Navjot Singh Sidhu:-
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल कारावास की सजा सुनाई है | 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को महज 1000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया था |
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि 2018 के फैसले में एक त्रुटि है, जिसे सुधारने की आवश्यकता है | शीर्ष अदालत ने कहा कि वह एक महत्वपूर्ण पहलू पर गौर करने से चूक गया था कि सिद्धू एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर थे, जिनकी अच्छी कद काठी थी |
नवजोत सिंह सिधु को हम पूर्व क्रिकेटर होने के साथ ही एक नेता और टेलीविजन व्यक्तित्व के रूप में जानते है | दिसम्बर 1999 में क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद वो राजनीति में शामिल हो गए थे | वे 2004 से 2014 तक अमृतसर से लोकसभा के सदस्य थे |
वह अप्रैल 2016 में राज्य सभा के लिए बीजेपी से नामांकित भी हुए थे | हल ही में उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और उन्होंने सितम्बर 2016 में एक नई पार्टी बनाई है जिसका नाम है आवाज़ ए पंजाब |
नवजोत सिंह सिधु की व्यक्तिगत जानकारी:- Navjot Singh Sidhu Biography
नाम | नवजोत सिंह सिधु |
उपनाम | सिक्सर सिधु, शेरी पाजी और स्विधू पाजी |
व्यवसाय | राजनीति, क्रिकेटर और कमेंटेटर |
उच्चाई | 6 फीट 2 इंच |
वजन | 84 किलो ग्राम |
शारीरिक बनावट | सीना-42 इंच, बाइसेप्स 14 इंच |
आँखों का रंग | हल्का भूरा |
बालों का रंग | काला |
पसंदीदा क्रिकेटर | सचिन तेंदुलकर |
राशि | तुला राशि |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | सिख |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
सैलरी | 6 लाख |
कुल कमाई | 15 करोड़ |
पता | मुम्बई |
पसंद | इंटरनेट सर्फिंग और हमेशा कुछ नया सोचना और करना |
नवजोत सिंह सिधु का जन्म और शिक्षा:- Navjot Singh Sidhu
नवजोत सिंह सिधु का जन्म एक जाट सिख परिवार में 20 अक्टूबर 1963 को भारत के राज्य पंजाब के पटियाला में हुआ था | सिधु की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पटियाल के यादविंद्र पब्लिक स्कूल में हुई |
कॉलेज की पढाई उन्होंने पंजाब युनिवर्सिटी के मोहिन्द्र कॉलेज, चंडीगढ़ से की | फिर कुछ समय के बाद अध्ययन करने के लिए सिधु मुम्बई आ गये, और उन्होंने मुम्बई के एचआर कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से पढाई की |
नवजोत सिंह सिधु का पारिवारिक जीवन:-
उनके परिवार में उनके माता पिता के अलावा उनकी पत्नी और दो बच्चे है | उनके पिता का नाम भगवंत सिंह था वो एक क्रिकेटर थे | उनकी पत्नी का नाम नवजोत कौर सिधु है वह एक डॉ. है साथ ही वह पंजाब विधानसभा की पूर्व सदस्य रह चुकी है | उनके दो बच्चे एक बेटा है जिसका नाम करण है और एक बेटी है जिसका नाम राबिया है |
नवजोत सिंह सिधु का क्रिकेट में करियर:-
नवजोत सिंह ने अपने कैरियर की शुरुआत 18 साल की उम्र में प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर के रूप में अपने मूल राज्य की तरफ से खेलकर की थी | उन्होंने अपने अन्तर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1983 में की थी |
12 नवम्बर 1983 में अहमदाबाद में हुए टेस्ट मैच में वेस्ट इंडीज के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 19 रन बनाये थे | उसके बाद उन्होंने 1990 में मैच खेला और कोई भी विकेट नहीं लेने के कारण निकाल दिए गए थे | उसके बाद फिर अगले मैच में भी उन्होंने कोई रन नहीं बनाया |
