रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी:-

रबी फसलों की MSP- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को तय कर दिया है | 8 सितम्बर 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद फसलों के नए rates जारी कर दिए गए | इसके मुताबिक, गेहूं की MSP में 40, चना की MSP में 130 और सरसों की MSP में सबसे अधिक 400 रुपए की बढ़ोतरी की गई है |

केंद्र सरकार ने रबी फसलों की MSP में उस वक्त बढ़ोतरी की घोषणा की है, जब देश के किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं| किसान संगठनों की मांग की है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून को वापस ले | साथ ही वे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी चाहते हैं जबकि सरकार साफ कर चुकी है कि MSP को खत्म नहीं किया जाएगा और एक बार फिर रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी की घोषणा हो चुकी है |

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की जानकारी दी | केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गेहूं के समर्थन मूल्य में 40, जौ की एमएसपी में 35, चना में 130, मसूर व सरसों में 400 और सूर्यमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 114 रुपए की बढ़ोतरी की गई है |

MSP of Rabi Marketing Season 2022-23:- रबी फसलों की MSP

रबी फसलों की MSP

रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2022-23 के लिए रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी केंद्रीय बजट 2018-19 में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि देशभर के औसत उत्पादन को मद्देनजर रखते हुए MSP में कम से कम डेढ़ गुना इजाफा किया जाना चाहिए, ताकि किसानों को तर्कसंगत और उचित कीमत मिल सके | किसान खेती में जितना खर्च करता है, उसके आधार पर होने वाले लाभ का अधिकतम अनुमान किया गया है | इस संदर्भ में गेहूं, कैनोला व सरसों (प्रत्येक में 100 प्रतिशत) लाभ होने का अनुमान है | इसके अलावा दाल (79 प्रतिशत), चना (74 प्रतिशत), जौ (60 प्रतिशत), कुसुम के फूल (50 प्रतिशत) के उत्पादन में लाभ होने का अनुमान है |

पिछले कुछ वर्षों से तिलहन, दलहन, मोटे अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में एकरूपता लाने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास किए जाते रहे हैं, ताकि किसान इन फसलों की खेती अधिक रकबे में करने के लिए प्रोत्साहित हों | इसके लिए वे बेहतर प्रौद्योगिकी और खेती के तौर-तरीकों को अपनायें, ताकि मांग और आपूर्ति में संतुलन पैदा हो |

रबी फसलों के लिए मार्केटिंग सीजन (2022-23) के लिए MSP:-

  • गेहूं की MSP 2015 रुपए प्रति क्विंटल
  • चना की MSP 5230 रुपए प्रति क्विंटल
  • जौ की MSP 1635 रुपए प्रति क्विंटल
  • मसूर दाल MSP 5500 रुपए प्रति क्विंटल
  • सूर्यमुखी MSP 5441 रुपए प्रति क्विंटल
  • सरसों MSP 5050 रुपए प्रति क्विंटल

पिछले साल के मुकाबले किस फसल की कितनी MSP बढ़ाई गई:-

  • गेहूं की MSP में 40 रुपए की बढ़ोतरी
  • चना की MSP में 130 रुपए की बढ़ोतरी
  • जौ की MSP में 35 रुपए की बढ़ोतरी
  • मसूर दाल की MSP में 400 रुपए की बढ़ोतरी
  • सूर्यमुखी की MSP में 114 रुपए की बढ़ोतरी
  • सरसों की MSP में 400 रुपए की बढ़ोतरी

क्या है MSP:-

MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य/Minimum Support Price) वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है | मौजूदा समय में, सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए MSP तय करती है | खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर से रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है | गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं |

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