कोविड संक्रमण के कारण हमारे देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कोविड संक्रमण काल से उबर रहे भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 1 अक्टूबर 2020 को नई योजना की शुरुआत है।
इसे आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना नाम दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले लोगों की मदद की जाएगी। इसके तहत सरकार द्वारा नई नौकरी पाने वाले और नई नौकरी देने वाले, दोनों को लाभ प्रदान किया जायेगा।
हम जानते हैं कि हमारे देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसके लिए वित्त मंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गयी है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना के माध्यम से देश के बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।
इन सभी बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है, जिससे रोजगार मिलने पर किसी भी व्यक्ति को निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इस आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बहुत से कार्य किये जायेंगे। इस योजना के माध्यम से संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को आरम्भ किया गया है।
ABRY: आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की रजिस्ट्रेशन डेट बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दी गई है और अगर आपको इसके बारे में जानकारी लेनी है तो यहां पर जान सकते हैं.
12 नवंबर, 2020 केंद्रीय वित्त मंत्री ने नए आत्मनिर्भर भारत 3.0 (AtmaNirbhar Bharat 3.0) के तहत 12 नए उपायों की घोषणा की, जो मौजूदा COVID-19 महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये 2.65 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज के रूप में हैं।
प्रमुख बिंदु:
- भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति:
- वर्ष-दर-वर्ष की तरह अक्तूबर 2020 में ऊर्जा खपत में 12% की वृद्धि हुई है।
- बैंक ऋण की वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत है और शेयर बाज़ार रिकॉर्ड ऊँचाई पर है।
- RBI ने तीसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था के सकारात्मक वृद्धि पर लौटने की संभावना का अनुमान लगाया।
- मूडीज द्वारा वर्ष 2021 के लिये भारत के जीडीपी पूर्वानुमान को संशोधित कर 8.1% से 8.6% कर दिया गया है।
- आत्मनिर्भर भारत 1.0 (Aatmanirbhar Bharat 1.0) के बारे में बताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (UTs) को 1 सितंबर, 2020 से राशन कार्डों की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के तहत लाया गया है।
- स्ट्रीट वेंडर्स के लिये पीएम स्वनिधि (PM SVANIDI) योजना के तहत 26.2 लाख ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं।
- केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2.5 करोड़ किसानों को ऋण प्रोत्साहन दिया गया है और 1.4 लाख करोड़ रुपए किसानों को वितरित किये गए हैं। अलग से 1700 करोड़ रुपए की लागत वाली प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) के लिये 21 राज्यों के प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई है।
- Emergency Credit Liquidity Guarantee Scheme के तहत 61 लाख उधारकर्त्ताओं के लिये 2.05 लाख करोड़ रुपए की राशि मंज़ूर की गई है, जिसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपए का वितरण किया गया है।
- 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के डिस्कॉम के लिये 1.18 लाख करोड़ रुपए मंजूर किये गए हैं।
‘आत्मनिर्भर भारत 3.0’ के तहत 12 नई घोषणाएँ:
- ‘आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना’ (Aatmanirbhar Bharat Rozgar Yojana):
- यह योजना नई नौकरियों के सृजन के लिये प्रोत्साहित करेगी।
- EPFO-पंजीकृत संगठनों द्वारा नियुक्त नए कर्मचारियों को COVID-19 महामारी के दौरान लाभ मिलेगा।
- ‘आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना’ 1 अक्तूबर, 2020 से लागू होगी।
- EPFO-पंजीकृत संगठन, यदि नए कर्मचारियों की भर्ती करते हैं या जो पहले नौकरी खो चुके हैं वे कर्मचारी कुछ लाभ प्राप्त करने के हकदार हैं। यदि 1 अक्तूबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक नए कर्मचारियों की भर्ती की जाती है, तो अगले दो वर्षों के लिये प्रतिष्ठानों को कवर किया जाएगा।
