Royal Families in India:
Royal Families in India- भारत के इतिहास में कई राजा-महाराजाओं का जिक्र मिलता है | प्राचीन भारत में एक राजा होता था, जो अपनी प्रजा का ध्यान रखता था। | राजा की मृत्यु के बाद उसका उत्तराधिकारी शासन करता था | इस प्रकार राजाओं का वंश और विरासत दोनों आगे बढ़ते थे | हालांकि पिछले पांच दशकों में बहुत कुछ बदल गया है |
1971 में भारत के संविधान में हुए 26 वें संशोधन के साथ ही राजाओं को मिलने वाली विशेष उपाधियों और उन्हें मिलने वाले प्रिवी पर्स (महाराजाओं को मिलने वाले वित्तीय लाभ) को समाप्त कर दिया गया |
इसके बाद शाही परिवारों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा | हालांकि, आज के समय में राजशाही व्यवस्था खत्म कर दी गई है, लेकिन अभी भी कुछ परिवार ऐसे हैं, जो अपने पूर्वजों की विरासत को जिंदा किए हुए हैं | इन परिवारों की अपनी एक अलग ही पहचान है | आइए एक नजर डालते हैं, भारत के कुछ मौजूदा शाही परिवारों पर |
मेवाड़ राजवंश:-
महाराणा प्रताप का मेवाड़ राजवंश भारत में सबसे लोकप्रिय और सम्मानित शाही वंशावली में से एक हैं | सबसे पुराने राजवंशों में से एक, मेवाड़ राजवंश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था | कई संरक्षकों के बाद, साल 1984 में उदयपुर के श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ को इस राजवंश का 76वां संरक्षक बनाया गया था |
यह राजघराना आज भी अपनी बेशुमार दौलत के लिए जाना जाता है | उदयपुर स्थित महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन (MMCF) के अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी के रूप में, श्रीजी अरविंद सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण कर रहे हैं | अरविंद सिंह राजा होने के साथ-साथ एक सफल बिजनेसमैन भी हैं और ‘HRH Group of Hotels‘ के मालिक हैं |
अरविंद सिंह की शादी गुजरात के कच्छ की राजकुमारी विजयराज से हुई है | उनके दो बेटियां और एक बेटा है | उनकी एक बेटी का नाम भार्गवी कुमारी मेवाड़, दूसरी बेटी का नाम पद्मजा कुमारी मेवाड़ और बेटे का नाम लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ है | अरविंद सिंह और उनकी पत्नी उदयपुर सिटी पैलेस में रहते हैं | पर्यटन इंडस्ट्री में सबसे समृद्ध माने जाने वाले अरविंद सिंह के पास उदयपुर में प्राचीन कारों का एक संग्रहालय भी है |
मेवाड़ राजवंश की आय का श्रोत:-
- अरविंद सिंह एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के प्रमुख हैं, जिसके तहत 10 से अधिक होटल हैं |
- परिवार पूरे राजस्थान में विभिन्न विरासत होटल, रिसॉर्ट और धर्मार्थ संस्थानों का भी मालिक है |
- लेक पैलेस और फतेह प्रकाश पैलेस जैसी कुछ शाही संपत्तियां ताज ग्रुप ऑफ होटल्स को लीज पर प्रबंधन के लिए दी जाती हैं |
- उन्होंने पर्यटन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस का एक हिस्सा खोल दिया है |
वाडियार राजवंश:-
वाडियार राजवंश का इतिहास भगवान कृष्ण के यदुवंशी वंश के समय का है | श्रीकृष्ण ने एक बार मैसूर राज्य पर शासन किया था | आपको जानकर हैरानी होगी कि, सन 1612 में, विजयनगर की रानी अलमेलम्मा ने वाडियार वंश को सिंहासन पर जबरन कब्जा करने के चलते श्राप दिया था | महारानी ने मरने से पहले कहा था कि, ‘इस वंश के राजा-रानी के कभी बच्चे नहीं होंगे’ | तब से अब तक, लगभग 400 सालों से वाडियार राजवंश में किसी भी राजा को संतान के तौर पर पुत्र नहीं हुआ है | राजा-रानी अपने वंश की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए परिवार के किसी दूसरे सदस्य के पुत्र को गोद लेते हैं |
वर्तमान में वाडियार वंश के मुखिया यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार हैं | यदुवीर भी प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी नहीं हैं | उन्हें भी इसी परंपरा के तहत गोद लिया गया है | राजकुमार यदुवीर की शादी डूंगरपुर की राजकुमारी त्रिशिका कुमारी सिंह से हुई है |
