प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को पीएम आवास योजना की शुरुआत की थी। यह योजना शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से लागू है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिन लोगों के पास खुद का पक्का मकान नहीं है।

उन्हें इस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना है। पीएम आवास योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए बैंक से लोन और सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।

इसमें लिए गए लोन पर ब्याज में सब्सिडी मिलती है तथा लोन चुकाने के लिए 20 साल तक का समय मिलता है। इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक वाले व्यक्ति ही नहीं बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्ति जिनके पास रहने को पक्का मकान नहीं है, वे उठा सकते हैं।  

भारत सरकार की ओर से पीएम आवास योजना का लाभ विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिया जाता है जिसमें उन्हें सरकार की ओर से घर खरीदने के लिए 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है।

हालांकि अब मध्यम आय वर्ग को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है। जिससे उन्हें भी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। बता दें कि जिन लोगों की आय तीन लाख रुपए से कम है उन्हें विशेष रूप से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।

योजना की पात्रता के दिए गए मानदंड के अनुसार जिन लोगों की आय 3 से 6 लाख के बीच में होती है उन्हें निम्न आय वर्ग माना गया है। वहीं जिन लोगों की आय 6 से 12 लाख के बीच में है उनको मध्यम आय वर्ग में रखा गया है।

इसके अलावा इसमें उन लोगों को भी मध्यम आय वर्ग की सेकेंड कटेगिरी में शामिल किया गया है जिनकी वार्षिक आय 12 से 18 लाख के बीच हो उन्हें भी सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।

पीएम आवास योजना :

पीएम आवास योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। यह योजना शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से लागू है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिन लोगों के पास खुद का पक्का मकान नहीं है।

उन्हें इस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना है। पीएम आवास योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए बैंक से लोन और सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।

इसमें लिए गए लोन पर ब्याज में सब्सिडी मिलती है तथा लोन चुकाने के लिए 20 साल तक का समय मिलता है। इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक वाले व्यक्ति ही नहीं बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्ति जिनके पास रहने को पक्का मकान नहीं है, वे उठा सकते हैं।  

पीएम आवास योजना के नियमों में हुआ बदलाव :

पीएम आवास योजना के नियमों में जो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, वे इस प्रकार से हैं-

  • पीएम आवास योजना के पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब पीएम आवास योजना में घर आवंटित होने पर आवंटी को कम से कम 5 साल तक उस घर में रहना अनिवार्य होगा।
  • वहीं जो लोग आवंटित किए गए घरों में खुद नहीं रहकर किसी और को किराये पर रख देते हैं और किराये का लाभ ले रहे हैं, ऐसी जानकारी में आते ही सरकार की ओर से उनसे घर वापस लेने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
  • सरकार की ओर से बनाए गए नए नियमों के अनुसार पीएम आवास योजना के तहत आवंटित फ्लैट फ्री होल्ड नहीं होंगे। मतलब ये हैं कि जिन लोगों को फ्लैट दिया गया है, वह लोग किसी दूसरों को फ्लैट किराए पर नहीं दे सकते हैं। कम से कम पांच साल तक तो नहीं।
  • अब पांच साल रहने के बाद ही रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज में सरकार द्वारा बदलाव किया जा सकेगा। इससे पहले रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज में कोई बदलाव नहीं होगा। 
  • पीएम आवास योजना के तहत ऐसा पाया गया कि आपने इसका गलत तरीके से इसका लाभ लिया है तो आप पर कार्रवाई तो होगी ही, साथ ही आपने घर खरीदने लिए जो पैसा जमा कराया है वो वापस नहीं किया जाएगा।
  • नए नियम के मुताबिक पीएम आवास योजना में आवंटित घर को मकान मालिक पांच साल तक नहीं बेच सकता है। यदि ऐसा होता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। 
  • अगर किसी व्यक्ति की जिसके नाम पर घर आवंटित है, यदि उसकी मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में इस मकान को उसके परिवार के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है। 

पीएम आवास योजना 2022: रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज क्या है ?

पीएम आवास योजना के तहत जिन लोगों को इस योजना के तहत मकान का आवंटन किया जाता है, उनके साथ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज किया जाता है। नए नियमों में हुए बदलाव के मुताबिक अब सरकार ये देखेगी कि जिसे घर आवंटित किया गया है वे इस मकान में रहते हैं या नहीं।

कम से कम पांच साल इस मकान में लगातार रहना होगा। इसके बाद ही सरकार की ओर से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज में बदलाव किया जाएगा। यदि इससे पहले आवंटी ने इसे बेचने या किराये पर देने की कोशिश की तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। 

पीएम आवास योजना 2022 में क्यों किया गया बदलाव :

