राष्ट्रीय युवा दिवस 2022:-

राष्ट्रीय युवा दिवस 2022 (National Youth Day) प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी के दिन मनाया जाता है | भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी | यह दिन महान दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरू स्‍वामी विवेकानंद जी की जयंती का दिन है |

स्वामी विवेकानंद का जीवन और विचार दोनों ही प्रेरणा के स्त्रोत हैं | इसे मानाने का मुख्य उद्देश्य भारत के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों और विचारों को देश भर के भारतीय युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना है और ताकि वो इन्हें अपने जीवन में शामिल कर सकें |

राष्ट्रीय युवा दिवस 2022: क्यों मनाया जाता है 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस?

स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के विचारों पर चलकर लाखों युवाओं के जीवन में बदलाव आया | विवेकानंद जी ने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था | उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है | वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे |

इसे आधुनिक भारत के निर्माता स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को याद करने के लिये मनाया जाता है | राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा इसे पहली बार घोषित किया गया था | तब से (1985), पूरे देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में इसे मनाने की शुरुआत हुई |

Famous quotes of Swami Vivekananda in Hindi:- राष्ट्रीय युवा दिवस 2022

“यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है तो जहर उगलने वाला भी आपका कुछ नही बिगाड़ सकता।”

“हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति।”

“अनेक देशों में भ्रमण करने के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि संगठन के बिना संसार में कोई भी महान एवं स्थाई कार्य नहीं किया जा सकता।”

“संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।”

“शिक्षा क्या है ? क्या वह पुस्तक-विद्या है ? नहीं। क्या वह नाना प्रकार का ज्ञान है ? नहीं, यह भी नहीं। जिस संयम के द्वारा इच्छाशक्ति का प्रवाह और विकास वश में लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है।”

“हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।”

“हम भगवान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उनको अपने दिल और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।”

“पीड़ितों की सेवा के लिए आवश्यकता पड़ने पर हम अपने मठ की भूमि तक भी बेच देंगे। हजारों असहाय नर नारी हमारे नेत्रों के सामने कष्ट भोगते रहें और हम मठ में रहें, यह असम्भव है। हम सन्यासी हैं,वृक्षों के नीचे निवास करेंगे और भिक्षा मांगकर जीवित रह लेंगे।”

राष्ट्रीय युवा दिवस 2022

 “किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।”

“वह नास्तिक है, जो अपने आप में विश्वास नहीं रखता।”

“जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है। यह अग्नि का दोष नहीं है।”

“यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे। किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दोगे, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचायेंगे।”

“धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती।”

“यह देश धर्म, दर्शन और प्रेम की जन्मभूमि है। ये सब चीजें अभी भी भारत में विद्यमान है। मुझे इस दुनिया की जो जानकारी है, उसके बल पर दृढतापूर्वक कह सकता हूं कि इन बातों में भारत अन्य देशों की अपेक्षा अब भी श्रेष्ठ है।”

“हमे ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।”

“तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है। आपकी अपनी आत्मा के अलावा कोई दूसरा आध्यात्मिक गुरु नहीं है।”

“शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सब मनुष्यों में पहले से विद्यमान है।”

“प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है। इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है। वह जो प्रेम करता है जीता है। वह जो स्वार्थी है मर रहा है। इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है। वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो।”

“बल ही जीवन है और दुर्बलता मृत्यु ।”

“अगर स्वाद की इंद्रिय को ढील दी, तो सभी इन्द्रियां बेलगाम दौड़ेगी।”

“किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।”

“धर्म कल्पना की चीज नहीं है, प्रत्यक्ष दर्शन की चीज है। जिसने एक भी महान आत्मा के दर्शन कर लिए वह अनेक पुस्तकी पंडितों से बढ़कर है।”

“मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।”

Frequently Asked Questions(FAQs):-

राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी के दिन मनाया जाता है |

राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है ?

स्‍वामी विवेकानंद जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है |

भारत सरकार द्वारा 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कब की थी ?

वर्ष 1984 में

पहला राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया गया था?

वर्ष 1985 में

स्वामी विवेकानंद का जन्म कब हुआ था?

12 जनवरी 1863 को

स्वामी विवेकानंद का जन्म कहाँ हुआ था?

कलकत्ता में

स्‍वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम क्या था?

उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त था

स्‍वामी विवेकानंद जी कौन थे?

स्‍वामी विवेकानंद जी महान दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरू हैं |

स्वामी विवेकानंद किससे प्रभावित हुए थे ?

रामकृष्ण के रहस्यमय व्यक्तित्व ने उन्हें प्रभावित किया, जिससे उनका जीवन बदल गया | 1881 में रामकृष्ण को उन्होंने अपना गुरु बनाया | संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद हुआ |

स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण परमहंस को अपना गुरु क्यों बनाया?

रामकृष्ण देव समाधि की आखिरी अवस्था में थे, इसलिए उन्हें परमहंस की उपाधि दी गई थी | – रामकृष्ण ने विवेकानंद को अपना शिष्य बनाया क्योंकि उनमें बुद्धि और तर्क करने की क्षमता थी | – गुरु ने विवेकानंद के हर प्रश्न का समाधान कर उनकी बुद्धि को भक्ति में बदल दिया था |

स्वामी विवेकानंद ने कौन से ज्ञान को सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाया?

विवेकानंद जी का बाल संस्कार धर्म और संस्कृति पर आधारित था | उन्हें बाल संस्कार के रूप में वेद – वेदांत , भगवत , पुराण , गीता आदि का ज्ञान मिला था | जिस व्यक्ति के पास इस प्रकार का ज्ञान हो वह व्यक्ति महान हो जाता है |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here