यदुवीर और त्रिशिका कुमारी को एक बेटा है | यदुवीर के चाचा श्रीकांतदत्त वाडियार थे | श्रीकांत, मैसूर के प्रसिद्ध ‘रॉयल सिल्क‘ के मालिक थे | श्रीकांतदत्त की मौत के बाद यदुवीर ही ‘रॉयल सिल्क‘ के मालिक हैं |
वाडियार राजवंश की आय का श्रोत:-
- मैसूर के रॉयल सिल्क की शुरुआत श्रीकांतदत्त ने की थी | शीर्ष रेशम उत्पादक के रूप में मैसूर, परिवार का ब्रांड आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना रहा |
- वर्तमान राजा, यदुवीर, अंग्रेजी साहित्य और अर्थशास्त्र में डिग्री रखते हैं और मैसूर में पर्यटन और विरासत के बुनियादी ढांचे के विकास और प्रमोटर पर काम करते हैं |
- वे विवाह और समारोहों के लिए बैंगलोर में अपने महल के मैदान को किराए पर देकर भी आय अर्जित करते हैं |
- अनुमान लगाया जा रहा है कि परिवार के पास 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है |
जयपुर का शाही परिवार:-
राजपूत वंश के वंशज, महाराजा भवानी सिंह जयपुर के अंतिम नाममात्र के प्रमुख थे | भवानी सिंह का कोई पुत्र नहीं था, इसलिए उन्होंने साल 2002 में, अपनी बेटी दीया कुमारी के बेटे पद्मनाभ सिंह को अपना उत्तराधिकारी मान लिया था |
भवानी सिंह की मृत्यु के बाद, पद्मनाभ को अनौपचारिक रूप से 13 वर्ष की उम्र में ही जयपुर के महाराजा के रूप में ताज पहना दिया गया था | दरअसल, पद्मनाभ राष्ट्रीय स्तर के पोलो खिलाड़ी हैं और फैशन की दुनिया में एक जाना-माना नाम हैं |
पद्मनाभ पहले ऐसे महाराजा हैं, जिन्होंने ‘Airbnb‘ पर अपना निजी स्थान किराए पर दिया है | आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, ‘जयपुर सिटी पैलेस‘ में एक कमरे की कीमत लगभग 5,70,000 रुपए है | ये सारा पैसा ‘राजकुमारी दीया कुमारी फाउंडेशन’ को जाता है |
जयपुर के शाही परिवार की आय का श्रोत:-
- पद्मनाभ सिंह राष्ट्रीय स्तर के पोलो खिलाड़ी हैं | युवक एक enthusiastic traveler भी है जिसने विभिन्न पत्रिकाओं का ध्यान खींचा है |
- शाही परिवार ने रामबाग महल को ताज होटल को होटल की तरह चलाने और चलाने के लिए योगदान दिया |
- पद्मनाभ ने हाल ही में Airbnb के साथ साझेदारी की है और जयपुर में एक सुइट स्थापित किया है | यह परिवार की वित्तीय आय में भी सहायता करता है |
अलसीसर का शाही परिवार:-
अलसीसर के शाही परिवार ने खेतड़ी के राज्य पर शासन किया था | वर्तमान में इस परिवार के मुखिया महाराजा अभिमन्यु सिंह हैं | राजस्थान के इस शाही परिवार के जयपुर और रणथंभौर में महल हैं |
यही नहीं, अभिमन्यु ने अलसीसर पैलेस को एक शानदार हेरिटेज होटल में बदल दिया है | अभिमन्यु काफी लोकप्रिय हैं, क्योंकि वह ‘मैगनेटिक फील्डस फेस्टिवल‘ के को-ऑर्डिनेटर हैं | उन्हें भारत का ‘पार्टी प्रिंस‘ भी कहा जाता है |
अलसीसर के शाही परिवार की आय का श्रोत:-
- अलसीसर परिवार के पास जयपुर और रणथंभौर में भव्य महल हैं |
- शाही परिवार अपनी संपत्तियों पर कई होटल भी चलाता है |
- इन सभी महलों और होटलों को चलाने के अलावा, अभिमन्यु सिंह भारत के सबसे हिप्पी वार्षिक EDM उत्सव, मैग्नेटिक फील्ड्स के सह-प्रायोजक भी हैं | और इसलिए, सिंह को भारत का पार्टी प्रिंस कहा जाता है |
जोधपुर का शाही परिवार:-
जोधपुर पहले राठौरों द्वारा शासित था | इसकी स्थापना 8वीं शताब्दी में हुई थी | महाराजा गज सिंह इस राज्य के वर्तमान शासक हैं | महाराजा गज सिंह राज्यसभा के सदस्य थे और उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य किया था | वह अपनी पत्नी हेमलता राजे और बच्चों के साथ ‘उम्मेद भवन पैलेस‘ में रहते हैं | इसके अलावा वह ‘मेहरानगढ़‘ किले के भी मालिक हैं |
जोधपुर के शाही परिवार की आय का श्रोत:-
- 11 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले उम्मेद भवन पैलेस में 347 कमरे और चार टेनिस कोर्ट, स्विमिंग पूल आदि हैं | यह वह महल है जहां प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने अमेरिकी गायक और अभिनेता निक जोनास से शादी की थी | यह महल शाही परिवार के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में कार्य करता है |
- महाराजा गज सिंह द्वितीय ने एक बार राज्य सभा के सदस्य के रूप में कार्य किया है | कुछ साल पहले, वह त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय उच्चायुक्त थे |