1987 के भारत विश्व कप क्रिकेट में उन्होंने 73 रन बनाये इस बार उन्होंने कुल 5 मैचों में से 4 में अर्द्धशतक जडा था, लेकिन भारत इंग्लैण्ड के खिलाफ सेमीफाईनल में हार गया था | उन्होंने अपना पहला वनडे शतक पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में लगाया था जोकि 1989 में हुआ था |
फिर इंग्लैंड के खिलाफ ग्वालियर में उन्होंने 134 रन बनाये थे, यह मैच 1999 में हुआ था | इस वक्त को उनके 16 साल के करियर का सबसे अच्छा वक्त कहा गया था | उसी वक्त उन्होंने सेवानिवृत्त होने का फैसला कर लिया |
1997 में वेस्ट इंडीज दौरे के समय उन्होंने दोहरा शतक मारा था | सिधु और मोहम्मद अजहरुदीन के बीच 1996 में इंग्लैण्ड दौरे के समय मतभेद हो गया था, जिस वजह से वो टीम से बाहर हो गए थे | फिर उन्होंने टीम में वापसी की और दुसरे टेस्ट मैच जोकि क्वीन पार्क ओवल में हुआ था, उसमे उन्होंने 2 शतक बनाये थे |
फिर एक मैच में उन्होंने 201 रन बनाया जो उनका सबसे उच्चतम स्कोर था | श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 124 रन बनाये जिनमे उनके 8 छक्के शामिल थे | फिर ऑस्ट्रेलिया में पांच पारी में उन्होंने 415 रन बनाये |
उन्होंने sherryontopp.com नामक एक वेवसाइट शुरू की, जिसमे खेल व्यक्तित्व, राजनीतिज्ञ और कमेंटेटर सभी लोग इस वेवसाइट पर अपने पक्ष रखते है | इसमें महान क्रिकेटर कपिल देव के साथ ही अमिताभ बच्चन जैसी शख्सियत भी शामिल है |
नवजोत सिंह सिधु का कमेंटेटर के रूप में करियर:-
सिधु ने एक कमेंटेटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत 2001 में भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे से किया था | एक कमेंटेटर के रूप में उन्हें उनके एक लाइन की टिपण्णी के लिए सिधुइज्मस कहा जाता था |
कमेंटेटर के रूप में उन्होंने इएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स पर काम किया, और एक अपवादित टिप्पणी की वजह से इएसपीएन ने उन्हें निष्कासित कर दिया था | उसके बाद उन्होंने टेन स्पोर्ट्स के लिए भी काम किया | वह विभिन्न भारतीय चैनल पर एक क्रिकेट विश्लेषक के रूप में भी अपनी बातों को रखते हुए दिखते है | 2012 में इएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स के लिए वे फिर से काम करना शुरू कर दिए थे |
नवजोत सिंह सिधु का राजनीति में करियर:-
नवजोत सिंह सिधु ने 2004 के भारतीय आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अमृतसर से जीत हासिल की थी | फिर अदालत में उनके खिलाफ मामला चलने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था |
इसके बाद फिर उन्होंने बहुमत से उपचुनाव में जीत हासिल कर यह सिद्ध कर दिया था कि जनता के बीच अब भी उनकी गहरी पैठ है | जब 2009 में आम चुनाव हुए तो भी नतीजे उनके पक्ष में आये, जिसमे उन्होंने कांग्रेस के नेता ओम प्रकाश सोनी को 6858 वोटो से हराया और वे अपने अमृतसर की सीट को जीत के साथ बरकरार रखने में कामयाब रहे |
लेकिन जब 2014 का भारतीय आम चुनाव हुआ, तो उसमे बीजेपी की तरफ से उन्हें अमृतसर के लिए टिकट नहीं मिली जिस वजह से उन्होंने दुःख जाहिर किया और कहा कि ‘अमृतसर वह स्थान है, जहाँ से मैंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की है |
मैंने यहाँ पर काम किया है, यहाँ की जनता से मैंने वादा किया है कि मै इस जगह को छोड़ कर कभी भी कही नहीं जाऊंगा | मै अमृतसर से ही चुनाव लडूंगा, अन्यथा मै चुनाव नहीं लडूंगा’ सिधु अपने इस फैसले पर दृढ भी रहे |
