झारखंड नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना 2021 के बारे में जानें

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झारखंड नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना

झारखंड नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना 2021:-

झारखंड सरकार ने राज्य भर में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए एक साल पहले नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना 2021 (Nilamber Pitamber Jal Samriddhi Yojana 2021) शुरू की थी |

इस साल, सरकार मनरेगा के तहत बिरसा हरित ग्राम योजना (Birsa Harit Gram Yojana), नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना (Nilamber Pitamber Jal Samriddhi Yojana), वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना (Veer Shahid Poto Ho Khel Vikas Yojana) और दीदी बड़ी योजना (Didi Badi Yojana) शुरू की है |

झारखंड राज्य में प्रति वर्ष औसतन 1,300 से 1,400 मिमी वर्षा होती है | हालाँकि, इस वर्षा जल का लगभग 70% भाग बह जाता था क्योंकि राज्य का 70% भाग पठारी है | इसके अतिरिक्त, झारखंड में छोटे चेक डैम जैसी भंडारण सुविधाएं नहीं हैं जो पानी के मूसलाधार प्रवाह को रोक सकती हैं और इसका उपयोग सिंचाई के लिए कर सकती हैं | परिणामस्वरूप लातेहार, गढ़वा और पलामू जैसे जिलों को जल संकट का सामना करना पड़ा |

इसी समस्या के समाधान के लिए झारखंड नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना शुरू की गई है | नीलांबर पीतांबर योजना के तहत झारखंड में पहाड़ों के पास और सैकड़ों गांवों में खुले बोल्डर चेक डैम बनाए गए हैं | ये वर्षा जल के मुक्त प्रवाह को नियंत्रित करने और भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं |

इसके अतिरिक्त, ट्रेंच-कम-बंड (TCB) के निर्माण से वर्षा जल के संरक्षण में मदद मिली है | मनरेगा के तहत सिंचाई के कुओं के निर्माण से किसान अब बड़े पैमाने पर ड्रिप सिंचाई सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं |

Impact of Nilambar Pitambar Jal Samridhi Yojana:-

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि नीलांबर पीतांबर योजना के तहत किए गए प्रयास अब परिणाम दिखा रहे हैं | ग्रामीण सरकार की योजना से जुड़कर जल संरक्षण की पहल कर रहे हैं और इससे कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ गांवों की समृद्धि में भी मदद मिली है |

यह योजना राज्य में 4,000 पंचायतों में क्रियान्वित की जा रही है | कई जिलों में, बंजर खेत कथित तौर पर फिर से हरे हो गए हैं और खेती के लिए उपयोग किए जा रहे हैं | इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके संबंधित गांवों और पंचायतों में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं |

नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत राज्य में 3,32,963 योजनाओं को लागू करने का लक्ष्य रखा गया था | इसके खिलाफ 1,97,228 योजनाएं पहले ही पूरी की जा चुकी हैं | शेष 1,35,735 योजनाओं पर काम चल रहा है |

नीलाम्बर पीताम्बर योजना के प्रमुख बिन्दु:-

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले बेरोजगारों, मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के साथ उनका विकास करना |
  • ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना |
  • जल संरक्षण और इस कार्य के तहत भूजल पुनर्भरण ईकाइयों का निर्माण करना |
  • इन कार्यों के जरिये राज्य के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना |
  • लातेहार, पलामू, गढ़वा जैसे पानी के संकट वाले जिलों में भूगर्भ जल में वृद्धि करना |
  • खेत के पानी को खेत में एवं गांव का पानी गांव में ही रोकना |
  • राज्य के प्रवासी श्रमिकों व अन्य श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना |
झारखंड नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना

नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना की विशेषताएं एवं लाभ:-

  • इस योजना को शुरू करने का सरकार का मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बेरोजगार मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के साथ ही उनका विकास करना, ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, और साथ ही जल का संरक्षण करना भी है |
  • नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना को भी झारखंड सरकार ने झारखण्ड के एक शहीद जवान के नाम से शुरू किया है |
  • इस योजना में जल संरक्षण के लिए किये जाने वाले कार्य में भूजल पुनर्भरण, वर्षा के जल का भण्डारण कर कृषि जल भण्डारण इकाइयों का निर्माण करना एवं भूजल को चलाना आदि शामिल है | और इन्हीं कार्यों को करने के लिए मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा हैं इसके बदले में उन्हें अच्छा खासा वेतन भी दिया जायेगा |
  • इस योजना से राज्य के ऐसे जिलों को लाभ मिलेगा, जहां सूखे के कारण पलामू, गढ़वा एवं लातेहार जैसी बारहमासी पानी की समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ता हैं | इससे जल की उपलब्धता में भी वृद्धि होगी |
  • इस योजना को शुरू कर राज्य सरकार ने दूसरे राज्य से आने वाले 5 – 6 लाख प्रवासी श्रमिकों के साथ ही कई सारे अन्य श्रमिकों के लिए अगले 5 साल के लिए रोजगार सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया हैं |
  • इस योजना के माध्यम से सरकार ने लगभग 5 एकड़ खेती के लिए योग्य भूमि की सिंचाई करने का भी फैसला किया हैं |
  • इस योजना के माध्यम से खेत का पानी खेत में रोका जा सकेगा, जिससे विभिन्न माध्यमों से खेती करने वाले किसानों को भी लाभ मिलेगा |
  • इस योजना से सालाना लगभग 5 लाख करोड़ लीटर जल का संरक्षण बढ़ सकेगा |
  • सार्वजनिक स्थानों में बनायें गये हैण्डपंप, कुआं आदि के लिए भी यह योजना कारीगर सिद्ध हो सकती हैं |

नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना में पात्रता मापदंड:-

आवेदक को झारखण्ड का निवासी होना अनिवार्य है |
योजना में ऐसे मजदूरों को आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी जिनके पास एक भी रोजगार नहीं है |
योजना को ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ – साथ वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया है, इसलिए इसमें केवल ग्रामीण क्षेत्र के लोग ही शामिल हो सकते हैं |
इस योजना में ऐसे प्रवासी मजदूरों को विशेष रूप से लाभ दिया जायेगा | जिनका देश में वर्तमान में लगे लोकडाउन के चलते बुरा हाल हैं | उनके पास पैसे कमाने का कोई भी साधन नहीं है |

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