बड़ौदा के गायकवाड़:-
गायकवाड़ ने 18वीं शताब्दी की शुरुआत से ही बड़ौदा में सत्ता संभाली थी | महाराजा रणजीत प्रताप सिंह गायकवाड़ की मृत्यु के बाद, उनके पुत्र समरजीत सिंह उत्तराधिकारी बने थे | साल 2012 में, उन्हें ‘लक्ष्मी विलास पैलेस‘ में महाराजा का ताज पहनाया गया था | जब वह सिंहासन पर बैठे थे, तो उन्होंने अपने चाचा संग्राम सिंह गायकवाड़ के साथ मिलकर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के कानूनी विरासत के विवाद को सुलझाया था |
इस सौदे में समरजीत सिंह को ‘मोती बाग स्टेडियम‘, ‘महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय‘, 187 कमरों वाला ‘लक्ष्मी विलास पैलेस‘, राजा रवि वर्मा की पेंटिंग और अन्य शाही सामानों सहित 600 एकड़ की अचल संपत्ति का स्वामित्व भी मिला था | वह गुजरात और बनारस में 17 मंदिरों के ट्रस्टों का प्रबंधन भी करते हैं | इसके साथ ही, समरजीत सिंह एक क्रिकेटर भी हैं और उन्होंने रणजी ट्रॉफी में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया था | इनकी पत्नी का नाम राधिका राजे है | इनकी दो बेटियां हैं | राधिका राजे ‘सीडीएस आर्ट फाउंडेशन‘ की निदेशक हैं |
गायकवाड़ शाही परिवार की आय का श्रोत:-
- इसमें मुख्य रूप से अचल संपत्ति, भूमि और लक्ष्मी विलास पैलेस शामिल हैं |
- उन्हें राजा रवि वर्मा की पेंटिंग और सोने, चांदी और शाही गहने भी विरासत में मिले |
- उनकी आय के प्राथमिक स्रोतों में से एक मंदिर ट्रस्टों का प्रबंधन है जो पूरे गुजरात और बनारस में 17 मंदिरों को जोड़ते हैं |
- समरजीत सिंह ने क्रिकेटर होने के नाते अपने राज्य की रणजी ट्रॉफी में भी अपना प्रतिनिधित्व किया है |
- वह कुछ समय के लिए राजनीति में भी लगे रहे लेकिन 2017 से निष्क्रिय हैं |
पटौदी के नवाब:-
क्रिकेट और मनोरंजन के क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक पटौदी वंश है | इस वंश के अंतिम नाममात्र के मुखिया, मंसूर अली खान पटौदी थे | मंसूर अली खान भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान भी थे | मंसूर ने अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की थी | मंसूर और शर्मिला के तीन बच्चे हैं | जिनके नाम सैफ अली खान, सबा अली खान और सोहा अली खान हैं |
मंसूर अली खान की मृत्यु के बाद उनके पुत्र सैफ अली खान को पटौदी खानदान का दसवां नवाब बनाया गया है | अभिनेता सैफ अली खान की पहली पत्नी अमृता सिंह थीं | सैफ और अमृता के 2 बच्चे हैं, जिनके नाम सारा अली खान और इब्राहिम अली खान हैं | बाद में, सैफ ने अमृता से तलाक ले लिया था और एक्ट्रेस करीना कपूर से शादी कर ली थी | सैफ और करीना के 2 बेटे हैं, जिनके नाम तैमूर और जहांगीर हैं | आज के समय में, सैफ 800 करोड़ रुपए के महलनुमा ‘पटौदी पैलेस‘ के मालिक हैं |
भोंसले वंश:-
भोंसले वंश महान मराठा शासक शिवाजी का वंश है | शिवाजी महाराज और स्वराज्य राजा के वंशज कोल्हापुर, सतारा, नागपुर, मुधोल, सावंतवाड़ी और तंजौर जैसे विभिन्न राज्यों में रह रहे हैं | सतारा के उदयन राजे इनके प्रमुख मुखियाओं में से एक हैं | हाल ही में, भाजपा सदस्य उदयन राजे ने अपनी 170 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी |
इनके एक अन्य प्रमुख संभाजी राजे छत्रपति हैं, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें वंशज होने का भी दावा करते हैं | साल 2011-19 में, वे आरक्षण के लिए चल रहे मराठा आंदोलन का प्रमुख चेहरा थे |
भोंसले वंश की आय का श्रोत:-
- उदयनराजे भोसले 2020 से महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं |
- वह 2009 से 2019 तक सतारा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सांसद भी रहे |
- भोसले पहले भारतीय जनता पार्टी के सदस्य और 1998 से 1999 तक महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य थे |
- राजनीति इस परिवार के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है, और 2020 तक इसकी कुल संपत्ति लगभग 200 करोड़ होने की घोषणा की गई है |