- MSMEs, व्यवसायों, MUDRA उधारकर्त्ताओं और व्यक्तियों (व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये ऋण) के लिये (Emergency Credit Line Guarantee Scheme- ECLGS) को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाया गया है। कामथ समिति द्वारा 50 करोड़ रुपए से अधिक के बकाया ऋण और 500 करोड़ रुपए तक के दायरे में आने वाले 26 संकटग्रस्त क्षेत्रों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के निकायों को इसके अंतर्गत शामिल किया जाएगा।
- 10 क्षेत्रों को 1.46 लाख करोड़ रुपए की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI) योजना’ प्रदान की जा रही है। इससे घरेलू विनिर्माण की प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। अगले पाँच वर्षों के लिये लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए की कुल राशि को इन क्षेत्रों के लिये आवंटित किया गया है।
- वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना (शहरी) के लिये 18,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त परिव्यय की घोषणा की जिसके तहत 12 लाख घरों को स्थापित किया जाएगा और 18 लाख घरों के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा। इससे 78 लाख अतिरिक्त नौकरियाँ पैदा होंगी और इस्पात व सीमेंट के उत्पादन एवं बिक्री में सुधार होगा।
- निर्माण/अवसंरचना क्षेत्र में सरकार द्वारा अनुबंधों पर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को 5-10% से घटाकर 3% कर दिया गया है। इससे बिड टेंडरों (Bid Tenders) के लिये बयाना राशि (Earnest Money Deposit-EMD) की आवश्यकता नहीं होगी और इसे बिड सिक्योरिटी डिक्लेरेशन (Bid Security Declaration) द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। यह छूट 31 दिसंबर, 2021 तक लागू रहेगी।
- भारत सरकार ने डेवलपर्स एवं घर खरीदारों के लिये 2 करोड़ रुपए तक की कर राहत की घोषणा की। आवासीय इकाइयों की प्राथमिक बिक्री के लिये 2 करोड़ रुपए तक के दायरे में 12 नवंबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक सर्कल रेट और रियल एस्टेट इनकम टैक्स में एग्रीमेंट वैल्यू के बीच अंतर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया।
- भारत सरकार राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (National Investment and Infrastructure Fund- NIIF) में 6,000 करोड़ रुपए का इक्विटी निवेश करेगी, जो बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये वर्ष 2025 तक 1.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने में NIIF की मदद करेगा।
- किसानों को 65,000 करोड़ रुपए की उर्वरक सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- आगामी वित्त वर्ष 2021 में पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना (PM Garib Kalyan Rozgar Yojana) के लिये 10,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त परिव्यय की व्यवस्था की जाएगी।
- वित्त मंत्री द्वारा 3,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त घोषणा की गई जिसे भारतीय विकास सहायता योजना (Indian Development Assistance Scheme- IDEAS Scheme) के माध्यम से निर्यात परियोजनाओं के लिये एक्जिम बैंक को जारी किया जाएगा।
- भारतीय विकास सहायता योजना (IDEAS), परियोजनाओं के लिये रियायती वित्तपोषण प्रदान करती है और प्राप्तकर्त्ता विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे के विकास और क्षमता निर्माण में योगदान देती है।
- रक्षा उपकरणों, औद्योगिक बुनियादी ढाँचे और हरित ऊर्जा पर पूंजी एवं औद्योगिक व्यय के लिये 10,200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- वित्त मंत्री ने COVID-19 के टीका विकास के लिये 900 करोड़ रुपए के R&D अनुदान की घोषणा की। इसमें वैक्सीन वितरण के लिये वैक्सीन या लॉजिस्टिक्स की लागत शामिल नहीं है।
आत्मनिर्भर भारत योजना 2021 के लाभ:
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Atmanirbhar Bharat Rozgar Yojana) की शुरुआत एक अक्टूबर 2020 से मानी जाएगी। इसके तहत कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले लोगों की मदद की जाएगी। साथ ही कोरोना संक्रमण से उबरने के मौजूदा दौर में नौकरी देने वाले संस्थानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत आगामी 2 वर्ष तक योजना के लाभ प्रदान करेगी।
