Happy Ganesh Chaturthi 2021: देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं गणेश जी, जानिये कैसे करें गणेश चतुर्थी की पूजा

0
815
Happy Ganesh Chaturthi 2022
Happy Ganesh Chaturthi 2022

Happy Ganesh Chaturthi 2021:-

Happy Ganesh Chaturthi– भारत में लोग गणेश चतुर्थी को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं | इस साल यह 10 सितंबर को मनाया जाएगा | 11 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव का समापन 21 सितंबर को होगा | इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है | यह त्यौहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है | बहुत सारे लोग इस त्योहार के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर लाते हैं | अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश को विदाई दी जाती है |  विदाई के दिन लोग उनसे अगले साल लौटने की दुआ भी करते हैं | कुछ लोग इस त्योहार को सिर्फ दो दिन के लिए मनाते हैं तो कुछ इसे पूरे दस दिनों तक मनाते हैं | इसे गणेश महोत्सव भी कहते हैं |

भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है | सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है | इसलिए गणेश चतुर्थी का भी विशेष महत्व है | इस वर्ष ‘चतुर्थी तिथि’ 10 सितंबर को सुबह 12:17 बजे शुरू होगी और रात 10 बजे तक चलेगी | इस दिन लोगों को जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, फिर घर में मंदिर की सफाई करनी चाहिए | फिर ‘दूर्वा घास’, ‘लड्डू’ और ‘मोदक’ भगवान गणेश को अर्पित किए जाते हैं | भगवान गणेश की पूजा ‘आरती’ के साथ पूरी होती है |

ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से सभी समस्याओं का समाधान होता है | भगवान गणेश की मूर्ति, पानी का बर्तन, ‘पंचामृत’, लाल कपड़ा, ‘रोली’, ‘अक्षत’, ‘कलावा जनेऊ’, इलायची, नारियल, ‘चंडी का वर्क’, ‘सुपारी’, ‘लौंग’, पंचमेवा, ‘घी’ पूजा को पूरा करने के लिए कपूर’, ‘चौकी’ और ‘गंगाजल’ इकट्ठा करने की जरूरत है |

लोग जितना हर साल अपने घर में भगवान गणेश का स्वागत करना पसंद करते हैं, उतना ही उनके जाने पर उन्हें दुख भी होता है, लेकिन उनका स्वागत और विदाई दोनों ही दिल में उतनी ही भक्ति भाव से की जाती है | भगवान गणेश को आमतौर पर ‘विघ्नहर्ता’ के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है सभी बाधाओं को दूर करने वाले |

गणेश चतुर्थी की कथा:- Happy Ganesh Chaturthi Pooja

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक एक दिन भगवान शिव भोगवती नामक स्थान पर गए | देवी पार्वती कैलाश पर अकेली थीं | उस समय उनके मन में संतान की इच्छा उत्पन्न हुई। उन्होंने अपने शरीर का मैल एकत्र किया | उस मैल से एक बालक का शरीर बना कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की | देवी ने उस बालक को कहा कि आज से तुम मेरे पुत्र हो | अब मैं स्नान के लिए अंदर गुफा में जा रही हूं | तुम किसी भी पुरुष को भीतर ना आने देना |

देवी पार्वती की आज्ञा मानकर गणेश गुफा के बाहर पहरा देने लगे | तभी भगवान शिव भोगवती से लौटकर कैलाश आए | जब भगवान शिव ने गुफा के भीतर जाना चाहा तो गणेश ने उनका रास्ता रोका | देवी पार्वती से मिलने से रोकने के कारण भगवान शिव गणेश पर क्रोधित हो गए | गणेश से कहा कि मुझे भीतर जाने दो वरना मैं तुम्हारा शीश तुम्हारे शरीर से अलग कर दूंगा | इसके बावजूद गणेश जी भगवान शिव का रास्ता रोक कर खड़े रहे |

भगवान शिव ने इससे क्रोधित हो अपने त्रिशूल से गणेश जी का शीश उनके शरीर से अलग कर दिया | देवी पार्वती को जब इस घटना की सूचना मिली तो वह रोती हुई भगवान शिव के पास आईं और बोली – हे भगवन, आपकी अनुपस्थिति में मैंने अपने मैल से एक बालक की रचना की थी | आपने उसका शीश क्यों काट दिया |

भगवान शिव को जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गणों को आज्ञा दी कि जो भी माता अपने बालक की ओर पीठ कर सो रही हो | उसके बालक का शीश ले आओ | जंगल में एक हथिनी अपने बच्चे की ओर पीठ कर सो रही थी | भगवान शिव के गण हाथी का शीश लेकर कैलाश पहुंच गए | तब हाथी का शीश लगाकर भगवान शिव ने गणेश चतुर्थी जी को जीवित किया | तब से ही भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है |

