पीएम पोषण योजना:-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए | देशभर के सरकारी और सह-सरकारी स्कूलों में बच्चो के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन योजना / मिड-डे मील योजना (Mid-Day Meal Yojana) को अब नया रूप दिया गया है | इस योजना को अब प्रधानमंत्री पोषण योजना (Pradhan Mantri Poshan Yojana) के रूप में जाना जाएगा | केंद्र सरकार अगले पांच साल में इस योजना पर 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी |

मौजूदा मिड-डे मील योजना (Mid-Day Meal) देश के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को गर्म भोजन प्रदान करती है | अब इसका नाम पीएम पोषण शक्ति निर्माण कर दिया गया है | इसके साथ ही इस योजना को 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल तक जारी रखने के लिए कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया है |

केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री पोषण योजना को मंजूरी दी है, इसके तहत देश के करीब 11.5 लाख सरकारी और सह-सरकारी स्कूलों में चलने वाली मिड-डे मिल योजना का रूप बदला गया है | सरकार का कहना है कि इस योजना के अंतर्गत करीब 11.80 करोड़ बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा | खास बात ये है कि इस बार इस योजना में तिथि भोजन को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत सामुदायिक तौर पर भी लोगों को बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था करने दी जाएगी |

केंद्र की ये योजना साल 2021-22 से 2025-26 तक लागू रहेगी, जिसके तहत आठवीं क्लास तक के बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाएगा | पूरी योजना का आर्थिक भारत केंद्र और राज्य की सरकारों पर पड़ेगा, हालांकि केंद्र सरकार राशन का खर्च खुद ही वहन करेगी | योजना के तहत वक्त-वक्त पर ऑडिट, खाने की जांच, अलग-अलग कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा |

पीएम मोदी ने किया ट्वीट:- पीएम पोषण योजना

MyGovIndia के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किए गए एक इन्फोग्राफिक के अनुसार बताया गया है कि इस योजना का लक्ष्य 11.20 लाख स्कूलों में 11.80 करोड़ बच्चों को शामिल करना है | सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूली छात्र इस योजना का लाभ उठाने के पात्र हैं |

शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के अनुसार इसमें से केंद्र सरकार 54061.73 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जबकि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन 31,733.17 करोड़ रुपये प्रदान करेंगे | सरकार ने एक बयान में कहा कि केंद्र खाद्यान्न पर लगभग 45,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करेगा | पहाड़ी राज्यों में केंद्र 90 फीसदी और राज्य 10 फीसदी खर्च करेंगे |

बता दें, मिड डे मील योजना का शुभारंभ साल 1995 में किया गया था | जिसका उद्देशे्य देशभर के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों में पोषण के स्तर को सुधार करना और दिन में कम से कम एख बार बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना था | जो बाद में चलकर स्कूलों में बच्चों के एडमिशन में सुधार करने में सहायक बन गई |

कुपोषण को हर हाल में हराएंगे :-

देश में कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए हम प्रत्येक कदम उठाने के लिए तैयार हैं | पीएम पोषण योजना पर कैबिनेट का फैसला बेहद अहम है और इससे देश के युवा लाभांवित होंगे | यह योजना देश भर के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को गर्म पका हुआ भोजन प्रदान करेगी | मौजूदा मध्याह्न भोजन योजना को कई नए घटकों के साथ पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना में शामिल किया जाएगा |

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