- इस योजना का लाभ कर्मचारी तथा संस्थान दोनों को प्रदान किया जायेगा।
- इस योजना का लाभ के उन कर्मचारियों को प्रदान किया जायेगा। जिसका वेतन 15,000 या उससे कम है।
- इस योजना के अनुसार यदि रजिस्टर्ड संस्था नए रोजगार के अवसर प्रदान करती है तो उन संस्थाओं कोAatmnirbhar Bharat Rozgar Yojana के लाभ प्रदान किये जायेंगे।
- वे संस्थाएं जिनकी कर्मचारी क्षमता 1000 से कम है उन संस्थाओं में कर्मचारी के वेतन के अनुसार उसके हिस्से का 12% तथा रोजगार देने वाली संस्था के हिस्से का 12% जो कि कुल 24% हुआ, केंद्र सरकार द्वारा भविष्य निधि ईपीएफओ के अंतर्गत जमा कराया जाएगा।
- देश के जिन संस्थाओं के कमर्चारियों की क्षमता 1000 से अधिक है, तो ऐसे संस्थाओं के कमर्चारियों के वेतन के अनुसार उनके हिस्से का 12% और संस्था के हिस्से का 12% यानि कुल 24% केंद्र सरकार द्वारा भविष्य निधि ईपीएफओ के अंतर्गत जमा कराया जायेगा।
- वे संस्थाएं जिनकी कर्मचारी क्षमता 50 से कम है तथा वे संस्थाएं दो या दो से अधिक कर्मचारियों को रोजगार प्रदान कर रही हैं और संस्थाओं द्वारा उन कर्मचारियों को भविष्य निधि के अंतर्गत पंजीकृत करती है, तो ही संस्था व कर्मचारी दोनों को योजना का लाभ प्रदान किया जा सकेगा।
- प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत 52 लाख प्रतिष्ठानों को 8300 करोड़ रुपये का लाभ वितरित किया गया है। इससे 1.21 करोड़ लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिला है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के विशेष लाभ:
भारत सरकार विशेष रुप से 15000 रुपयों से भी कम कमाई करने वाले कर्मचारियों को इस योजना का लाभ देगी, जो इस प्रकार से निम्नलिखित हैं।
- यूएएन अकाउंट नहीं होने वाले लोगों के लिए :-इस योजना का लाभ भारत सरकार उन्हें प्रदान करेगी, जिन्होंने 1 अक्टूबर से पहले किसी भी भविष्य निधि संगठन से संबंधित संस्थान में नौकरी नहीं की होगी एवं इसके अतिरिक्त उन सभी कर्मचारियों के पास उनका यूएएन अकाउंट नहीं होगा, उन्हें इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- कोविड-19 के चपेट में आने वाले कर्मचारी :-इसके अतिरिक्त इस योजना का लाभ सरकार उन्हें भी प्रदान करेगी, जिसके पास यूएएन अकाउंट तो है, लेकिन जिनकी सैलरी हर महीने 15 हजार रुपए से कम है। इसके अलावा जिनकी 1 मार्च से 30 सितंबर तक कोविड की वजह से नौकरी चली गई, उन्हें भी इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। भारत सरकार ने कहा है, कि 1000 लोगों तक में रोजगार देने वाली कंपनियों के हिस्सों का खर्चा सरकार स्वयं उठाएगी और 1000 से अधिक लोगों को नए रोजगार प्रदान करने वाली कंपनियों के हर कर्मचारियों को 12 फ़ीसदी का अंशदान का खर्च 2 साल तक भारत सरकार निरंतर रूप से उठाएगी।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की पात्रता मानदंड:
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको दिए गए पात्रता मानदंडों को अनिवार्य रूप से निम्न प्रकार पूरा करना होगा-
- ईपीएफओ में रोजगार में शामिल होने वाले किसी भी नए कर्मचारी को 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पर पंजीकृत प्रतिष्ठान दिया जायेगा।
- इस ईपीएफ सदस्य 15,000 रुपये से कम का मासिक वेतन आहरण करते हैं, जिन्होंने 01/03/2020 से 30/09/2020 तक COVID महामारी के दौरान रोजगार से बाहर कर दिया और 01/10/2020 पर या उसके बाद कार्यरत हैं।
- कोई भी संस्था यदि इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करनी चाहती है। तो उसका ईपीएफ़ओ रजिस्टर्ड होना आवश्यक है जिससे नए कर्मचारी तथा संस्था दोनों को लाभ दिया जा सके।
- इसी प्रकार वे संस्थाएं जिनकी कर्मचारी क्षमता 50 से अधिक है तो उनको न्यूनतम 5 नए कर्मचारियों को रोजगार प्रदान करके उनको ईपीएफओ के अंतर्गत पंजीकृत करना अनिवार्य है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के लिए जरूरी दस्तावेज:
- कर्मचारी का ईपीएफओ के अंतर्गत पंजीकरण
- आधार कार्ड
- कर्मचारी वेतन RS. 15000 प्रति माह तक का प्रमाण
पी ऍम आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना 31 मार्च 2022 तक कार्यरत रहेगी।