कोरोना पर कविता

कोरोना पर कविता – भारत और कई देशों में लोग कोरोना वायरस से घबराए हुए हुए हैं, हल्की खांसी और छींक आने पर भी लोग परेशान हो जाते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस ने तो नहीं घेर लिया | सरकार ने फिलहाल ऐहतियात के लिए अगले 21 दिनों के लिए भारत में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है | यानी अब पूरे देश में कोई भी सड़क पर नहीं निकलेगा, सभी अपने घरों में रहेंगे |

ऐसे समय में भी कुछ जन सेवक जैसे डॉक्टर, पुलिस और हमारे द्वारा चुने गए हमारे राजनेता सभी अपने फर्ज को बखूबी निभा रहे हैं | अपने परिवार की चिंता किए बिना देश की सेवा में तत्पर हैं | इनके अलावा लगभग सभी राज्यों में बहुत से स्वयं सेवक घर से दूर फसे हुए लोगों, मजदूरों को खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं | ऐसे समय में एक कविता के माध्यम से हमे आप सभी देशवासियों तक अपने भाव को पहुंचाना चाहते हैं|- कोरोना पर कविता

न जाने ये किसकी है देन ।
की सारा विश्व है कोरोना से बेचैन ।।

अब कोई घर से बाहर नहीं जाएगा ।
जो बाहर जाएगा वही तो पछताएगा ।।

अब ऐसा समय है आया ।
जब पूरे परिवार ने मिल कर समय बिताया ।।

परिवार की एहमियत अब लोगों को समझ आई ।
माँ को भूल चुके लोगों को भी नानी याद आई ।।

वो जो कभी पुलिस, डॉक्टर और सरकार को देते थे गाली ।
आज उन्हीं के लिए बजा रहे हैं ताली ।।

कोरोना पर कविता

अब कलयुग का समय है आया ।
तभी तो सरकार ने TV पर फिर से रामायण है दिखाया ।।

रामायण में बताया है श्रीराम का चरित्र ।
पर आज का तो हर आदमी है विचित्र ।।

रामायण में है श्रीराम की पत्नी सीता की गाथा ।
पर आजकी तो हर औरत है स्वयं विख्याता ।।

न करो जमाखोरी देशवासियों ।
देश के काम आओ देशवासियों ।।

जानें किसकी गलती से मच गया ये हहाकार ।
अब कैसे पाएं इस कोरोना का उपचार ।।

हमें गर्व है मोदी जी हैं हमारे नेता ।
भगवान उन्हें बनाए विश्व विजेता ।।

आओ हम मिलकर करें यह प्रण ।
रहेंगे घर के अंदर हर समय हर क्षण ।।

हमारी लड़ाई अब तभी होगी ख़त्म ।
जब नहीं होगा कोई कोरोना से ख़त्म ।।

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