नमस्कार दोस्तों, आप सभी ने ऑपरेशन ऑक्टोपस का नाम तो सुना ही होगा और साथ ही आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि ऑपरेशन ऑक्टोपस क्या है? दोस्तों तो आप आज बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि ऑपरेशन ऑक्टोपस क्या है? इसके अलावा और भी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ शुरू करते हैं इस आर्टिकल को।

Operation Octopus

ऑपरेशन ऑक्टोपस (Operation Octopus ) क्या है ?

दोस्तों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों ने बताया है कि इस हफ्ते की शुरुआत में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के परिसरों पर छापेमारी को ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ नाम दिया गया है। आपको बता दें की ऑपरेशन में लगे सभी 300 अधिकारियों को छापेमारी के दौरान चुप रहने को कहा गया. एजेंसियां पीएफआई के पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करना चाहती हैं। दोस्तों ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ के तहत 100 से अधिक PFI सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और लगभग 200 को हिरासत में लिया गया। ईडी और एनआईए ने जांच के दौरान पाया है कि पीएफआई के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।

ऑपरेशन ऑक्टोपस में खुलासे (Revelations in Operation Octopus )-

दोस्तों आपको बता दें की इस ऑपरेशन के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ सालों में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों के खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए गए हैं.दोस्तों  इसमें से अधिकांश नकद में जमा किया गया था जो अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों से था। विदेशों से भी पैसा जमा किया गया। इस फंड से अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।

NIA ने कहा PFI ने फैलाई भारत के प्रति नफरत –

दोस्तों आपको बता दें की एनआईए ने दावा किया है कि पीएफआई और उसके नेताओं के कार्यालयों पर देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों में अत्यधिक संवेदनशील सामग्री मिली है, जिसमें एक खास समुदाय के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है.

दोस्तों आपको बता दें की कोच्चि की विशेष एनआईए अदालत को सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में, जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि चरमपंथी इस्लामी संगठन ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए धोखा दिया।

जांच में क्या निकला

ईडी की छापेमारी के बाद पीएफआई सदस्य मोहम्मद अहमद बेग को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. ईडी की जांच में पता चला है कि पीएफआई ने विदेशों में पैसा इकट्ठा किया और उन्हें अवैध रूप से भारत भेजा, ताकि वह विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून से बच सके।

पीएफआई के सदस्य दूसरे राज्यों से आ रहे थे और मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने का काम कर रहे थे। प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को भ्रमित कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे। लखनऊ से गिरफ्तार वसीम अहमद के पास से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, एक डायरी, बैंक पासबुक आदि बरामद किया गया है. लैपटॉप से कई जानकारियां ली गई हैं।

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