कई लोग ऐसे है जो कि गलत तरीके से पीएम आवास योजना का लाभ लेकर फायदा उठा रहे हैं और इससे गरीब लोगों को मिलने वाला मकान उनको मिल रहा है। इससे पीएम आवास योजना का मुख्य उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है।

बता दें कि पीएम आवास योजना चलाने का सरकार का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब व जरूरतमंद लोगों को रहने के लिए अपना घर उपलब्ध कराना है। इस योजना की खास बात ये हैं कि इस योजना के तहत मकान खरीदने के लिए सरकार से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।

ऐसे में जो सहायता सरकार की ओर से गरीब लोगों को मिलनी चाहिए थी, उसका फायदा सक्षम यानि अमीर लोग भी लाभ उठा रहे हैं। इसी बात को देखते हुए सरकार की ओर से नियमों में बदलाव किया गया है ताकि वास्तविक पात्र व्यक्ति को पीएम योजना के तहत मकान मिल सके जिससे उसके अपना घर का सपना साकार हो सके।

पीएम आवास योजना के नियमों में बदलाव से मिलने वाला लाभ:

  • इस बदलाव से पीएम आवास योजना का मुख्य उद्देश्य हर गरीब और जरूरतमंद को अपना घर मुहैया कराने का सपना साकार हो सकेगा।
  • पीएम आवास योजना के नियमों में किए गए बदलाव से अब गरीबों को इस योजना का लाभ अधिक मिल पाएगा।
  • पीएम आवास योजना में पारदर्शिता आएगी और इसका लाभ वास्तविक पात्र व्यक्ति को मिल सकेगा। 
  • पीएम आवास योजना में गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपना घर बनाने के लिए सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा। 
  • अब घर खरीदने में समक्ष और अमीर लोग इस योजना के तहत गलत तरीके से मकान हासिल नहीं कर पाएंगे। 
  • इससे वास्तविक गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को अधिक से अधिक इस योजना से जुडऩे का मौका मिलेगा। 

  

पीएम आवास योजना का लाभ ये लोग ले सकते हैं :

भारत सरकार की ओर से पीएम आवास योजना का लाभ विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिया जाता है जिसमें उन्हें सरकार की ओर से घर खरीदने के लिए 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है।

हालांकि अब मध्यम आय वर्ग को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है। जिससे उन्हें भी सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। बता दें कि जिन लोगों की आय तीन लाख रुपए से कम है उन्हें विशेष रूप से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।

योजना की पात्रता के दिए गए मानदंड के अनुसार जिन लोगों की आय 3 से 6 लाख के बीच में होती है उन्हें निम्न आय वर्ग माना गया है। वहीं जिन लोगों की आय 6 से 12 लाख के बीच में है उनको मध्यम आय वर्ग में रखा गया है।

इसके अलावा इसमें उन लोगों को भी मध्यम आय वर्ग की सेकेंड कटेगिरी में शामिल किया गया है जिनकी वार्षिक आय 12 से 18 लाख के बीच हो उन्हें भी सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। यह योजना शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से लागू है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिन लोगों के पास खुद का पक्का मकान नहीं है।

उन्हें इस योजना के तहत आवास उपलब्ध कराना है। पीएम आवास योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर आवास उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए बैंक से लोन और सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।

इसमें लिए गए लोन पर ब्याज में सब्सिडी मिलती है तथा लोन चुकाने के लिए 20 साल तक का समय मिलता है। इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक वाले व्यक्ति ही नहीं बल्कि अन्य जरूरतमंद व्यक्ति जिनके पास रहने को पक्का मकान नहीं है, वे उठा सकते हैं।  

पीएम आवास योजना के तहत अब तक कितने घरों का हुआ निर्माण :

  • पीएम आवास योजना का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को अपना खुद का पक्का घर उपलब्ध कराना है। अब तक इस योजना में 1.29 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। 
  • सरकार ने इस योजना के पहले चरण में लगभग 1 करोड़ पक्के मकान बनाने का लक्ष्य रखा था जिसके तहत 91.22 लाख पक्के मकान बनवाए गए थे। इन मकानों को बनवाने के लिए कुल 1.13 लाख करोड़ रुपए का खर्च आया था। 
  • इस योजना के दूसरे चरण में 1.23 करोड पक्के मकान बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। परंतु इसमें से केवल 91.93 लाख मकान ही इस चरण में बनवाए गए। इसके लिए सरकार द्वारा कुल 72000 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के इन दोनों चरणों को मिलाकर अब तक सरकार द्वारा लगभग 2.23 करोड़ मकान बनवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन इस लक्ष्य को पूरा नहीं हो पाया है। अब तक कुल 1.83 करोड़ मकान ही इस योजना के तहत बनवाए गए हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here