Happy Ganesh Chaturthi

गणेश चतुर्थी पूजन विधि:- Happy Ganesh Chaturthi Pooja

  • स्नानादि कर पवित्र हो जाएं |
  • जिस स्थल पर प्रतिमा विराजमान करनी है, उसे साफ करें। गंगाजल डाल कर पवित्र करें।
  • भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विराजमान करें।
  • धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। ध्यान रखें कि जब तक गणेश जी आपके घर में रहेंगे तब तक अखंड दीपक जलाकर रखें।
  • गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • फिर चावल, दुर्वा घास और पुष्प अर्पित करें।
  • गणेश जी का स्मरण कर गणेश स्तुति और गणेश चालीसा का पाठ करें।
  • इसके बाद ॐ गं गणपते नमः का जप करें।
  • भगवान गणेश की आरती करें।
  • आरती के बाद गणेश जी को फल या मिठाई आदि का भोग लगाएं। संभव हो तो मोदक का भोग जरूर लगाएं। भगवान गणेश को मोदक प्रिय हैं।
  • रात्रि जागरण करें।
  • गणेश जी को जब तक अपने घर में रखें, उन्हें अकेला न छोड़ें। कोई न कोई व्यक्ति हर समय गणेश जी की प्रतिमा के पास रहे |

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त:-

  • मध्याहन गणेश पूजा मुहूर्त – 11 बजकर 06 मिनट सुबह से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
  • वर्जित चंद्र दर्शन का समय – सुबह 09 बजकर 07 मिनट से रात 09:26 तक
  • चतुर्थी तिथि आरंभ – 21 अगस्त, शुक्रवार – रात 11 बजकर 02 मिनट से
  • चतुर्थी तिथि समाप्त – 22 अगस्त, शनिवार – शाम 07 बजकर 57 मिनट तक |

गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री:-

  • दीपक
  • ज्योत
  • घी
  • अगरबत्ती
  • नारियल
  • कलश
  • फूलों की माला
  • जनेऊ
  • कुमकुम
  • चावल
  • कलावा
  • दुर्वा घास
  • पांच तरह की मिठाई
  • पांच तरह के मेवे
  • पांच तरह के फल
  • पान का पत्ता
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • आम के पत्ते
  • गंगाजल |

गणेश चतुर्थी पूजन विधि:- Happy Ganesh Chaturthi Pooja

  • स्नानादि कर पवित्र हो जाएं |
  • जिस स्थल पर प्रतिमा विराजमान करनी है, उसे साफ करें। गंगाजल डाल कर पवित्र करें।
  • भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विराजमान करें।
  • धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। ध्यान रखें कि जब तक गणेश जी आपके घर में रहेंगे तब तक अखंड दीपक जलाकर रखें।
  • गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • फिर चावल, दुर्वा घास और पुष्प अर्पित करें।
  • गणेश जी का स्मरण कर गणेश स्तुति और गणेश चालीसा का पाठ करें।
  • इसके बाद ॐ गं गणपते नमः का जप करें।
  • भगवान गणेश की आरती करें।
  • आरती के बाद गणेश जी को फल या मिठाई आदि का भोग लगाएं। संभव हो तो मोदक का भोग जरूर लगाएं। भगवान गणेश को मोदक प्रिय हैं।
  • रात्रि जागरण करें।
  • गणेश जी को जब तक अपने घर में रखें, उन्हें अकेला न छोड़ें। कोई न कोई व्यक्ति हर समय गणेश जी की प्रतिमा के पास रहे |

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त:-

  • मध्याहन गणेश पूजा मुहूर्त – 11 बजकर 06 मिनट सुबह से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
  • वर्जित चंद्र दर्शन का समय – सुबह 09 बजकर 07 मिनट से रात 09:26 तक
  • चतुर्थी तिथि आरंभ – 21 अगस्त, शुक्रवार – रात 11 बजकर 02 मिनट से
  • चतुर्थी तिथि समाप्त – 22 अगस्त, शनिवार – शाम 07 बजकर 57 मिनट तक |

गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री:-

  • दीपक
  • ज्योत
  • घी
  • अगरबत्ती
  • नारियल
  • कलश
  • फूलों की माला
  • जनेऊ
  • कुमकुम
  • चावल
  • कलावा
  • दुर्वा घास
  • पांच तरह की मिठाई
  • पांच तरह के मेवे
  • पांच तरह के फल
  • पान का पत्ता
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • आम के पत्ते
  • गंगाजल |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here