सिधु ने 28 अप्रैल 2016 को राज्यसभा के सदस्य के रूपमें शपथ ग्रहण की थी, लेकिन कुछ ही महीनों के बाद 18 जुलाई 2016 को राजसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था| उसके बाद उन्होंने परगट सिंह और बैंस के साथ मिलकर एक नई पार्टी का गठन किया जिसका नाम उन्होंने ‘आवाज़ ए पंजाब’ रखा |
यह पार्टी पंजाब के खिलाफ काम करने वालों का विरोध करती है और उनके खिलाफ लडाइयां लडती है | सिधु भारतीय जनता पार्टी से नाराजगी को जाहिर करते हुए जनवरी 2017 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए, और पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर के पूर्वी क्षेत्र से लड़े और उन्होंने बहुमतों के बहुत बड़े अंतर से चुनाव जीता | ये अंतर 42,809 मतों का था | उसके बाद उन्होंने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की |
नवजोत सिंह सिधु अवार्ड और उपलब्धियां:-
नवजोत सिंह सिधु ने कुल 51 टेस्ट मैच खेले है, जिनमे उन्होंने 3202 रन बनाये है | और वनडे मैच उन्होंने 136 खेले है जिसमे उन्होंने 4413 रन बनाये है | उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ 6 जनवरी 1999 मे खेला था और अंतिम वनडे मैच 20 सितम्बर 1998 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था |
- 1993, 1994 और 1995 उन्होंने इस प्रत्येक साल में 5 – 5 सौ से अधिक रन बनाये |
- 1994 में वनडे में उनका स्कोर 884 था | सिधु पहले ऐसे भारतीय बल्लेबाज है जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में 5 शतक लगाये हुए है |
- 1996 से 1997 में 11 घंटे के अन्तराल पर ही उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 201 रन बनाये थे |
नवजोत सिंह सिधू की शायरी:-
Experience is like a comb that life gives you when you are bald.
अनुभव एक कंघी तरह हैं जो कि जिंदगी तुम्हे देती हैं जब तुम गंजे होते हो.
Anybody can pilot a ship when the sea is calm.
जब समुद्र शांत हैं तब कोई भी जहाज चला सकता हैं |
Nobody travels on the road to success without a puncture or two.
कोई भी सफलता के मार्ग में बिना रूकावट के आगे नहीं बढ़ सकता.
The cat with gloves catches no mice.
बिल्ली दस्ताने के साथ चूहे नहीं पकड़ सकती.
We are all Adam’s children – it’s just the skin that makes all the difference.
हम सभी आदम के बच्चे हैं यह बस हमारी त्वचा हैं जो हमें भिन्न बनाती हैं
मैं एक सैनिक हूँ और अपने नेताओं के मार्गदर्शन पर चलूँगा.
Nothing ventured, nothing gained. And venture belongs to the adventurous
बीना जोखिम कुछ नहीं मिलता| जोखिम बहादुरी से आता हैं.
You can’t play a symphony alone, it takes an orchestra to play it.
तुम एक वाद्य वृन्द रचना अकेले नहीं कर सकते तुम्हे उसके लिए पुरे ओर्केस्ट्रा की जरुरत होगी.
One who doesn’t throw the dice can never expect to score a six.
जो कभी पासा नहीं चलता कभी 6 अंक की उम्मीद नहीं कर सकता.
There is light at the end of the tunnel for India, but it’s that of an oncoming train which will run them over.
भारत के लिए सुरंग के अंत में प्रकाश हैं लेकिन उसकी तरफ आने वाली रेल उसे कुचल देगी.
You got to choose between tightening your belt or losing your pants.
आपको दोनों में से चुनना होगा या तो आप अपनी पतलून को बेल्ट से बाँध सकते हैं यह उसे गँवा सकते हैं.
Age has been the perfect fire extinguisher for flaming youth
उम्र जोश को ठंडा करने का सबसे उत्तम जरिया हैं.