यता है कि इस त्योहार का इतिहास 1000 वर्ष पुराना है | ये सम्पन्नता को समर्पित त्यौहार है ऐसा माना जाता है कि इस पर्व का इतिहास कम से कम 1000 साल पुराना है | पोंगल का यह त्योहार मात्र एक दिन का पर्व नहीं है बल्कि यह त्योहार चार दिन तक मनाया जाता है | साल 2022 में पोंगल का त्योहार 14 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी को समाप्त होगा |
इसे ‘पोंगल’ क्यों कहते हैं:-
- इस त्यौहार का नाम ‘पोंगल‘ इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य देव को जो प्रसाद अर्पित किया जाता है वह ‘पोंगल‘ कहलता है | तमिल भाषा में ‘पोंगल‘ का अर्थ होता है ‘उबालना‘ | इसलिए इस दिन नए बर्तन में दूध, चावल, काजू, गुड़ आदि चीजों की मदद से पोंगल नाम का भोजन बनाया जाता है |
- पोंगल की तुलना नवान्न से की जा सकती है जो फसल की कटाई का उत्सव होता है |
- इस पर्व का इतिहास कम से कम 1000 साल पुराना है |
- इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं, घरों में काफी पकवान बनते हैं |
- इस त्योंहार में गायों और बैलों की भी पूजा की जाती है |
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Frequently Asked Questions (FAQs):-
साल 2022 में पोंगल का त्योहार कब मनाया जायेगा?
साल 2022 में पोंगल का त्योहार 14 जनवरी से शुरू होगा और 17 जनवरी को समाप्त होगा |
पोंगल का क्या अर्थ है?
तमिल भाषा में ‘पोंगल‘ का अर्थ होता है ‘उबालना‘
पोंगल का त्यौहार कितने दिन मनाया जाता है?
पोंगल का त्योहार चार दिनों तक चलता है | त्योहार के पहले दिन को ‘भोगी पोंगल’ कहते हैं, दूसरे दिन को ‘सूर्य पोंगल’, तीसरे दिन को ‘मट्टू पोंगल’ और चौथे दिन को ‘कन्नम पोंगल’ कहते हैं |
पोंगल की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
पोंगल की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 जनवरी दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर है |