आज इस लेख में हम आपको Waseem Rizvi Biography in Hindi (वसीम रिज़वी की जीवनी) में उनके बारे में बहुत कुछ बाते बताने वाले हैं, जीके बारे में आपको सायद ही पता होगा। तो चलिए शुरू करते हैं।
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया है। धर्म बदलने के बाद उनका नया नाम हरबीर नारायण सिंह त्यागी हो गया है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें सनातन धर्म ग्रहण कराया और इसके बाद रिजवी का नया नामकरण हुआ।
राम मंदिर को लेकर हमेशा से ही चर्चा में रहने वाले वसीम रिजवी ने हिन्दू धर्म को अपना लिए है। और वो अब हिन्दू नाम के साथ एक हिन्दू बन गए हैं। आइए आपको आज वसीम रिजवी के बारे में बताते हैं।
वसीम रिजवी की जीवनी (Waseem Rizvi Biography)
वसीम रिजवी एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता रेलवे के सामान्य कर्मचारी थे लेकिन जब रिजवी कक्षा 6 की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता का इंतकाल हो गया। इसके बाद रिजवी और उनके भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गई। रिजवी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा हासिल की और आगे की पढ़ाई के लिए नैनीताल के एक कॉलेज में प्रवेश लिया।
इसके बाद वे सऊदी अरब चले गए और एक होटल में निचले दर्जे सफाई का काम करने लगे। बाद में उन्हें जापान जाने का मौका मिला और वहां उन्होंने एक कारखाने में काम किया। इसके बाद उनको अमेरिका में काम करने का मौका मिला जहां उन्होंने एक स्टोर में काम किया।
जब उनके सामाजिक संबंध अच्छे होने लगे तो उन्होंने नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला किया। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई। इसके बाद वो वक्फ बोर्ड के सदस्य बने और उसके बाद चेयरमैन के पद तक पहुंचे। वो लगभग दस सालों तक बोर्ड में रहे।
रिज़वी के पिता एक रेलवे कर्मचारी थे। रिजवी 2000 में लखनऊ में ओल्ड सिटी के कश्मीरी मोहल्ला वार्ड से समाजवादी पार्टी (सपा) के नगरसेवक चुने गए और 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य बने। 2012 में, रिजवी को छह साल के लिए सपा से निष्कासित कर दिया गया था, जिसने उन पर धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। रिजवी को बाद में अदालत से राहत मिली।
वसीम रिजवी का नया नाम क्या है? (Waseem Rizvi New Name)
वसीम रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) है।
वसीम रिजवी के बारे में जानकारी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मे वसीम रिजवी खुद एक शिया मुस्लिम हैं। रिजवी एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता रेलवे के कर्मचारी थे। रिजवी जब क्लास 6 की पढ़ाई कर रहे थे तो उनके वालिद का इंतकाल हो गया।
इसके बाद रिजवी और उनके भाई-बहनों की जिम्मेदारी उनकी वालिदा पर आ गई। रिजवी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। वसीम रिजवी ने नगर निगम का चुनाव लड़ने का फैसला किया। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई। इसके बाद वो वक्फ बोर्ड के सदस्य बने और उसके बाद चेयरमैन के पद तक पहुंचे। हालांकि रिजवी अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहें।
राजनीतिक जानकारों की माने तो रिजवी ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए मुस्लिम विरोध का सहारा लिया है। वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दी है। अपनी याचिका में वसीम रिजवी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है।
वसीम रिजवी के बयान
- देश की नौ विवादित मस्जिदों को हिन्दुओं को सौंप दें मुसलमान।
- हिन्दुस्तान की धरती पर कलंक की तरह है बाबरी ढांचा।
- रिजवी ने कहा कि चांद तारे वाला हरा झंडा इस्लाम का धार्मिक झंडा नहीं है। ये पाकिस्तान की राजनैतिक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग से मिलता जुलता है। इस झंडे को फहराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
- रिजवी ने कह दिया कि पैगम्बर मोहम्मद साहब अपने कारवां में सफेद या काले रंग का झंडा प्रयोग करते थे।
- इस्लामी मदरसों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि ये आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। ये भारतीय मुसलमानों के लिए अच्छे नहीं हैं। ये मुसलमान नौजवानों के दिमाग में ज़हर घोलते हैं।
- बहुत मदरसों में आतंकी ट्रेनिंग दी जाती है। यहां आधुनिक शिक्षा नहीं दी जाती। मजहबी कट्टरता सिखाई जाती है।
- जानवरों की तरह बच्चे पैदा करने से देश को नुकसान – जनवरी 2020 में जनसंख्या नियंत्रण पर संभावित कानून का समर्थन करते हुए वसीम रिजवी ने कहा, कुछ लोग मानते हैं कि बच्चों का जन्म प्राकृतिक है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
- कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दी – मार्च 2021 में वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है।
- याचिका में वसीम रिजवी ने कहा है कि कुरान की इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों में बच्चों को कुरान की इन आयतों को पढ़ाया जा रहा है, जिससे उनका ज़हन कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है।