मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना (Maternity Leave Incentive Scheme):-
श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) ने मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना (Maternity Leave Incentive Scheme) के बारे में स्पष्टीकरण दिया है क्योंकि मीडिया की कुछ रिपोर्टों के अनुसार निजी क्षेत्र और अनुबंध नौकरियों में इस योजना का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा हैं | प्रस्ताव का वर्तमान चरण यह है कि मातृत्व लाभ योजना (Maternity Benefit scheme) को अनुमोदित / अधिसूचित किया गया है |
हालांकि, प्रस्ताव का वर्तमान चरण अभी भी सक्षम प्राधिकारी के आवश्यक बजटीय अनुदान और अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया में है |मीडिया के हिस्सों द्वारा प्रस्तुत की जा रही कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि इस योजना को श्रम कल्याण उपकर (Labour welfare cess) से वित्त पोषित किया जाएगा जबकि मंत्रालय के तहत ऐसा कोई उपकर मौजूद ही नहीं है |
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 को केवल उन प्रतिष्ठानों, कारखानों, मिलों, फैक्टरियों, दुकानों और अन्य संस्थाओं में लागू किया जाएगा जहाँ 10 या उससे अधिक व्यक्ति काम करते हैं | यदि प्रस्तावित योजना को मंजूरी दे दी गई और लागू कर दिया गया, तो यह देश की हर महिला के पास रोज़गार, पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण की समान पहुंच को सुनिश्चित करेगा |
यहां तक कि देश भर में महिलाओं को घरेलू काम के साथ-साथ बाल देखभाल की भी एक बड़ी चुनौती उठानी पड़ती है | इसी वजह से ये सभी कार्यस्थल कार्यरत महिलाओं की पारिवारिक आवश्यकताओं के प्रति अधिक से अधिक उत्तरदायी होंगे |
मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना की मुख्य विशेषताएं:-
- सभी कंपनी, कारखाने, दुकान, मिलों को जिसमें 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हों उन्हें मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना (Maternity Leave Incentive Scheme) के तहत कवर किया गया है |
- मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 बच्चे के जन्म से पहले और बाद में कामकाजी स्थानों पर महिलाओं के रोजगार को विनियमित करेगा और उन्हें कुछ अन्य लाभ प्रदान करेगा |
- इस अधिनियम को मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम 2017 के माध्यम से संशोधित किया गया था | इस संशोधन में, केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के मातृत्व छुट्टी में 12 सप्ताह से 26 सप्ताह तक की वृद्धि की है |
- इस योजना का कार्यान्वयन सार्वजनिक क्षेत्र में बहुत अच्छी तरह से हो रहा है लेकिन कुछ रिपोर्टों के अनुसार इस योजना का कार्यान्वयन निजी क्षेत्र और अनुबंध नौकरियों में अच्छा नहीं है |
- निजी क्षेत्रों के प्रतिष्ठान महिला कर्मचारियों को प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं जैसे अगर वे प्रतिष्ठान में नियोजित हैं, तो उन्हें मातृत्व लाभ प्रदान करना होगा, विशेष रूप से 26 सप्ताह की सवैतनिक छुट्टियां प्रदान करनी होगी |
- श्रम और रोजगार मंत्रालय को विभिन्न विभागों से शिकायतें मिल रही हैं कि जब नियोक्ता को पता चलता है कि उनकी महिला कर्मचारी प्रसूति सवैतनिक छुट्टी के लिए आवेदन करने जा रही हैं, तो उनके अनुबंध को किसी न किसी कारणों से खारिज कर दिया जाता है |
- इसलिए सरकार मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना (Maternity Leave Incentive Scheme) पर काम कर रही है | महिला श्रमिकों को जिनका वेतन 15,000/- तक है उन्हें नियोक्ताओं द्वारा 7 सप्ताह की प्रतिपूर्ति और कुछ शर्तों के अधीन 26 सप्ताह की प्रसूति छुट्टी (सवैतनिक) प्रदान की जाएगी |
प्रस्तावित प्रोत्साहन योजना (proposed incentive scheme) को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा 400 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि आवंटित की जाएगी |